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PATNA : राजधानी में फर्जीवाड़ा का एक बड़ा मामला सामने आया है. झारखंड की एक महिला फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर विधानसभा में लिपिक बनने पहुंच गई थी. मामला जब प्रकाश में आया तो हड़कंप मच गया. महिला विधानसभा से फरार हो गई. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. महिला से पुलिस ने संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसने पुलिस का सहयोग नहीं किया. बाद में पुलिस ने महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.

पुलिस ने दर्ज किया केस

विधानसभा में लिपिक की वैंकेंसी चल रही थी. इसी पद पर ज्वाइन करने के लिए झारखंड के रामगढ़ जिला की जुली कुमारी 5 अप्रैल को अपने परिजनों के साथ फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर योगदान देने पहुंची. वहां पर तैनात अधिकारियों ने जब उसकी नियुक्ति पत्र देखे तो उन्हे कुछ डाउट हो रहा था. इसके बाद उसे क्रॉस चेक किया तो पता चला कि वो नियुक्ति पत्र ही फर्जी है. उन्होंने युवती से कहा कि ये पत्र तो फर्जी है. आपने कहां से बनवाया है. अभी दोनों के बीच बात ही हो रही थी. इसके बाद वो अधिकारियों से बोलकर गई कि और डॉक्यूमेंट्स लेकर आ रही हूं. इसके बाद एक घंटे तक उसका कोई अता-पता नहीं चल पाया. बाद में जब अधिकारी बाहर निकलकर देखे तो जुली नहीं दिखी. इसके बाद तत्काल सचिवालय पुलिस को फोनकर इसकी सूचना दी गई. मौकै पर पहुुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद जुली के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया.

किसी तरह की जानकारी देने से किया इंकार

मुकदमा दर्ज होने से पहले पुलिस ने जुली के परिवार से संपर्क का प्रयास किया. उसके नियुक्ति पत्र से मोबाइल नंबर मिला. उसी पर पुलिस ने जब कॉल किया उससे नियुक्ति पत्र के बारे में जानकारी मांगी तो उसने कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने इस मामले में तत्काल सचिवालय थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया.

बड़े गिरोह के होने की संभावना

फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आने के बाद एक जालसाज गिरोह की संलिप्ता इसमें सामने आ रही है. विधानसभा ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से मामले में संलिप्त सभी लोगों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए जालसाज गिरोह का पता लगाने का अनुरोध किया है. घटना की जानकारी देते हुए बिहार विधानसभा के उपनिदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि जाली नियुक्ति पत्र को देखकर यह प्रतीत होता है कि यह किसी संगठित जालसाज गिरोह का कार्य है.

ऑनलाइन पूरी हुई थी सारी प्रक्रियाएं

विधानसभा में पिछले दिनों लिपिक पद के लिए विज्ञापन निकाला गया था. विधानसभा ने इस मामले में पूरी पारदर्शिता रखने के लिए सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी की. कहीं से किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं छोड़ी गयी थी. इसके बावजूद जालसाज सक्रिय रहे और स्थिति ये बन गई एक महिला फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर विधान सभा तक पहुंच गई. इस पूरे मामले में पुलिस बारीकी से पड़ताल कर रही है.

जुली के पति की मेडिकल दुकान

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब इस मामले में पड़ताल किया तो शुरूआती जांच में ये बात सामने आई कि जुली के पति आलोक अग्रवाल का डीवीसी चौक गोला में अग्रवाल मेडिकल नाम से दवा की दुकान है. पुलिस उस दुकान की शिनाख्त कर रही है. पुलिस जुली के पति से भी इस मामले में पूछताछ करेगी.

Posted By: Manish Kumar