Allahabad: मुझे इंसाफ चाहिए. अब मैं साबित कर दूंगी कि मेरा शारीरिक शोषण करने वाला कोई और नहीं बल्कि पूर्व नगर विकास मंत्री दद्दू प्रसाद हैं.

 

मैनें बेटे को जन्म सिर्फ इसलिए दिया है ताकि वह बड़ा होकर अपनी मां पर हुए अत्याचार का बदला ले सके। जान सके कि उसका बाप कौन है? उसे उसका हक मिल सके। यह तेवर हैं उस मां के जिसने मंडे को सिटी के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में अपने बच्चे को जन्म दिया। इस बच्चे का पिता तय नहीं है क्योंकि जिस व्यक्ति को यह महिला बच्चे का पिता बताती है वह इसे सिरे से खारिज कर चुका है। इस महिला का कहना था कि सत्ता पक्ष में होने के कारण उसे क्लीन चिट मिल गई थी। अब सरकार नहीं है तो उम्मींद जगी है। जरूरत पड़ी तो बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाऊंगी। तब तक लड़की रहूंगी, जब तक सांसें चलेंगी और बच्चे को उसका हक नहीं मिल जाएगा। कौन यह है यह महिला। क्या ऐसा हुआ कि उसे बिन ब्याही मां बनना पड़ा?
बलात्कार का लगाया था आरोप 

बसपा शासन में दद्दू प्रयास ग्राम्य विकास मंत्री थे। उनका पीए अंगद था जो उनके प्रोफेशनल से लेकर पर्सनल तक सारे काम देखता था। एक दिन जॉब के सिलसिले में अंगद से मिलने कमला कुशवाहा नाम की लड़की पहुंची। कमला का आरोप है कि जॉब दिलाने के बहाने वह बार-बार अपने ऑफिस बुलाने लगा। उसने आरोप लगाया कि इसी दौरान मंत्री की नजर उस पर पड़ गई और उन्होंने जॉब दिलाने के नाम पर उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। इस दौरान अंगद भी उनके साथ लगा रहता था। वह भी कमला का शारीरिक शोषण करने लगा। एक बार यह सिलसिला शुरू हुआ तो फिर चलता रहा। इसी दौरान वह प्रेग्नेंट भी हो गई। यह जानते ही उसे दोनों ने दुत्कार दिया जॉब दिलाना तो दूर की बात थी। इंसाफ के लिए वह मंत्री की वाइफ से मिली लेकिन वहां भी उसे निराशा ही हाथ लगी।

जान लेने तक की कोशिश

कमला का आरोप है कि लास्ट इयर अक्टूबर मंथ में उसे धोखा देकर दोनों ने घर बुलाया और खाने में जहर मिलाकर दे दिया। भगवान का शुक्र था कि वह मौत की नींद सोने से पहले हॉस्पिटल पहुंच गई। इसी दौरान मीडिया में यह खबर उछली और चर्चा का विषय बन गई. 

मंत्री के खिलाफ रेप का मुकदमा 

इसके बाद पुलिस ने कमला कुशवाहा की तहरीर पर मंत्री दद्दू प्रसाद और उनके पीए अंगद के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर लिया। एक मंत्री पर आरोप साबित करना टेढ़ी खीर था। ऐसे में वही हुआ जो हर केस में होता है। मंत्री को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस ने अंगद को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। लेकिन, कमला अब भी इंसाफ पाना चाहती थी। उसने फिर आवाज उठाई तो जान से मारने की धमकी मिलने लगी. 

सुरक्षा के चलते आ गई इलाहाबाद

अब कमला खुद को चित्रकूट में असुरक्षित महसूस करने लगी। लिहाजा वह इलाहाबाद आ गई। उसने तमाम विरोधों के बाद भी बिन ब्याही मां बनने का फैसला लिया। इस चक्कर में वह लगभग अकेली पड़ गई लेकिन हौसला नहीं खोया। कुछ दिन पहले डिलीवरी की डेट नजदीक आने पर वह हर्ॉिस्पटल में एडमिट हो गई। यहां भी उसे काफी संघर्ष करना पड़ा. 

सुबह चार बजे बच्चे ने लिया जन्म 

कमला ने सिटी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में सावन के पहले सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे अपने बेटे को जन्म दिया। हालत गंभीर होने पर उसे सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। इसी दौरान उसने अपनी आपबीती एक बार फिर से मीडिया को बताई। गुहार लगाई कि प्रशासन उसकी मदद करे। उसके पास अब ट्रीटमेंट कराने तक का पैसा नहीं है. 

 इलाहाबाद पुलिस को मिली है जांच 

कमला को इंसाफ दिलाने के लिए इस मामले की जांच अब चित्रकूट पुलिस से लेकर इलाहाबाद पुलिस को सौंप दी गई है। दो महीने से इस केस की जांच कोतवाली इंस्पेक्टर इंद्रजीत चुतर्वेदी कर रहे हैं। कोतवाली इंस्पेक्टर ने बताया कि कमला के प्रेग्नेंट होने की जानकारी उन्हें थी। वह कमला का बयान भी दर्ज कर चुके हैं। मामले की जांच की जा रही है. 

पूर्व सीएम साहब भी फंसे हैं 

अपने बेटे का हक दिलाने के लिए जिस तरह आज कमला लड़ रही है ठीक उसी तरह एक और महिला काफी समय से लड़ रही है। वहां भी मामला काफी पॉवर वाला है। उस महिला ने पूर्व मुख्य मंत्री एनडी तिवारी पर आरोप लगाया था कि वह उसके पति हैं। जिस बच्चे को उसने जन्म दिया, उसका पिता कोई और नहीं बल्कि एनडी तिवारी है। अब मामला डीएनए टेस्ट कराकर दूध का दूध और पानी का पानी करने का चल रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद पिछले दिनों एनडी तिवारी टेस्ट के लिए खून देने को तैयार हुए थे।

 

Posted By: Inextlive