आबूलेन पर खुद पार्क होंगी गाडि़यां
- कैंट बोर्ड में ऑटोमैटिक मल्टीस्टोरी पार्किंग का प्रजेंटेशन
-हाईटेक तकनीकों से लैस पार्किंग के बजट के लिए प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा एक्सक्लूसिव parul.singhal@inext.co.in मेरठ। मेरठ कैंट बोर्ड ने शहर के सबसे पॉश मार्केट आबूलेन के लिए पार्किंग व्यवस्था का स्मार्ट हल निकाल लिया है। कैंटबोर्ड के अधिकारियों ने मल्टी स्टोरी पार्किंग पर काम करना शुरु कर दिया है। - यह है मौजूदा स्थिति मल्टी स्टोरी पार्किंग को लेकर बोर्ड अधिकारियों के पास कई एजेंसीज के प्रस्ताव आने शुरु हो गए हैं। कुछ एजेंसीज से बातचीत चल भी रही है। एक कंपनी ने तो बोर्ड अधिकारियों को पार्किंग का डेमो भी दे दिया है। दो मिनट में होगी गाड़ी पार्ककंपनी की ओर से दिए गए डेमो के अनुसार 250 से 300 वाहनों के लिए यह मल्टी स्टोरी पार्किंग बेहद आधुनिक तकनीकों से लैस होगी। एयरपोर्ट की तर्ज पर इसमें सेंसर के जरिए ही सारा काम होगा। वाहन मालिक बाहर ही अपना वाहन छोड़ देगा। इसके बाद गाड़ी को एक प्लेटफॉर्म पर रखा जाएगा। इस प्लेटफॉर्म पर लगा सेंसर तकनीक के जरिए वाहन को खुद ही खाली जगह पर पार्क कर देगा।
पार्किंग बनाने के विकल्पपार्किंग व्यवस्था के लिए बाजार में कई जगहों पर बोर्ड अधिकारियों की नजर जमी हुई है। अभी फिलहाल बंगला नंबर 173, होटल अमृत के ऊपर और बंगला 180 चिह्नित किए गए हैं जबकि नाले के पास वाली जगह पर पार्किंग बनाने के लिए सभी एकमत से पहले ही तैयार हैं।
दिक्कतें भी नहीं हैं कम बोर्ड के लिए पार्किंग व्यवस्था करने की डगर कम मुश्किल नहीं है। बजट का न होना इसमें बड़ी समस्या है हालांकि बोर्ड ने इसके लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर ग्रांट की मांग भी की है। इनका है कहना मल्टी स्टोरी पार्किंग के लिए पहले भी एमडीए के साथ बात चल रही थी, लेकिन उससे कोई हल नहीं निकल पाया। अब हम खुद इस पर विचार कर रहे हैं। राजीव श्रीवास्तव, सीईओ, कैंट बोर्ड ------------- पार्किंग की समस्या बाजार में है। हम भी चाहते हैं कि पार्किंग का समस्या का कोई स्थाई हल निकले। नरेंद्र सिंह, अध्यक्ष, आबूलेन व्यापार संघ ----------------- मल्टी स्टोरी पार्किंग की बातें पिछले कई सालों से हवा में ही सुनाई दे रही हैं। अगर कस्टमर्स के हित के लिए कोई काम हो रहा है तो हम जरूर सपोर्ट करेंगे। अक्षय खन्ना, महामंत्री, आबूलेन व्यापार संघ। ----------------बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के लिहाज से वह दिन दूर नहीं, जब पार्किंग के लिए हमें बिल्कुल विवश नहीं होना पड़ेगा।
दानिश, कस्टमर ----------------- बिल्कुल जी पार्किंग की कोई व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। अगर ऐसा कोई विकल्प मिल रहा है तो हम इसका स्वागत करते हैं। सोनू, कस्टमर