गलत मीटर रीडिंग से परेशान रहने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने जा रही है.

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LUCKNOW: गलत मीटर रीडिंग से परेशान रहने वाले उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने जा रही है. इसकी वजह यह है कि अब उन्हें रीडिंग के अंक गलत होने पर भी सही बिल ही मिलेगा, जिससे एक तरफ तो उपभोक्ताओं को औसत बिलिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा, वहीं दूसरी तरफ उनकी जेब पर भी अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.

हर महीने दर्ज होती कंप्लेंट
हर महीने इस तरह की शिकायतें आती हैं कि लोगों के घरों में खपत से ज्यादा बिजली का बिल भेजा गया है. सब स्टेशनों के चक्कर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं की सुनवाई नहीं होती है, जिसके चलते लोगों को गलत रीडिंग के आधार पर ही बने बिल को जमा करना पड़ता है. जिसकी वजह से उनकी जेब पर अतिरिक्त भार पड़ता है.

ले जाते गलत रीडिंग
अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें मीटर रीडर गलत रीडिंग ले आते हैं या फिर रीडिंग ही नहीं लेते हैं. उनकी ओर से औसत रीडिंग भर दी जाती है. इसका भी उपभोक्ताओं पर भार पड़ता है. कई बार मीटर रीडर उपभोक्ता से सेटिंग करके रीडिंग में हेरफेर कर देते हैं. उपभोक्ता को उस समय तो समझ नहीं आता है, लेकिन जब दो से तीन माह बाद कोई दूसरा मीटर रीडर रीडिंग ले जाता है तो सारी गड़बड़ी सामने आ जाती है, जिसके बाद उपभोक्ता को रीडिंग गैप के हिसाब से पैसा जमा करना पड़ता है.

इस तरह मिलेगी राहत
मध्यांचल डिस्कॉम में उपभोक्ता को सही बिल देने के लिए नई व्यवस्था पर काम हो रहा है. नई व्यवस्था में यह स्पष्ट है कि जब मीटर रीडर रीडिंग लेने के लिए किसी के घर जाता है और इस दौरान उपभोक्ता या मीटर रीडर को लगता है कि पिछले माह की रीडिंग से इस बार की रीडिंग अलग है तो वह उपभोक्ता को रीडिंग संबंधी रसीद नहीं देगा. वह पर्ची एसडीओ या एक्सईएन ऑफिस में देगा. जहां पिछली दो से तीन माह और औसत रीडिंग के बेस पर एक्यूरेट बिल जेनरेट किया जाएगा और इसे उपभोक्ता के पास भेजा जाएगा. मध्यांचल प्रशासन की ओर से चौक और हुसैनगंज डिवीजन में शुरू हुए इस ट्रायल का अच्छा रिस्पांस सामने आया है.

उपभोक्ताओं को सही बिजली बिल मिले, यह हमारी प्राथमिकता में शामिल है. गलत रीडिंग होने से उपभोक्ता परेशान होते हैं. नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को खासी राहत मिलेगी.
संजय गोयल, एमडी, मध्यांचल डिस्कॉम

Posted By: Kushal Mishra