दुनिया में दिल्‍ली पहला ऐसा शहर होगा जहां सबसे साफ पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति हो रही है। 1 अप्रैल से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों पर यूरो-VI ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति शुरू कर दी है। राजधानी में खतरे का निशान पार कर चुके वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए कंपनी ने सिर्फ दो साल में ही ईंधन को स्‍वच्‍छ करके आपूर्ति सुनिश्चित कर दी। यूरो-IV ग्रेड के ईंधन की अपेक्षा यूरो-VI ग्रेड के ईंधन में पांच गुना कम सल्‍फर के कण होंगे। यूरो-IV ग्रेड के पेट्रोल डीजल में 50 पार्ट्स पर मिलियन पीपीएम सल्‍फर होता था जो घटकर यूरो-VI ग्रेड के ईंधन में सल्‍फर मात्र 10 पीपीएम रह गया है।


निर्यात हो सकेंगे यूरो-VI ग्रेड के वाहननई दिल्ली (प्रेट्र)। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तेल कंपनियों ने तय समय में स्वच्छ ईंधन आपूर्ति का अपना वादा पूरा करके दिखाया है। इससे वाहन उद्योग को भी लाभ मिलेगा और वे यूरो-VI ग्रेड के वाहन यूरोप में निर्यात कर सकेंगे। बस उन्हें स्टेयरिंग को बांई तरफ करना होगा। भारत में स्टेयरिंग दाहिनी ओर होता है जबकि यूरोप में राइट हैंडेड ड्राइविंग का नियम है। प्रधान ने कहा कि तेल कंपनियों ने बीएस-VI ग्रेड का स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने की तकनीक पर 30 हजार करोड़ रुपये निवेश किया है। उत्सर्जन के मामले में बीएस-VI ग्रेड का ईंधन यूरो-VI के बराबर मानक वाला ही है। 2020 तक बीएस-VI ग्रेड के ईंधन की आपूर्ति पूरे देश में शुरू हो जाएगी।2020 में यूरो-V ग्रेड का ईंधन आना था
दरअसल 2020 तक देश में यूरो-V ग्रेड का ईंधन आना था और यूरो-VI ग्रेड का ईंधन की आपूर्ति 2024 में शुरू होनी थी। लेकिन देश में वायु प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए तेल उद्योग ने यूरो-V ग्रेड का ईंधन को छोड़ कर उसी समय सीमा में यूरो-VI ग्रेड का ईंधन की आपूर्ति की व्यवस्था कर दी है। भारत में बीएस-I ग्रेड के ईंधन वर्ष 2000 में लागू किया गया था। इस ग्रेड के पेट्रोल में 500 पीपीएम सल्फर और डीजल में 1000 पीपीएम सल्फर शामिल होता था। तेजी से ईंधन में सल्फर की मात्रा कम की गई और देश की राजधानी में बीएस-VI ग्रेड के ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी गई। यह सारी कवायद कोर्ट के निर्देशों के बिना ऑयल कंपनियों ने स्वत: किया है।तीन साल में पूरे देश में यूरो-VI ईंधन


आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है जहां तीन वर्ष के कम समय में यूरो-IV ग्रेड के ईंधन से यूरो-VI ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति शुरू हुई हो। इतने कम समय में भारत यह उपलब्धि हासिल करेगा। उनका दावा है कि दुनिया में इतना स्वच्छ ईंधन और कहीं आपूर्ति नहीं हो रही है। यूरो-VI ईंधन के प्रसंस्करण में अच्छी खासी लागत आ रही है इसके बावजूद इसकी कीमत ग्राहकों से नहीं वसूली जाएगी। पूरे देश में इस ग्रेड के ईंधन की आपूर्ति अप्रैल 2020 तक शुरू हो जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद साथ में मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे जैसे 13 बड़े शहरों में 1 जनवरी 2019 से यूरो-VI ग्रेड के स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति शुरू हो जएगी।

ग्राहकों से नहीं वसूली जाएगी स्वच्छ ईंधन की पेट्रो कीमतेंउन्होंने भरोसा दिलाया कि स्वच्छ ईंधन की लागत उपभोक्ताओं से वसूलने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। इसमें जो भी खर्च हो रहा है वह तेल कंपनियां वहन करेंगी। यदि स्वच्छ ईंधन की लागत की बात करें तो इसमें प्रति लीटर तकरीबन 50 पैसे का खर्च आता है। एक बार पूरे देश में यूरो-VI ग्रेड ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाने के बाद कीमत वूसलने की योजना पर काम किया जाएगा। अभी इसकी लागत वसूलने की कोई बात नहीं है। दिल्ली में सालाना 9.6 लाख टन पेट्रोल और 12.65 लाख टन डीजल की खपत है। मथुरा, पानीपत, बीना और भटिंडा से होगी ईंधन की आपूर्ति
राजधानी में यूरो-VI ग्रेड के स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति उत्तर प्रदेश की मथुरा रिफाइनरी, हरियाणा की पानीपत रिफाइनरी, मध्य प्रदेश की बीना रिफाइनरी और पंजाब की भटिंडा रिफाइनरी से सुनिश्चित की जाएगी। स्वच्छ ईंधन के उत्पादन के लिए सिर्फ पानीपत रिफाइनरी पर ही 183 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। अन्य रिफाइनरियों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया चल रही है। भारत में 2015 में ही तय कर लिया गया था कि अप्रैल 2020 तक पूरे देश में यूरो-VI ग्रेड के स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली जाएगी। वर्तमान में यूरो-VI ग्रेड के ईंधन उपलब्ध है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh