महिला को हर जगह नहीं मिलती सक्सेस: इंदिरा नूयी
परफेक्ट नहीं बन सकतीं
नूयी ने स्वीकार किया कि ऑफिस के काम और घर के जीवन के बीच संतुलन बिठाना मुश्किल है. इसके साथ ही नूयी ने कहा उन्हें संदेह है उनकी बेटी उन्हें अच्छी मां मानती होगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सबकुछ नहीं मिल सकता. कोलरैडो में ऐस्पेन आइडियाज फेस्टीवल में 58 वर्षीय नूयी ने बड़े बेबाक तरीके से कहा कि उन्हें नहीं लगता महिलाएं सब कुछ पा सकती हैं. उन्होंने कहा,'मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता. हम सिर्फ दावा करते हैं कि हम सब कुछ हासिल कर सकती हैं'. निसमित रूप से फोर्ब्स और अन्य प्रकाशनों की विश्व की सबसे पावरफुल महिलाओं की सूची में नाम दर्ज करने वाली नूयी ने कहा कि पति के साथ दो बेटियों को पालने के दौरान उन्होंने कई बार अपराध-बोध महसूस किया. नूयी ने कहा कि उन्हें बहुत बुरा लगता था कि वह अपनी बेटियों के स्कूल की कई गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकती थीं क्योंकि वह छुट्टी नहीं ले पाती थीं. 'इस ताज को गैराज में रखो'
नूयी ने 14 साल पहले के उस दिन को याद किया जब उन्हें बताया गया कि वह पेप्सीको की अध्यक्ष बनने वाली हैं. उन्होंने कहा,'मैं अभिभूत थी. मेरा बैकग्राउंड देखिए, मैं कहां से आई थी और एक बड़ी अमेरिकी कंपनी की अध्यक्ष बनने वाली थी. मुझे लगा कुछ अलग मिल गया. नूयी ने कहा लेकिन इस बड़ी खबर पर अपनी मां की प्रतिक्रिया से बहुत निराश हुई. उनकी मां ने कहा कि इस खबर को रहने दो, क्या तुम बाहर जाकर दूध ला सकती हो. नूयी ने कहा,'मेरी मां ने कहा-एक बात ध्यान रखना. तुम पेप्सीको की अध्यक्ष भले ही बन गई. लेकिन जब इस घर में घुसती हो तो तुम पत्नी हो, बेटी हो, बहू हो और मां हो. तुम सबकुछ हो. इसलिए इस बेकार ताज को गैराज में रखो. इस घर में मत लाओ और यकीन मानिए मैंने इस ताज को कभी नहीं देखा.