- मंडलीय हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर की एसी चार महीने से है खराब

- भीषण गर्मी में पसीने से तर होकर डॉक्टर्स कर रहे ऑपरेशन

सरकारी हॉस्पिटल्स में मरीजों को बेहतर इलाज देने का दम भरने वाली सरकार की बातें ही अब दम तोड़ने लगी है। बेहतर इलाज की आस में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को आए दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। मरीजों को कभी डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी इलाज। ताजा मामला मंडलीय हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर यानि ओटी का है। लेकिन इस बार दर्द सिर्फ मरीजों का नहीं बल्कि डॉक्टरों का भी है। यहां ओटी की एसी खराब हो चुकी है। जिसकी वजह से चिकित्सक बगैर एसी के पसीने में तर होकर ऑपरेशन कर रहे हैं। इससे मरीजों की जान पर खतरा बना रहता है। ऐसा एक दो दिन से नहीं बल्कि चार महीने से चल रहा है। एसी बनवाने की फिक्र न तो हॉस्पिटल प्रशासन को है न स्वास्थ्य विभाग को।

चिकित्सकों का कहना है कि हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर की हालत बद से बदतर हो चुकी है। चार माह से ऐसी खराब है। बस किसी तरह से काम चल रहा है। प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों तक से ओटी में एसी लगाने को लेकर कई बार शिकायत की गई है। बावजूद इसके किसे के कान में जू तक नहीं रेंग रहा है। इतनी भीषण गर्मी में भी उन्हें मजबूरी में गर्मी में ऑपरेशन करना पड़ रहा है। ऑपरेशन के दौरान वे पीसने से तर रहते हैं। यहां तक कि जो कपड़े पहने रहते हैं वे भी भीग जाते हैं। बिन एसी ऑपरेशन करने से मरीज के जान को भी खतरा रहता है। क्योंकि अगर उनके शरीर का पसीना शरीर में प्रवेश कर गया तो इंफेक्शन का चांस बढ़ सकता है।

40 मिनट का ऑपरेशन 2.5 घंटे में

ओटी की ऐसी हालत हो गई है कि अब सर्जन भी खुद को असुरक्षित मान रहे है। उनका कहना हैं कि ज्यादा देर तक पसीने से तर होकर ऑपरेशन करने के दौरान उन्हे कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि चक्कर आ जाएगा। हालांकि अभी तक कोई केस खराब नहीं हुआ है। लेकिन अगर ओटी की ऐसी ही हालत रही तो शायद कभी कोई हादसा जरुर हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि एसी न होने से वे मरीजों का सर्जरी करने से मना तो नहीं कर सकते। इसलिए जो ऑपरेशन 30 से 40 मिनट में होते हैं उसे करने में दो से ढाई घंटे का वक्त लग रहा है। क्योंकि गर्मी की वजह से बहुत ही संभलकर ऑपरेशन करना पड़ता है। पसीने की एक बूंद भी बॉडी में चली गई तो स्वास्थ्य को खतरा पहुंच सकता है।

सेंट्रलाइज एसी लगाने की प्लानिंग हुई। इसके लिए प्रपोजल बनाकर स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। गवर्नमेंट ई टेंडरिंग के माध्यम से एसी प्लांट की खरीदारी होगा।

डॉ। बीएन श्रीवास्तव, एसआईसी, एसएसपीजी

Posted By: Inextlive