परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे कुल 30 केसेस में से 15 में हुए समझौते

BAREILLY:

झोला छाप डाक्टर के इलाज से मरीजों के बीमार परेशान होने की खबरें तो आती ही रहती है, लेकिन ऐसे फर्जी डाक्टर के गलत कामों से उसकी पत्नी की मानसिक तौर पर प्रताडि़त होने का मामला परिवार परामर्श केंद्र में सामने आया। शाहजहांपुर के शब्बीर हसन से तीन साल पहले फरीदपुर की कमरजहां का निकाह हुआ। सैटरडे को अपनी व्यथा लेकर दूसरी बार परामर्श केंद्र पहुंची कमरजहां पति के साथ रहने को तो तैयार है, लेकिन पति के खौफनाक व्यवहार से डरी हुई है। कमरजहां का कहना है कि उसका पति पिछले ढाई साल से उसे लेने नहीं आ रहा। शब्बीर के बारे में काउंसलर समेत पूरे काउंसिलिंग चैंबर में चर्चा रही कि ये शाहजहांपुर के दूर-दराज के गांवों में अपनी प्रैक्टिस करता और दवा बेचता है। पत्नी का साथ न रखने के सवाल पर शब्बीर का पक्ष है कि वह उसे ढाई साल पहले ही तलाक दे चुका है। लेकिन काउंलर्स को दिखाया गया तलाकनामा फर्जी पाया गया। शब्बीर के बारे में इतनी नकारात्मक जानकारियों के चलते काउंसलर विजय अग्रवाल और भीम सिंह ने सतर्कता बरतते हुए दंपति द्वारा समझौतों को तैयार न होने पर केस बंद कर दिया।

कइयों ने थामा दोबारा हाथ

परिवार परामर्श केंद्र में सेटरडे को कुल फ्0 केसेज में काउंसिलिंग हुई, इसमें से आधे केसेस में दंपतियों ने पुरानी शिकवे गिले मिटा दोबारा एक दूसरे का हाथ थामा। जबकि दस केसेस में दंपतियों को अगली काउंसिलिंग के लिए डेट दे दी गई। जबकि पांच केसेज में समझौता नही होने से फाइल बंद कर दी गई।

Posted By: Inextlive