युवा बोले, पढ़ा-लिखा नेता ही समझ सकता है एजुकेशन की वैल्यू

वादे वाली नहीं हकीकत की जमीन पर काम करने वाली सरकार चाहिए

Meerut। एजुकेशन की जड़ें मजबूत नहीं होंगी तो एजुकेशन के क्षेत्र में कैसे सुधार होगा। इसके लिए बेसिक लेवल पर ही पहल करनी होगी और इस बात को वही बड़ी गंभीरता से समझ सकता है, जो एजुकेशन की वैल्यू को समझता हो। इसी तरह के विचारों के साथ मिलेनियल्स ने राजनीतिक चर्चा की शुरुआत की। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा मिलेनियल्स स्पीक कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को इंजीनियर्स डॉक्टर्स पाइंट पीएल शर्मा रोड पर किया गया। इस दौरान युवाओं ने एजुकेशन, किसान, सुरक्षा, स्कील डवलपमेंट समेत तमाम विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। कुछ मुद्दों पर युवा जरूर एक-दूसरे से सहमत दिखे लेकिन कुछ पर युवाओं अपने अलग-अलग विचार जोशों-खरोश के साथ सामने रखे।

पढ़े-लिखे की जरूरत

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा आयोजित मिलेनियल्स स्पीक कार्यक्रम में सौरभ ने कहा कि समाज को एजुकेटेड नेता की सख्त जरुरत है। कारण, अगर एजुकेटेड पॉलिटिशियन नहीं होंगे तो वे कैसे समझेंगे कि समाज को कैसे आगे लेकर जाना है। वे कैसे समझेंगे कि कैसे समाज की कुरीतियों और रूढि़वादिता को दूर करना है। तालिब ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक बात बताइए कि अगर आपकी सोच क्रिमनल होगी तो आपका समाज में उसी और उसी विचारधारा के तहत ही काम करेंगे और करने देंगे। गलत कामों ही बढ़ावा देंगे न। इसी बीच मोनिका ने कहा कि सहीं बात है, जब तक हमारे समाज का नेता पढ़ा-लिखा नहीं होगा, तब तक न तो वास्तविक रुप से क्षेत्र का विकास होगा न ही समाज का।

एजुकेशन के लेवल पर हो काम

सिद्धार्थ ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम लोगों में से ही पढ़-लिखकर लोग शिक्षक बनकर बेसिक एजुकेशन जैसे विभागों में आते हैं। मगर जो अपने दायित्व को नहीं निभाते, ऐसे शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को कोई स्कीम बनाने की आवश्यकता है। बुशरा ने कहा कि हायर एजुकेशन में स्टूडेंट्स के लिए ऐसी स्कीम होनी चाहिए, जिससे उनको पढ़ाई के साथ ही रोजगार भी मिले सके ताकि वो अपना खर्च भी उठा सकें। इससे अलग एजुकेशन टेक्नोलॉजी पर फोकस करने की बहुत आवश्यकता है।

पढ़ाई के साथ रोजगार भी

आशीष ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम लोगों में से ही पढ़ लिखकर लोग शिक्षक बनकर बेसिक एजुकेशन जैसे विभागों में आते हैं और अपने दायित्व को नहीं निभाते, ऐसे शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को कोई स्कीम बनाने की आवश्यकता है, वहीं हायर एजुकेशन में स्टूडेंट्स के लिए ऐसी स्कीम होनी चाहिए जिससे उनको पढ़ाई के साथ ही रोजगार भी मिलना चाहिए, ताकि वो पढ़ाई के साथ ही अपना खर्च भी उठा सकें। वहीं ज्योति ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एजुकेशन टेक्नोलोजी पर फोकस करने की बहुत ही आवश्यकता है, इसलिए एक पढ़ा लेखा नेता ही इसके बारे में सोच सकता है।

