विवाह उपरान्‍त भारत मे महिलाएं सोलह श्रंगार करती हैं। जिसमे मांग टीका पांव की बिछिया माथे की बिंदी पायल करधनी सिंदूर से लेकर सारे श्रंगार होते है। महिलाएं खुद को खूबसूरते दिखाने के लिए श्रंगार करती हैं पर इसका वैज्ञानिक महत्‍व भी है। महिलाओं द्वारा किया जाने वाला सोलह श्रंगार उनके स्‍वास्‍थ पर भी असर डालता है। भारत के कई स्‍थानो पर शादी के बाद तो कहीं पहले से ही बिछिया पहने का चलन है। आज हम आप को कुछ ऐसी ही महत्‍वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।


2- बिछिया पहनने से महिलाओं को गर्भ धारण में आसानी होती है। चांदी विद्युत की अच्छी संवाहक मानी जाती है। धरती से प्राप्त होने वाली ध्रुवीय उर्जा को यह अपने अंदर खींच पूरे शरीर तक पहुंचाती है। जिससे महिलाएं तरोताजा महसूस करती हैं। 4- बिछिया के दबाव से रक्तचाप नियमित और नियंत्रित रहता है। गर्भाशय तक सही मात्रा में रक्त पहुंचता रहता है। यह बिछिया अपने प्रभाव से धीरे-धीरे महिलाओं के तनाव को कम करती है। 5- जिससे उनका मासिक-चक्र नियमित हो जाता है। इसका दूसरा फायदा यह है कि बिछिया महिलाओं के प्रजनन अंग को भी स्वस्थ रखने में भी मदद करती है। बिछिया महिलाओं के गर्भाधान में भी सहायक होती है।

Health News inextlive from Health Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra