अागामी 15 जुलाई को चंद्रयान-2 लांच होगा। इसकी सफलता से भारत अंतरिक्ष महाशक्तियों की फेहरिश्त में एक पायदान और ऊंचा हो जाएगा। खास बात तो यह है कि इतने बड़े मिशन में महिलाओं की भूमिका बेहद खास है। पढें इस मिशन में वूमन पाॅवर के बारे में....

चेन्नई (आईएएनएस)।  देश में नारी शक्ति को बल प्रदान करने का काम चंद्र अभियान चंद्रयान -2 कर रहा है। भारत के 978 करोड़ रुपये के दूसरे मून मिशन में महिलाओं की खास भूमिका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन कहना है कि इसमें परियोजना निदेशक और मिशन निदेशक भी महिलाएं हैं। इस मिशन में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं काम कर रही हैं।

On this edition of #RocketScience, P Sreekumar — Director of SSPO — helps us understand why we are going back to the Moon, and how Chandrayaan 2 serves to identify the presence of water below the lunar surface - https://t.co/YuN5SkyPZa #Chandrayaan2 #GSLVmkIII #ISRO pic.twitter.com/rhItflbJXU

— ISRO (@isro) July 12, 2019


एम वनिता इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर हैं

इसमें महिला परियोजना निदेशक एम वनिता इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर हैं। यह चंद्रयान 2 का संपूर्ण उत्तरदायित्व संभाल रही हैं।  इंडिया की रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स के लिए डेटा हैंडलिंग सिस्टम की जिम्मेदारी उठा चुकी वनिता पहले इस ऐतिहासिक मिशन की जिम्मेदारी लेने में अनिच्छुक थी। हालांकि बाद में वह इसरो सैटेलाइट सेंटर की तत्कालीन निदेशक एम अन्नादुरई के समझाने पर वह मान गईं।
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मंगल मिशन में डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर रहीं रितु करदिल

वहीं मिशन निदेशक रितु करिदल भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री धारक हैं। वह मंगल मिशन में डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर थीं। रितु करिदल ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि हम मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। 15 जुलाई को चंद्रयान-2 लांच होगा। इसकी सफलता से भारत अंतरिक्ष महाशक्तियों की फेहरिश्त में एक पायदान और ऊंचा हो जाएगा।

 

Posted By: Shweta Mishra