ये रहे विभिन्न बिंदु

रोजगार नहीं मिल रहा यूथ खाली भटक रहा है।

टेक्नोलोजी ऑफ एजुकेशन पर बेहतर कार्य होने चाहिए।

पढ़ाई के साथ ही मिलने चाहिए रोजगार के अवसर

महिला सुरक्षा को लेकर होने चाहिए बड़े फैसले

कड़क मुद्दा

चर्चा का सबसे कड़क मुद्दा शहरों का सरकार द्वारा नाम बदलना रहा। जिसके विपक्ष में बात करते हुए अमित ने कहा कि केवल संतों की तरह गाय गोबर की बाते करना और शहरों का नाम बदलकर खुश होने वाली सरकार नहीं चाहिए। वहीं बात को काटते हुए उरोषा ने कहा कि सरकार का पुराने नाम वापस लौटाने का मकसद है कि आने वाली पीढ़ी वो इतिहास पढ़े जो हकीकत में है। उनको भी शहरों के नाम से जुड़ी कहानियों की जानकारी होनी चाहिए। नाम रखने से ही रुचि बढ़ेगी। वहीं बात को काटते हुए रीतिका बोली नाम बदलने के लिए इतने मोटे बजट खर्च करने की जरुरत नहीं, जितना मौजूदा सरकार ने किया। अनुष्का का जवाब देते हुए सोजन ने कहा कि आज मौजूदा सरकार में प्रयागराज के कुंभ मेले से 65 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, जो देश के फायदे का सौदा है।

मेरी बात

मेरे हिसाब से मौजूदा सरकार बहुत कुछ बेहतर कर रही है, आगे भी उम्मीदें है कि सब कुछ बेहतर होने वाला है। मेरी केवल यही मांग है एजुकेशन स्तर को सुधारने के लिए शिक्षकों को जागरुक करने की आवश्यकता है, इसके साथ ही हायर एजुकेशन में पढ़ाई के साथ ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए, मेरा वोट उसी सरकार को जाएगा जो युवाओं के लिए बेहतर प्रयास करेगी।

सोजन

सतमोला खाओं, कुछ भी पचाओ

पूरी चर्चा के बीच में सिद्धार्थ की बात पर माहौल थोड़ा गरम हो गया था। सिद्धार्थ का कहना था की इस सरकार के आते ही क्राइम के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं। वही पहले की सरकार में इतना क्राइम नहीं था। इस पर सोजन ने कहा कि इस सरकार में पुलिस को पहली बार खुली छूट मिली है। जिसकी वजह से बदमाशों के सबसे ज्यादा एकाउंटर हुए हैं।

टेक्नोलॉजी ऑफ एजुकेशन के लिए बेहतर प्रयास करने वाली सरकार चाहिए। केवल साधु-संत की बातें करने वाली सरकार नहीं चाहिए।

ज्योति

किसान, युवा, गरीब के हक में काम करने वाली सरकार चाहिए। पेपर लीक करने वाली सरकार नहीं चाहिए।

उरोष

एंप्लॉयमेंट एवं एजुकेशन के मुद्दे पर काम करने वाली सरकार चाहिए। एजुकेशन की वैल्यू पढ़ा-लिखा नेता ही समझ सकता है।

मोनिका

केवल वादे करने वाली सरकार नहीं चाहिए, क्योंकि हर सरकार पहले वादे करती है और पांच साल गायब रहती है।

बुशरा

धारा 370 को हटाने वाली सरकार चाहिए, अगर धारा 370 नहीं हटाई जाएगी, तो मेरा वोट नोटा को जाएगा।

आशीष

मैं तो केवल वहीं वोट करुंगी जो जमीनी हकीकत पर देश की सुरक्षा पर काम करेगा।

अनुष्का

पेपर लीक करने वाली और क्रप्शन वाली सरकार नहीं चाहिए। मुझे साफ सुथरी छवि वाली सरकार चाहिए।

अमित

देश में मीडिल क्लास के हित और जमीनी हकीकत पर काम करने वाली सरकार चाहिए।

तालिब

केवल पावर में रहकर बोलने वालो पर नहीं, उम्मीदों पर खरा उतरने वालो पर विश्वास रखा जाता है।

रीतिका

मौजूदा सरकार से देश को काफी उम्मीदें है। गठबंधन की सरकार देश को बर्बाद कर देगी।

सौरभ

Posted By: Inextlive