पश्चिम बंगाल के जलपाईगुडी निवासी एक महिला को अजमेर की अदालत ने मादक पदार्थ बेचने के जुर्म में पांच साल की सजा सुनाई है। पुलिस ने महिला को रंगे हाथो गिरफ्तार किया था। छह साल बाद कोर्ट ने महिला को दोषी करार देते हुए उसे सजा सुनाई। महिला पर जुर्माना भी लगा था। जुर्माना जमा ना करने के चलते उसकी सजा 1 साल और बड़ा दी गई।


6 साल बाद सुनाई गई सजाअजमेर की जिला अदालत में सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार जैन ने सोमवार को सुनाए एक फैसले में मादक पदार्थ तस्करी करने की आरोपित महिला अलीपुर कोतवाली जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल निवासी साहिदा बेगम को पांच वर्ष के कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। अजमेर की दरगाह पुलिस को 25 नवम्बर 2010 को मुखबिर ने सूचना दी कि इलाके में मादक पदार्थ बेचा जा रहा है। मादक पदार्थ की बिक्री की सूचना मिलने पर दरगाह थाना प्रभारी हनुवंत सिंह भाटी गरीब नवाज कॉलोनी में बनी पानी की टंकी के पास पहुंचे। वहां एक महिला काला बुरका ओढ़े दो बच्चों के साथ बैठी थी। जुर्माना अदा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास
पुलिस ने महिला को रंगे हाथों पकड़ा। सूचना के मुताबिक वह कट्टे में भरा मादक पदार्थ गांजा बेचने के प्रयास में थी। इस आधार पर पुलिस ने आरोपित महिला को गिरफ्तार किया व उसके कब्जे से सफेद कट्टे में भरा गांजा बरामद किया। पुलिस ने जांच में चार किलोग्राम गांजा होना पाया। इस आधार पर आरोपित के खिलाफ धार 8/20 के तहत मामला दर्ज कर चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक अजय वर्मा ने पैरवी करते हुए अभियोजन साक्ष्य प्रस्तुत किए व बरामद मादक पदार्थ होने की पुष्टि की। अदालत ने अभियुक्त महिला को पांच वर्ष का कठोर कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर महिला को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

Posted By: Prabha Punj Mishra