वो तीन कौन थे, जिन्होंने की थी मुलाकात
पुलिस के मुताबिक दो दिन पहले तीन लोगों ने जेल में बंद थे बददो से की थी मुलाकात
सभी के पते फर्जी और मोबाइल नंबर आ रहे बंद मुलाकात करने वाले उन तीन लोगों की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक बदन छोटे-मोटे केसों में बंद बदमाशों को कर रहा गैंग में भर्तीMeerut। शनिवार को कसाना गेस्ट हाउस के मालिक मेहरचंद कसाना की गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी है। हालांकि पुलिस ने हत्या की साजिश रचने में गाजियाबाद जेल में बंद बदन सिंह बद्दो पर मुकदमा दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने गाजियाबाद की जिला जेल के मिलाई रजिस्टर को कब्जे में लिया है। क्राइम ब्रांच टीम के इंचार्ज जयवीर सिंह के मुताबिक जेल में मिलाई के रजिस्टर की जांच में पता चला है कि दो दिन पहले जेल में बदन से तीन लोग मिलने आए थे। फिलहाल उन तीनों लोगों द्वारा मिलाई रजिस्टर में दिए गए पते फर्जी निकले और मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं।
जेल से चला रहा नेक्ससगत 1996 में एडवोकेट रविंद्र पाल सिंह की हत्या के आरोप में बदन सिंह गाजियाबाद की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सूत्र बताते हैं कि बदन जेल से ही मेरठ समेत पश्चिमी उप्र के कारोबारियों से फोन व लेटर रंगदारी की मांगता है और फिर उसके गुर्गे तय जगह और समय पर रंगदारी वसूलते हैं। इसके साथ बदन सिंह अपने नेक्सस को मजबूत करने के लिए जेल में छोटे-मोटे केसों में बंद बदमाशों को अपने गैंग में भर्ती कर रहा है। शनिवार को कसाना गेस्ट हाउस के मालिक की हत्या के मामले में भी बदन सिंह बद्दो का नाम उछल रहा है।
सुबूत जुटा रही पुलिस टीपी नगर थाना क्षेत्र के बेरीपुरा निवासी बदन सिंह बद्दों पर करीब 42 मुकदमें दर्ज थे। अधिकतर मुकदमें में गवाह न मिलने के कारण वह बरी भी हो चुका है। इसलिए इस बार पुलिस का कहना है कि बदन सिंह बद्दों के खिलाफ मजबूत सुबूत जुटाए जा रहे हैं। साथ ही कुछ ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है, जो बदन सिंह के खिलाफ कोर्ट में गवाही दे सकें। सभी रास्तों से वाकिफ थे शूटरकसाना गेट हाउस के बराबर में कंफेक्शनरी है और उसके बराबर में पांच सौ गज का खाली प्लॉट पड़ा है। प्लॉट के चारों तरफ 15 फिट ऊंची बाउंड्री वॉल है और अंदर ऊंची-ऊंची घास उगी है। प्लॉट में एक गेट लगा है, जो प्रताप विहार की तरफ खुलता है। मेहरचंद के बेटे अजय के मुताबिक दो बदमाश गोलियां बरसाकर उसी प्लॉट में कूदकर प्रताप विहार की तरफ फरार हुए थे। इसका मतलब साफ है कि बदमाश परतापुर के सभी रास्तों से वाकिफ थे।