सबसे पहले महिला सुरक्षा, उसके बाद युवा
मिलेनियल्स स्पीक जेनरल इलेक्शन-2019 के दूसरे दिन हमने साहू राम स्वरूप महिला महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में यूजी गर्ल्स से बातचीत की। इस दौरान 25 गर्ल्स मौजूद रहीं, जिन्होंने चुनावी मुद्दों पर अपनी बात रखी। गर्ल्स का कहना था कि जो उनके व समाज के हित की बात करेगा उसी को वह वोट करेंगी।
=============== सैटरडे को वरदान विधि संस्थान में सुबह 11 बजे से होगी राजनी-टी ------- भ्रष्टचार बड़ा मुद्दाशहर के बीच में स्थित साहू राम स्वरूप महिला महाविद्यालय में गर्ल्स के लिए फ्राइडे का दिन कुछ खास रहा। मौका था दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के मिलेनियल्स स्पीक जेनरल इलेक्शन 2019 की चर्चा का। जो उनके लिए अपनी बात और मुददों को खुलकर रखने के लिए प्लेटफार्म मुहैया करा रहा था। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के जरिए चर्चा में मौजूद गर्ल्स ने बताया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनके मुद्दे क्या हैु, वह अपना नेता और सरकार किस तरह की चाहती हैं। दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुई डिबेट करीब 1 बजे तक चली, जिसमें रेडियो सिटी की आरजे बुलबुल भी मौजूद रहीं। आरजे बुलबुल ने डिबेट में मौजूद सभी गर्ल्स को प्रोग्राम के बारे में बताकर डिबेट को शुरू कराया। डिबेट में सभी गर्ल्स अपनी बात रखने के लिए उत्सुक दिखी। शुरूआत महिला सिक्योरिटी से हुई। सभी गर्ल्स अपनी सिक्योरिटी को लेकर सेंसिटिव दिखी। गर्ल्स इसके बाद रोजगार परक शिक्षा, करप्शन मुक्त देश और आरक्षण के मुददे पर बोलीं।
करप्शन के लिए खुद जिम्मेदार राजनीति की डिबेट के दौरान करप्शन के मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई, जिसमें सबसे पहले लवी सिंह ने कहा कि करप्शन हमारे देश में बड़ा मुद्दा हो चुका है। इसके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। इसी बीच में एशांसी सिंह ने बात को बीच में काटते हुए कहा कि करप्शन के लिए सरकार ही नहीं इसके लिए हम लोग भी कम जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि हम लोग खुद ही कोई काम कराने के लिए शॉर्टकट तरीका अपनाते हैं। पहले तो हम सही समय पर अपने काम का ध्यान नहीं देते हैं और जब काम कराने जाते हैं तो शॉर्टकट तरीका अपनाने के लिए खुद ही करप्शन करने से नहीं चूकते हैं। इसके लिए कोई और नहीं हम खुद जिम्मेदार हैं। महिलाओं के प्रति बदले मानसिकतागुंजन ने करप्शन की बात को ब्रेक देते हुए कहा कि महिलाओं की सिक्योरिटी के लिए कितने कानून बने हैं, लेकिन कोई महिला इसके बाद भी सुरक्षित नहीं है। घर से जाने के बाद जब तक महिला घर वापस नहीं आती है तब तक परिवार वाले भी चिंतित रहते हैं। इसके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। इसी बीच एशांसी बोली कि इसके लिए हम सभी को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग इसके पीछे गर्ल्स के कपड़ों को दोषी मानते हैं, मेरा कहना है कि जो लोग इसके लिए गर्ल्स के कपड़ों को जिम्मेदार मानते हैं उनको भी अपनी मानसिकता बदली चाहिए। क्योंकि, जो मासूम बच्चियां होती है जो दो साल और चार साल की होती है उनके लिए तो कपड़े जिम्मेदार नहीं फिर वह क्यों इस तरह की घिनौनी हरकतों का शिकार होती है। इसके लिए सरकार को कुछ ऐसे अवेयनेस कार्यक्रम चलाने चाहिए ताकि लोगों की मानसिकता बदले। तभी बीच में नेहा राज ने कहा कि जब तक हमारा समाज जागरूक नहीं होगा बेटा बेटियों में फर्क करना नहीं छोडे़गा तब तक महिलाएं सुरक्षित नहीं हो सकती हैं। क्योंकि महिला और पुरुष को जब तक एक नजरिए से नहीं देखा जाएगा अपराध नहीं रुक सकता।
