-चारधाम यात्रा के दौरान बनाए गए हैं शटल चेक पोस्ट

-शटल चेक पोस्ट पर रोके जाएंगे बाहर से आने वाले वाहनों

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DEHRADUN : आप चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो इतना समझ लीजिए कि इस बार प्रॉपर मंदिर (धामम) तक आप अपना वाहन लेकर नहीं जा पाएंगे। बाहर से आने वाले वाहनों को धाम से कुछ किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाएगा। उसके बाद आपको धाम तक पहुंचने के लिए लोकल वाहन का सहारा लेना पड़ेगा। इस बार सरकार ने कुछ इस प्रकार की ही व्यवस्था अपनाई है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए यात्रियों को इस प्रक्रिया से गुजरना होगा।

रूट पर रहेंगे शटल चेकपोस्ट

दरअसल, इस बार परिवहन विभाग ने फ् शटल चेकपोस्ट बनाए हैं। यह शटल चेकपोस्ट केदारनाथ और बद्रीनाथ रूट पर रहेंगे। इनमें केदारनाथ रूट पर सोनप्रयाग व गुप्तकाशी में शटल चेक पोस्ट बनाई हैं, जबकि बद्रीनाथ के लिए जोशीमठ में शटल चेक पोस्ट बनाए गए हैं। बाहर से आने वाले यात्री वाहनों को इन शटल चेक पोस्ट में रोक दिया जाएगा। इसके बाद लोकल ट्रांसपोर्टेशन के जरिए यात्री आगे बढ़ेंगे।

जेब पर पड़ेगा अतिरिक्त भार

शटल चेक पोस्ट से लोकल ट्रांसपोर्टेशन के जरिए धाम तक पहुंचने के लिए यात्रियों को अतिरिक्त रुपए देने पड़ेंगे। इससे तय है कि यात्रियों की जेब पर चारधाम यात्रा के दौरान अतिरिक्त भार पड़ेगा। क्योंकि सरकार के लिए लेवल पर अभी तक शटल चेकपोस्ट से धाम तक जाने के लिए नि:शुल्क यात्रा का कोई जिक्र नहीं हुआ है। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी से गौरीकुंड तक की दूरी करीब ब्ख् किमी है। जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी करीब फ्फ् किमी है, जबकि जोशीमठ से बद्रीनाथ की दूरी करीब ब्0 किमी है। ऐसे में इतनी दूरी का किराया यात्रियों को लोकल किराए के हिसाब से वहन करना पड़ेगा।

पार्किंग में होगी मुश्किल

सरकार ने भले ही शटल चेक पोस्ट पर बाहर के वाहनों को रोकने की व्यवस्था की है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब भारी संख्या में वाहनों को वहां रोका जाएगा, तो वाहनों की पार्किंग की क्या व्यवस्था होगी। क्योंकि पहाड़ी रूट पर गाडि़यां पास होने तक की जगह कई बार नहीं मिल पाती है। बमुश्किल लोग सड़क किनारे वाहन खड़े कर पाते हैं, तो भला पार्किंग कहां होगी।

विभाग के पास नहीं है वाहन

चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, लेकिन अभी तक परिवहन विभाग के पास गाडि़यां ही नहीं हैं। ऐसे में कैसे भरोसा किया जाए कि यात्रा सुरक्षित होगी। क्योंकि यात्रा के दौरान फ् शटल चेक पोस्ट और ख् नॉर्मल चेक पोस्ट बनाई गई है। इन चेक पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान संभागीय परिवहन कर्मचारी वाहनों की चेकिंग आदि का काम करते हैं। ऐसे में सभी चेक पोस्ट के लिए संभागीय परिवहन कर्मचारियों को वाहन की जरूरत पड़ती है। यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से ही इन चेकपोस्ट का गठन किया गया है, लेकिन जब संभागीय परिवहन कर्मचारियों के पास वाहन नहीं रहेंगे तो भला वाहनों की चैकिंग और यात्रियों की सुरक्षा का भरोसा कैसे किया जा सकता है।

जिलों के डीएम से मांगे गए वाहन

हालांकि वाहनों के इंतजाम के लिए परिवहन विभाग ने संबंधित जिलों के डीएम को लेटर लिखकर वाहन की मांग की है। डीएम की परमिशन मिलने पर संभागीय कर्मचारियों को ही वाहनों को अधिग्रहण करना है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्रियों के लिए देहरादून जिले में भी दो चेक पोस्ट बनाए गए हैं। इसके लिए विकासनगर और मसूरी में दो चेक पोस्ट बनाई गई हैं। जहां संभागीय परिवहन कर्मचारी तैनात रहेंगे।

इन डॉक्यूमेंट का रखें ध्यान

-यात्रा पर जाने से पहले वाहन की फिटनेस की जांच करवा लें

-डीएल, परमिट, प्रदूषण प्रमाण पत्र, वाहन का बीमा प्रमाण पत्र आदि साथ ले जाएं

-यात्री वाहन चालक यात्रा पर जाने से पहले ग्रीन कार्ड जरूर बना लें

-परमिट के हिसाब से ही यात्रियों को वाहन में बिठाया जाए

-चेक पोस्ट पर चेकिंग के दौरान पूछे जाने पर बताएं पूरा ब्यौरा

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चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। क्भ् अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे, जबकि क्8 अप्रैल से चेक पोस्ट की स्थापना की जाएगी। इस बार भ् चेक पोस्ट होंगी, जिनमें फ् शटल चेक पोस्ट बनेंगी। ड्यूटी के लिए अभी तक हमारे पास वाहनों की कमी हैं। इसके लिए संबंधित जिलों के डीएम से वाहन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

-डीसी पठोई, आरटीओ देहरादून

शटल चेक पोस्ट पर ही बाहर से आने वाले वाहनों को रोका जाएगा। इसके बाद लोकल ट्रांसपोर्टेशन द्वारा यात्रियों को आगे जाना होगा, लेकिन अभी तक यह तय नहीं है कि सरकार यह खर्चा वहन करेगी। धाम तक पहुंचने के लिए यात्रियों को स्वयं ही किराया देना पड़ेगा।

-बीके संत, अपर सचिव, परिवहन विभाग

Posted By: Inextlive