ईसीआई द्वारा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के अनुपालन के लिए एंड्रायड एप लांच

एमसीसी को तोड़ने के वीडियो और फोटो एप में करें अपलोड

जिला संचालन समिति को शिकायत का निस्तारण कर आयोग को देनी होगी जानकारी

Meerut. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी) का उल्लंघन इस बार आसान नहीं होगा. भारत निर्वाचन आयोग ने देश के हर नागरिक को एमसीसी की निगरानी का जिम्मा सौंप दिया है. अब देश का हर नागरिक एमसीसी की निगरानी कर सकेगा और जहां भी इसका उल्लंघन हो रहा है उसका वीडियो या फोटो एप पर अपलोड कर सकता है.

क्या है सी विजिल एप

एमसीसी के उल्लंघन और चुनाव के दौरान धन के लेनदेन की शिकायतों के लिए किसी दफ्तर या अधिकारी का चक्कर नहीं काटना होगा. गत वर्ष कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में सफलतम प्रयोग के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव में पहली बार सी विजिल एप को लांच किया है. एंड्रायड फोन पर इस एप को आसानी से डाउनलोड कर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और रुपए के लेनदेन की शिकायत साक्ष्य के साथ अपलोड की जा सकती है.

जरा समझ लें..

एंड्रायड एप में आम पब्लिक के लिए सिटीजन पोर्टल है जबकि शिकायत के इनवेस्टीगेशन और आ‌र्ब्जवेशन के लिए इनवेस्टीगेटर, आब्जर्वर, मॉनीटर (डीईओ/सीईओ) और डिसाइडर (एआरओ/आरओ) पोर्टल हैं. सी विजिल एप में साक्ष्य (वीडियो-फोटो) के साथ दर्ज शिकायत का हर स्तर पर समयबद्ध निस्तारण करना होगा और अधिकतम 100 घंटे में हायर अथॉरिटी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को निस्तारण रिपोर्ट भेजनी होगी.

डीसीसी की अहम भूमिका

सी विजिल पोर्टल पर आ रही शिकायतों के निस्तारण में जिला संचालन समिति (डीसीसी) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. समिति के मार्गदर्शन में ही शिकायत का निस्तारण करके निस्तारण रिपोर्ट आयोग को भेजी जाएगी. सी विजिल एप की विस्तृत जानकारी के संबंध में आयोग ने 70 पेज की एक पॉवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन जनपद मुख्यालयों को भेजा गया है.

सफलतम रहा प्रयोग

ईसीआई ने सी विजिल एप की सफलता के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गत वर्ष 5 राज्यों के चुनाव में इस एप को प्रयोग में लगाया गया. जिसमें छत्तीसगढ़ में एप पर 1850 शिकायतें आई थी जिसमें से 61 प्रतिशत को निस्तारित किया गया था, जबकि मध्यप्रदेश की 3987 शिकायतों में से 62 प्रतिशत पर कार्यवाही की गई थी.

1950 पर भी करें शिकायत

इसके अलावा ईसीआई ने इस बार लोकसभा चुनाव में 1950 टोल फ्री नंबर भी लांच किया है. अपने स्थापना वर्ष के अंकों पर जारी इस नंबर पर आम वोटर्स अपनी शिकायत, समस्या और सुझावों को जिला निगरानी समिति के साथ साझा कर सकता है. ईसीआई के इस टोल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों को जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम को रेफर किया जाएगा, जहां पर बैठे प्रतिनिधि शिकायत/समस्या का समाधान करेंगे. मेरठ में कलक्ट्रेट स्थित नगर निकाय चुनाव कार्यालय को कंट्रोल रूम बनाया गया है.

ऑनलाइन परमीशन

ईसीआई के निर्देश पर ऑनलाइन सुविधा पोर्टल पर कंडीडेट रैली, सभा आदि की परमीशन हासिल कर सकता है. पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर शहर के विभिन्न स्थानों पर हेलीपैड, रैली और सभा की अनुमति ऑनलाइन पोर्टल पर मिलेगी. इसके अलावा सभी कंडीडेट्स का नामांकन का पूर्ण ब्योरा भी पोर्टल पर मौजूद होगा. इस पोर्टल को एआरओ/आरओ के अलावा कंडीडेट रन कर सकेगा. एक लॉगिन आईडी हर कंडीडेट के लिए जारी की जाएगी जिससे वो चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न औपचारिकताओं के लिए आवेदन कर सकेगा तो वहीं चुनावी खर्चे को भी ऑनलाइन दर्ज कर सकेगा. खासबात यह है कि काउंटिंग के बाद इसी पोर्टल से जिलाधिकारी, चुनाव परिणाम को आयोग को भेजेंगे. खासकर नॉमिनेशन, काउंटिंग और विभिन्न परमीशन के इस पोर्टल को प्रयोग में लाया जाएगा.

ऑनलाइन बनवाएं वोट

डिजिटलाइजेशन की युग में ईसीआई ने विभिन्न चुनाव प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया है तो वहीं वोट बनवाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन की सुविधा उपलब्ध है. नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी) पर वोट बनवाने, वोट कटवाने और वोटर लिस्ट में संशोधन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सी विजिल एप कार्य करने लगेगा. इससे आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आसान होगी तो वहीं आदर्श आचार संहिता को प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी.

रामचंद्र, एडीएम प्रशासन एवं उप निर्वाचन अधिकारी, मेरठ

Posted By: Lekhchand Singh