- नगर निगम ने इशू किया था अंडर ग्राउंड केबिल डालने के काम का टेंडर

- पांच हिस्सों में बांटा गया था 2.58 करोड़ से होने वाला काम

- बिना टेंडर अलॉटमेंट के ही शुरू हो गया काम

GORAKHPUR: नगर निगम में टेंडर आवंटन को लेकर जमकर खेल हो रहा है। टेंडर आवंटन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही काम शुरू करा दिया जा रहा है। अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए निगम के जिम्मेदारों ने शासनादेश को भी ताक पर रख दिया है। शहर में एयरपोर्ट से नंदानगर होते हुए मोहद्दीपुर से पैडलेगंज तक नवनिर्मित डिवाइडरों पर पोल, तार एवं एलईडी लगाए जाने का टेंडर निगम ने कुछ दिनों पहले जारी किया था। विज्ञापन के मुताबिक 18 से 25 फरवरी के बीच निविदा आमंत्रित की गई थी लेकिन टेंडर अलॉटमेंट तो दूर की बात, बिना कोई आवेदन प्राप्त किए ही निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने मौके पर काम कर रहे मजदूरों से बात की तो पता चला कि पांच दिन पहले से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इस बारे में सवाल करने पर जिम्मेदारों ने पहले तो इस बात से ही इनकार कर दिया कि काम नगर निगम करवा रहा है। बाद में कहने लगे कि निर्माण कार्य टेंडर प्रक्रिया से अलग करवाया जा रहा है।

ताक पर रखा शासनादेश

डिवाइडरों पर पोल, तार एवं एलईडी लगाने के लिए एयरपोर्ट से लेकर पैडलेगंज तक 2.58 करोड़ की लागत से एक कार्य को स्वीकृति मिली थी। निगम ने इसे एयरफोर्स से नंदानगर पुलिस चौकी तक डिवाइडर पर 66 पोल, नंदानगर पुलिस चौकी से रेलवे क्रॉसिंग तक 24 पोल, नंदानगर रेलवे क्रॉसिंग से गुरुंग चौराहे के पास तक 85 पोल, गुरुंग चौराहे से मोहद्दीपुर तक 90 पोल और मोहद्दीपुर से पैडलेगंज तक 85 पोल, तार, एलईडी लाइट लगाने के काम में बांट दिया। जबकि 27 अप्रैल 2001 को तत्कालीन वित्त सचिव बीके शर्मा ने 'टेंडर प्रक्रिया एवं क्रय में पारदर्शिता' विषय से जारी शासनादेश के बिंदू 6 में स्पष्ट किया है कि 'स्वीकृत कार्यो को यथासंभव टुकड़ों में न बांटा जाए। अगर ऐसा किया जाए तो उसका कारण उल्लिखित किया जाए'।

उठ रहे सवाल

1-टेंडर आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही काम कैसे शुरू करवा दिया गया?

2-जब टेंडर प्राप्त ही नहीं हुए तो किस आधार पर फर्म का चयन किया गया?

3-एक स्वीकृत कार्य को 5 टुकड़ों में क्यों बांटा गया?

4-ओपेन टेंडर होने पर ठेकेदारों के आपसी कॉम्प्टीशन में नगर निगम को लाभ होता ऐसा क्यों नहीं किया गया?

बॉक्स

कहीं जेब भरने की तैयारी तो नहीं?

टेंडर का ओपेन अलॉटमेंट करने में सबसे कम दर पर अलॉटमेंट किया जाता है। टेंडर पाने के लिए आपसी कॉम्प्टीशन में ठेकेदार कम रेट पर अप्लाई करते हैं। जिससे अनुमानित लागत से 10 या 20 फीसदी कम दर पर टेंडर अलॉटमेंट कर दिया जाता है। अगर पोल व तार लगाने के 2.58 करोड़ रुपए की लागत के टेंडर को ओपेन किया जाता तो निगम का 20 से 40 लाख रुपया बच सकता था। लेकिन जिम्मेदारों ने बिना एप्लीकेशन के ही अलॉटमेंट कर दिया। जिसके कारण निगम इस संभावना से ही वंचित हो गया।

वर्जन

अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। टेंडर अलॉटमेंट से पहले अगर काम शुरू करवा दिया गया है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगम में किसी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

- अंजनी कुमार सिंह, नगर आयुक्त

नगर निगम मोहद्दीपुर से पैडलेगंज तक काम करवा रहा है। एयरपोर्ट के पास हो रहा काम टेंडर से अलग है। नगर आयुक्त के निर्देश पर काम करवाया जा रहा है।

- डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive