अब नर्सिग होम एवं अल्ट्रासाउंड केंद्रों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। उन पर कन्या भ्रूण का संदेह होने पर आमजन भी सूबे के पीसी एंड पीएनडीटी सेल की वेबसाइट 'प्यारी बिटिया' पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इस पर शासन के स्तर से त्वरित कार्रवाई होगी। इससे भू्रण हत्या पर लगाम लगेगी और पारदर्शिता भी आएगी। सूबे में कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने को प्री कंसेप्सन एंड प्री नेटल डॉयग्नेस्टिक प्रोविजन ऑफ सेक्स सेलेक्शन एक्ट 1994 के तहत पीसी एंड पीएनडीटी सेल की वेबसाइट लांच की गई है। इससे अब गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक, लिंग चयन प्रतिशोध अधिनियम 1994 का कड़ाई से पालन होगा। केंद्रों के पंजीकरण रिन्यूवल एवं मानीटरिंग में भी पारदर्शिता आएगी। वेबसाइट प्यारी बिटिया डॉट इन पर सभी जिलों के अल्ट्रासाउंड केंद्रों की सूचनाएं अपलोड की जा रही हैं। फिर एक क्लिक पर किसी जिले के अल्ट्रासाउंड केंद्र की हकीकत परखना संभव होगा। अगर किसी को किसी सेंटर या नर्सिग होम पर कन्या भ्रूण हत्या की आशंका है तो आनलाइन शिकायत कर सकेगा जो सीधे शासन के पास जाएगी। इसकी मानीटरिंग शासन स्तर से होगी।

ऑनलाइन आवेदन व रिन्यूवल भी संभव

प्यारी बिटिया वेबसाइट पर नए सेंटर के पंजीकरण के लिए संचालक आवेदन भी कर सकेंगे। पुराने सेंटर के रिन्यूवल के लिए आवेदन भी संभव होगा। इसके जरिये अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक जांचों की मासिक रिपोर्ट भी ऑनलाइन दे सकेंगे।

ऑनलाइन देनी होगी रिपोर्ट

अल्ट्रासाउंड सेंटरों की निगरानी के लिए फार्म। एफ दिया गया है। जिसे गर्भवती की अल्ट्रासाउंड जांच, उसके पुत्र व पुत्री का ब्योरा, अल्ट्रासाउंड कराने का कारण, गर्भ समापन या न कराने का भी विवरण देना होगा। इन सूचनाओं को एक दूसरे से जोड़कर विश्लेषण किया जाएगा। इससे कन्या भ्रूण हत्या पकड़ना आसान होगा।

'प्यारी बिटिया' वेबसाइट से कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगेगी। इसमें अल्ट्रासाउंड केंद्रों की सूचनाएं अपलोड करने को कंप्यूटर आपरेटर रखा गया है। एक महीने में सूचनाएं ऑनलाइन हो जाएगी। इससे कार्य प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

डॉ। आरपी यादव, मुख्य चिकित्साधिकारी

Posted By: Inextlive