सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाई गई परिवार नियोजन योजना में अर्बन क्षेत्र के लोग रूरल क्षेत्र के लोगों से आगे हैं.

2018-19 में डिस्ट्रिक्ट में इतने लोग आए

- 214 रूरल क्षेत्र से पुरुषों ने कराई नसबंदी

- 4137 रूरल क्षेत्र से महिलाओं ने कराई नसबंदी

- 112 अर्बन क्षेत्र के पुरुषों ने कराई नसबंदी

- 2945 अर्बन क्षेत्र से महिलाओं ने कराई नसबंदी

-12654 अर्बन क्षेत्र से कॉपर टी लगवाने वाली महिलाओं की संख्या

15457 रूरल क्षेत्र से कॉपर टी लगवाने वाली महिलाओं की संख्या

-शहरी क्षेत्रों में अवेयरनेस सेंटर ज्यादा होने के बावजूद नहीं लोग जागरूक

- कम शिक्षित होने के बाद भी रूरल क्षेत्र के लोग परिवार नियोजन में ले रहे बढ़-चढ़कर हिस्सा

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BAREILLY वहीं, परिवार नियोजन के लिए पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा जागरूक हैं। यह हम नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी पिछले एक साल के आंकड़े बयां कर रहे हैं। पढ़े-लिखे होने के बावजूद शहरी क्षेत्र के लोगों की भागीदारी इसमें बहुत कम है। जबकि शासन की ओर से लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं।

40 सेंटर फिर भी फेल
अर्बन क्षेत्रों में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए शासन की ओर से हर सीएचसी और पीएचसी में करीब 40 परिवार नियोजन सेंटर बनाए गए हैं। वहीं, कई निजी अस्पतालों को भी ऑपरेशन और नसबंदी कराने के लिए अधिकृत किया गया। इसके बावजूद परिवार नियोजन में शहरी क्षेत्र के लोगों की भागीदारी काफी कम है।

15 सेंटर फिर भी जागरूक
रूरल क्षेत्रों के लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरूक करने के लिए करीब 15 सेंटर बनाए गए हैं। जो रूरल क्षेत्रों में लोगों को परिवार नियोजन के लिए जागरूक कर रहे हैं। ज्यादा पढ़े-लिखे न होने के बाद भी रूरल क्षेत्र के लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

अस्थाई सुविधाओं पर आश्रित
परिवार नियोजन के लिए स्थाई सुविधा जैसे- नसबंदी, कॉपर टी, ऑपरेशन की सुविधा लेने की बजाए शहरवासी अस्थाई सुविधा जैसे- निरोध, इंजेक्शन आदि का सहारा ले रहे हैं। इसकी वजह से शहरी क्षेत्र लोग स्थाई सेवाओं में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

प्रोत्साहन राशि कर रही प्रभावित
परिवार नियोजन का लाभ लेने वालों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। नसबंदी कराने वाले पुरुष को 3000 रुपये और महिला को 2000 रुपये दिए जाते हैं। अधिकारियों की मानें तो रूरल क्षेत्र में कई परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है। जिला अस्पताल में डिलीवरी के बाद जब उन्हें परिवार नियोजन से भविष्य में होने वाले फायदे और प्रोत्साहन राशि की जानकारी दी जाती है तो वह फौरन नसबंदी कराने के लिए हामी भर देते हैं। जिस कारण रूरल क्षेत्र के लोग इसमें ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।

अर्बन के सापेक्ष रूरल क्षेत्र के लोग परिवार नियोजन में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। प्रोत्साहन राशि भी इसका बड़ा कारण हैं। कॉपर टी का भी लाभ अर्बन की तुलना में रूरल क्षेत्र की महिलाओं ने अधिक लिया है.
राजीव सक्सेना, अपर शोध अधिकारी, परिवार कल्याण

Posted By: Inextlive