RANCHI: शादी को अभी साल भर भी पूरे नहीं हुए थे। मायके को छोड़ ससुराल में वह अपनी नई जिंदगी अभी शुरू ही की थी। नए घर और नए परिवार के माहौल को ठीक से समझ भी नहीं पाई थी। पति, सास, ससुर सहित सभी ससुराल वालों की सेवा में हर पाल हाजिर रहने वाली अभी वह लाडली बहू बनी ही थी। इसी बीच सपना (बदला हुआ नाम) की सारी खुशी मातम और प्रताड़ना में बदल गई। ननद की मौत के साथ ही लाडली बहू मनहूस बन गई। उसके बाल नोंच डाले गए। हथेली को चाकू से काट दिया गया। हाथ पर जलती मोमबत्ती की लौ गिरा-गिरा कर वहां जख्म बना दिया गया। बेल्ट से इतनी बार पीटा गया कि उसके पूरे शरीर पर गहरे निशान बन गए। इस दरिंदगी भरी दास्तान का खुलासा सोमवार को सुखदेवनगर थाना में हुआ, जहां सपना ने पति समेत सभी ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न सहित मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का केस दर्ज कराने पहुंची थी।

दरअसल, सपना यह सब पिछले छह महीने से लगातार सह रही थी। प्रताड़ना की शिकार हो रही थी, फिर भी उसने पहले मायकेवालों को जानकारी देना उचित नहीं समझा। लेकिन, मायकेवालों को जैसे ही मामले की जानकारी हुई वे अपनी बेटी को ससुराल से लेकर चले गए। पहले तो मायके वाले समाज में बदनामी के डर से चुप रहे, लेकिन पीडि़ता ने खुद अपने गुनहगारों को सजा दिलाने का निर्णय ले लिया। इसके बाद वह अपने मायकेवालों के साथ थाना पहुंच कर केस दर्ज कराई। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।

यह है मामला

सुखदेवनगर थाना एरिया के उपहार सिनेमा हॉल के पीछे रहनेवाली सपना की शादी एक साल पूर्व रातू थाना एरिया के रवि स्टील में रह रहे युवक से हुई थी। शादी के वक्त सभी उसकी खूबसूरती और सादगी के कायल थे। धूमधाम से दोनों की शादी भी हुई थी। उस समय सपना के माता-पिता ने अपनी हैसियत के मुताबिक काफी दान-दहेज भी दिया था। शादी के कुछ दिनों बाद तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा। इस दौरान वह खुशी-खुशी अपने मायके भी एक बार जा चुकी थी। लेकिन, दुर्गापूजा के समय जब उसे मायके से ससुराल लाया गया, तो स्थितियां काफी बदल गईं और सपना को प्रताडि़त करने का खेल शुरू हो गया।

बताया जाता है कि जब सपना ससुराल गई तो उसकी ननद की तबीयत खराब हो गई। वह गर्भवती थी। इसी बीच उसे अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां ननद की मौत हो गई। इसके साथ ही ससुराल वालों को सपना की शक्ल से भी नफरत होने लगी। उसे ससुराल में डायन करार दिया गया। सास-ससुर, पति और देवर सभी मिल कर उसे प्रताडि़त करने लगे। कहा गया कि सपना के कारण ही उसकी गर्भवती ननद की मौत हो गई।

ओझा-गुणी के पास भी ले गए थे ससुराल वाले

सपना को उसके ससुराल वाले ओझा-गुणी के पास भी ले गए थे। ओझा-गुणी ने उसके अंदर की दुरात्मा को निकालने के लिए जबरन उसके बाल नोंच डाले। ठंडे पानी से नहलाया। यह सब कुछ वह सहती रही उफ्फ उफ तक नहीं किया, लेकिन बात जब हद से अधिक बढ़ गई तो उसने चुपके से अपने मायके फोन कर दिया। इसके बाद ही उसके मायके वाले आकर उसे ससुराल से लेकर चले गए।

भूख से रोने पर मिलती थी एक रोटी

सपना को ससुराल वाले इतना प्रताडि़त करते थे कि उसे समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था। जब उसे भूख लगती थी और रोती थी तब उसे एक रोटी खाने के लिए दी जाती थी। हाथ को रस्सी वगैरह से बांध दिया जाता था। सपना जब मायके आई तो उसकी हालत देखकर उसके पिता भी खून के आंसू रो पड़े। सपना को घर से बाहर निकालने के लिए उससे दहेज भी मांगा जाता था, जब दहेज लाने में वह असमर्थता व्यक्त करती थी तो उसे बेल्ट वगैरह से खूब पीटा जाता था।

Posted By: Inextlive