RANCHI : स्कूल बसों में जीपीएस लगाने को लेकर सरकार के स्तर से कई बार निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन इसे लगातार इग्नोर कर रही है। इतना ही नहीं, इससे बचने का उपाय भी ढूंढ निकाला है। इसके तहत स्कूल प्रबंधन द्वारा बस के ड्राइवर-कंडक्टर को जीपीएस एक्टिव मोबाइल देकर उसके नेटवर्क से बच्चों के गार्जियन्स को जोड़ दिया गया है। इसकी जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अख्तियार किया है। जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार ने सभी स्कूल प्रबंधनों को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द सभी बसों में जीपीएस लगाया जाए। बिना जीपीएस के स्कूल बसों को जब्त किया जाएगा।

प्रिंसिपल्स के साथ मीटिंग

स्कूल बसों में जीपीएस लगाने के सिलसिले में डीटीओ ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपल्स के साथ मीटिंग की। इस दौरान स्कूलों में उपयोग किए जा रहे वाहनों की जानकारी ली गई। सभी स्कूलों को वाहन से रिलेटेड डिटेल्स उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। डीटीओ ने कहा कि स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर भी निश्चित रूप से लगाएं और टैक्स, परमिट, फिटनेस, पॉल्युशन रिपोर्ट को अप-टू-डेट रखें।

10 साल पुराने हो चुके वाहनों की दें लिस्ट

मीटिंग के दौराने डीटीओ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार स्कूल बसों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों को 10 साल से पुराना नहीं होना चाहिए। ऐसे में सभी स्कूल प्रबंधन वैसे वाहनों की लिस्ट सौंपे जो दस साल पुराने हो चुके हैं। साथ ही इन वाहनों का परिचालन अविलंब बंद करें।

ड्राइवरों की रेगुलर कराई जाए जांच

डीटीओ ने मीटिंग में कहा कि ड्राइवरों द्वारा नशे में स्कूल वाहन चलाने की लगातार शिकायतें मिल रही है। इस वजह से हादसे भी होते रहे हैं। उन्होंने सभी प्रिंसिपल्स को कहा कि वे स्कूल वाहन के ड्राइवर की जांच रेगुलर बेसिस पर कराने की व्यवस्था करें।

Posted By: Inextlive