महिलाओं में बढ़ी गर्भनिरोधक इंजेक्शन की मांग

एक महीने में 125 महिलाओं ने लगवाया इंजेक्शन

>Meerut। जिला अस्पताल में लांच किया गया गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा 4 से 6 बच्चों की मां बन चुकी महिलाओं को अधिक रास आ रहा हैं। वजह इस योजना के अंर्तगत इंजेक्शन लगवाने वाली महिला व उसके साथ आई आशा को 100 रुपये का भुगतान किया जाता है। ऐसे में योजना के फायदे को दरकिनार करते हुए केवल पैसे के लालच में कई बच्चों की मां बन चुकी महिलाएं भी इंजेक्शन लगवाने से पीछे नहीं हट रही हैं।

ये है योजना

अनचाहे गर्भ को रोकने व बच्चों में पर्याप्त अंतर बनाने के लिए पिछले महीने यूपी सरकार ने गर्भनिरोधक योजना लांच की थी।

इसके तहत महिलाओं को नि:शुल्क अंतरा इंजेक्शन और छाया टेबलेट दी जाती है।

पिछले एक महीने में छाया टेबलेट के प्रति कुछ ही महिलाओं ने दिलचस्पी दिखाई हैं।

करीब 125 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है।

अस्पताल स्टाफ द्वारा काउंसलिंग के बाद ही महिलाओं को इंजेक्शन लगाया जा रह हैं।

अस्पताल की हेड नर्स के मुताबकि उनके पास रोजाना सात से 10 ऐसी महिलाएं आती हैं, जिनके चार से अधिक बच्चे होते हैं।

साल में चार इंजेक्शन

एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर बनाने के लिए महिला को तीन माह में एक इंजेक्शन लगाया जाता है जबकि साल में चार इंजेक्शन लगाए जाएंगे। हर बार इंजेक्शन लगवाने पर महिला व आशा के खाते में 100 रुपये का भुगतान किया जाता है। इस इंजेक्शन का उपयोग करने वाली महिला को एक साल तक रोकथाम के लिए अन्य किसी साधन का उपयोग करने की जरूरत नहीं पड़ती है। जबकि छाया टेबलेट का सेवन आठ दिन में दो बार करना होता है। साथ ही एक महीने तक टेबलेट खानी होती है।

गर्भनिरोधक इंजेक्शन से स्तनपान पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

बांझपन नहीं होता है। दोबारा जब भी गर्भधारण करना चाहें, इंजेक्शन लगवाना बंद कर दें।

जल्द ही इसे पीएचसी और सीएचसी स्तर पर भी इसे उपलब्ध कराया जाएगा।

इनका है कहना

जिला स्तर पर महिलाओं को अंतरा और छाया गर्भनिरोधक की सुविधाएं मिल रही है। हालांकि महिलाओं में इंजेक्शन काफी पसंद किया जा रहा है लेकिन अधिक बच्चों वाली महिलाएं भी इसे ही लगवा रही हैं। हम उन्हें मना भी नहीं कर सकते हैं।

डॉ। मंजू मलिक, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल, मेरठ

Posted By: Inextlive