सोनिया के बहकावे में नहीं आया कीर्ति आजाद
सोनिया के भड़कावे आया सोचना है हास्यप्रद
भाजपा नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि वो संसद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बहकावे में नहीं आए थे। जब स्पीकर ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा तो उन्होंने कहा मुझ पर ये हमला हुआ है कि मैं सोनिया गांधी के बहकावे में आ गया हूं। मुझ पर हमला करो लेकिन स्पीकर के ऑफिस को निशाना मत बनाओ। मैं लोकसभा कार्यवाही के सेक्शन 360 की तरफ सभी का ध्यान खींचना चाहूंगा जब एक व्यक्ति कुछ बोलना चाहता है तो स्पीकर उसे बुलातीं हैं। पर एक ही समय में एक से ज्यादा लोग बोलना चाहते हैं तो स्पीकर जिसे भी बुलातीं हैं वो बात करता है। अगर ये आरोप लगाया जा रहा है कि मैं सोनिया के कहने पर बोल रहा था तो ये हास्यास्पद है। लोग वॉकआउट इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें स्पीकर की तरफ से बोलने का मौका नहीं मिलता। डीडीसीए में है बड़ा घोटाला
डीडीसीए में किसी तरह के एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट की बात नहीं कही गई है क्योंकि वहां कोई एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट हो ही नहीं सकता है। अगर एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट होता भी है तो न ही वो बैलेंस शीट पर साइन कर सकता है और न ही सालाना जनरल मीटिंग ले सकता है। सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफ एसएफआईओ ने कुछ दस्तावेज मांगे थे जो नहीं दिए गए हैं। डीडीसीए अगर सीरियस फ्रॉड का मामला नहीं होता तो तीस हजारी कोर्ट में केस क्यों फाइल किया जाता। कंपनियों को दो-तीन बार भुगतान क्यों किया गया है। वीके अग्रवाल कौन हैं और उन्हें 9 करोड़ रुपये क्यों दिए गए। सीबीआई मुझ से मिले कीर्ति ने जांच एजेंसी सीबीआई से उनसे आकर मिलने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मैं सीबीआई से कहूंगा कि वो मुझसे आकर मिले। उन्होंने रेड से पहले डीडीसीए को चार नोटिस भेजे थे। कीर्ति आजाद ने तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखी है। कीर्ती ने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि एके चौरसिया उनकी बहन और ससुराल वालों को उस काम के लिए 11 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है