कैसी स्मार्ट सिटीडिबेट में सरिता श्रीवास्तव ने कहा कि शहर स्मार्ट सिटी में चयन तो हो गया, लेकिन इसका क्या फायदा शहर में कूड़ा तक तो उठता नहीं। तभी नेहा राज गुप्ता ने बात को काटते हुए कहा कि नहीं कूड़ा तो उठता है लेकिन अभी तक पालीथिन पर बैन नहीं हो सका। इसके लिए सरकार को पालीथिन बेचने वालों पर नहीं पालीथिन की फैक्ट्री पहले बंद करानी चाहिए। जब पालीथिन बनेगी ही नहीं तो बिकेगी कहां से। इसी बीच हरनीत ने कहा कि सरकार को सबसे पहले तो शिक्षा का स्तर सुधारना चाहिए। क्योंकि जब सरकार शिक्षा का स्तर सुधार लेगी तो देश में बेरोजगार भी कम हो जाएंगे।
जनसंख्या बड़ी समस्या रोजगार की बात को बीच में काटते हुए एशांसी ने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या इतनी है कि सरकार भी क्या करे। सरकार को चाहिए कि पहले जनसंख्या पर नियंत्रण करे तभी बेरोजगारी में कमी आएगी। क्योंकि जनसंख्या को नियंत्रण करना भी बड़ी समस्या है। इसी बीच आमरीन ने कहा कि गर्ल्स को सिर्फ सिक्योरिटी और अच्छी शिक्षा मिले ताकि वह आगे बढ़ें। आमरीन का समर्थन करते हुए गजाला ने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार की जरूरत है। कड़क बातडिबेट के दौरान महिला सिक्योरिटी और करप्शन का मुद्दा मेन रहा। सभी गर्ल्स का मानना था कि महिला सिक्योरिटी को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, इसके बाद भी महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती है। यही रीजन है आज के दौर में भी महिलाएं देर सवेर घर से निकल नहीं पाती हैं या फिर घर वाले उन्हें बाहर भेजना नहीं चाहते हैं। सबसे पहले तो महिलाओं के लिए सिक्योरिटी के पर्याप्त इंतजाम हों उसके बाद शिक्षा को रोजगार परक बनाया जाना चाहिए, क्योंकि शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ना भी किसी चिंता से कम नहीं है।
========================== -नेता में राष्ट्र के पति ध्येय निष्ठा होनी चाहिए। हमारा नेता वो हो जो राष्ट्र के विकास की बात करे। राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने का काम करे। नेहा राज गुप्ता, बीए सेकंड ईयर ----------------- हमारा नेता ईमानदार हो, जो सिर्फ बातों से नहीं बल्कि जमीनी हकीकत पर विकास की बात करे। क्योंकि पब्लिक अब दावों में नहीं आने वाली। एशांसी सिंह, बीए सेकंड ईयर ------------------------ -नेता कोई भी हो उसे झूठे वादे नहीं करना चाहिए। क्योंकि अब पब्लिक भी धोखे में रहने वाली नहीं है। पब्लिक धोखा एक बार खाती है बार-बार नहीं। हरनीत, बीए थर्ड ईयर ------------------- -भ्रष्टाचार के लिए कहीं न कहीं हम खुद ही जिम्मेदार है, हम लोग खुद ही शॉर्टकट अपनाने के चक्कर में भ्रष्टचार को बढ़ावा देते हैं, लेकिन हमें भी सुधरना चाहिए। सोनाक्षी, बीए सेकंड ईयर ---------------- -कानून व्यवस्था को और प्रभावी बनाने की जरूरत है। अपराध को देखते हुए लगता है कि अपराधियों में कानून का खौफ नहीं रह गया। कानून को प्रभावी बनाया जाए। लवी शर्मा, बीए सेकंड ईयर ---------------- -सरकार को जब यूथ का साथ चाहिए तो रोजगार के अवसर भी बढ़ाए। इसके साथ रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। ताकि बेरोजगारी में कमी लाई जा सके। आंचल, बीए सेकंड ------------------ पब्लिक अब घोषणाओं में आने वाली नहीं है। पब्लिक अब बदलाव चाहती है क्योंकि जब तक बदलाव नहीं आएगा देश आगे नहीं बढ़ सकता है। गुंजन सैनी, बीए सेकंड ईयर ---------------------- -हर बार नेता झूठे सपने दिखाकर पब्लिक को गुमराह कर देते हैं, लेकिन इस बार पब्लिक गुमराह खुद होने की बजाय नेताओं को गुमराह कर देगी। सरिता श्रीवास्तव,बीए सेकंड ईयर ----------------- -गर्ल्स सिक्योरिटी के साथ शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। इसके साथ गर्ल्स की सिक्योरिटी के लिए जो नियम लागू किए गए हैं उन्हें प्रभावी बनाने की जरूरत है। सोनम श्रीवास्तव,बीए सेकंड ईयर ---------------- नेता को चुनने से पहले हमें देखना होगा कि हमारी जरूरतें उसकी प्राथमिकता में होंगी तभी उसे वोट करेंगे, अन्यथा नहीं। क्योंकि अब यूथ के लिए रोजगार परक शिक्षा की जरूरत है। गजाला, बीए थर्ड ईयर