कई दशक बाद भी इलाहाबादी अमरूद का क्रेज बरकरार

दूसरे कई शहरों में लगी नर्सरी, लेकिन नहीं मिल पाया इलाहाबादी अमरूद का मजा

ajeet.singh@inext.co.in

ALLAHABAD: वैसे तो फलों की कई वैराइटी है, लेकिन जिक्र जब अमरूद का हो वह भी इलाहाबादी तो दिमाग में अलग ही छवि जनरेट हो जाती है। कारण है बिल्कुल सेब जैसा स्वाद और तमाम बीमारियों से निजात। इसे विस्तार देने के लिए तमाम दूसरे शहरों में नर्सरियां लगीं लेकिन इलाहाबादी माटी की उपज जैसा स्वाद कहीं नहीं मिला।

अमरूद महोत्सव में डिस्प्ले

खुशरूबाग स्थित अमरूद पार्क में संचारी संस्था और यूपी टूरिज्म की ओर से शनिवार को एक दिवसीय अमरूद महोत्सव का आयोजन किया गया। कमिश्नर राजन शुक्ला ने इसका इनॉगरेशन किया। उनके साथ डीएम संजय कुमार भी थे। यहां अमरूद की तमाम वेराइटीज के साथ इससे बनने वाली सामग्रियां डिस्प्ले की गई थीं। मुख्य उद्यान विशेषज्ञ भानु प्रकाश राम के मुताबिक इलाहाबादी सफेदा अमरूद के अलावा सेबिया, सुरखा, श्वेता, पंत प्रभात, एल 39, संगम व ललित इसकी प्रमुख प्रजाति है। इलाहाबाद और कौशांबी में सुरखा, सेबिया और सफेदा की उपज होती है। इलाहाबादी सुरूखा और सफेदा की डिमांड पूरी दुनिया में है।

बीमारी से मिलती है निजात

विशेषज्ञ भानु प्रकाश के अनुसार इलाहाबादी अमरूद की खासियत यह है कि यह रोग मुक्त फल है। इसके सेवन से विटामिन सी, बी व ए की कमी दूर होती है। सी रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। बी शरीर के लिए पौष्टिक एवं ए आंख की रोशनी और दांतों को मजबूत रखता है।

बाक्स

अमरूद से बनते हैं जेम, कैंडी

संचारी संस्था की प्रेसीडेंट पल्लवी चंदेल बताती हैं कि अमरूद से कई आइटम बनाए जा सकते हैं। सर्दियों के सीजन में भोजन के साथ इसका सलाद शरीर के लिए फायदेमंद है। इसकी चटनी भी बनती है। अमरूद से बने जेम, जेल, कैंडी व जूस की डिमांड विदेशों में भी है। उद्यान विभाग के अनुसार अमरूद की खेती इलाहाबाद के अलावा फर्रूखाबाद, उन्नाव, लखनऊ, फैजाबाद, सीतापुर व सहारनपुर में होती है। पूरे प्रदेश में करी 18.5 हजार हेक्टेयर में इसकी फसल उपजाई जाती है।

बाक्स

गल्फ कंट्रीज में ज्यादा डिमांड

भानु प्रसाद बताते हैं कि अमरूद की सबसे अधिक डिमांड गल्फ कंट्री में है। इनमें सउदी अरब, कुवैत, दुबई, यूएई, कतर, बहरीन, यमन, ओमान, जार्डन आदि शामिल हैं। पीक सीजन में बड़ी मात्रा में अमरूद वहां भेजे जाते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक आदि प्रदेशों में इलाहाबादी अमरूद की नर्सरी लगाई गई, लेकिन उन्हें वह मजा नहीं मिला, जो इलाहाबाद में पैदा होने वाले अमरूद में है।

खूबसूरती में सेब को दिया मात

इलाहाबादी सेबिया अमरूद का कोई जोड़ नहीं है। सेब की शक्ल में छोटे और बेहद खूबसूरत दिखने वाले इन अमरूदों ने सबको क्रेजी बना रखा है। बहुत से लोग तो सेबिया को ही सेब समझ लेते हैं। खास बात यह है कि सेबिया नस्ल का अमरूद किसी दूसरे शहर में पैदा नहीं होता।

Posted By: Inextlive