-शहर के शॉपिंग एरिया में नहीं है पिंक टॉयलेट

शहर के शॉपिंग एरिया में नहीं है पिंक टॉयलेट

Bareilly

Bareilly: देश भर में शौचालय बनाने की मुहिम छिड़ी हुई है। नगर निगम और प्रशासन के अफसर शौचालय बनवाने और उसके इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। अफसोस चिराग तले ही अंधेरा है, जो अफसर अवेयरनेस की मुहिम छेड़े हुए हैं, वही शहर के मुख्य बाजारों में पर्याप्त टॉयलेट तक नहीं बनवा सके हैं। सबसे बड़ी दिक्कत महिलाओं को होती है। व‌र्ल्ड टॉयलेट डे पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मार्केट में टॉयलेट का हाल जाना तो चौंकाने वाले नजारे सामने आए। महिलाओं के लिए इक्का-दुक्का टॉयलेट कहीं बने भी हैं, तो उनमें ताला लटका हुआ है। पढि़ए रिपोर्ट

कुतुबखाना चौक: एक भी टॉयलेट नहीं

शहर का मेन बाजार है, जहां से बड़ा बाजार, आलमगिरीगंज, कोहाड़ापीर रोड पर शॉपिंग के लिए रोजाना एक लाख से अधिक लोग आते हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या 70 परसेंट होती है। तीनों रास्ते को मिला दें तो करीब तीन किमी लंबे इस बाजार में पिंक टॉयलेट सोचना तो दूर एक भी टॉयलेट नहीं है।

शहर

खलील तिराहा: पिंक टॉयलेट में ताला

शहर के व्यस्ततम मार्केट कुतुबखाना के एंट्री प्वाइंट खलील तिराहा पर दो माह पहले पिंक टॉयलेट बनाया गया। इसमें ताला लटका हुआ है। यह टॉयलेट यूजलेस पड़ा हुआ है। एक टॉयलेट का तो दरवाजा ही उखड़ गया है। टॉयलेट देखकर महिलाएं आती तो हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है।

सेटेलाइट: महिलाओं के लिए नहीं है टॉयलेट

सेटेलाइट पर रोडवेज का बस अड्डा होने की वजह से राहगीरों के लिहाज से बेहद व्यस्ततम तिराहा है। यहां हर रोज एक लाख करीब लोग आते-जाते हैं। इतने महत्वपूर्ण स्थान पर महिलाओं के लिए एक अदद पिंक टॉयलेट की सुविधा नहीं है।

गांधी उद्यान का शौचालय बदहाल

गांधी उद्यान के पास बने सार्वजनिक शौचालय की स्थित बहुत खराब है। यहां पर गंदगी फैली हुई है। दरवाजे उखड़े हुए हैं। टाइल्स भी टूटी हुई है। इसके चलते लोग इस्तेमाल करने से कतराते हैं।

आनंद आश्रम रोड पर शौचालय में ताला

जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आनंद आश्रम रोड पर सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया है, लेकिन इनमें पिछले एक माह से ताला लगा हुआ है। लोग सड़कों के किनारे ही टॉयलेट करने को मजबूर हो रहे हैं।

महिलाओं की मांग बनाए जाएं पिंक टॉयलेट

प्रमुख बाजारों व सार्वजनिक स्थलों के पास पिंक टॉयलेट बनना चाहिए। पिंक टॉयलेट न होने से महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। यह व्यवस्था सही होनी चाहिए।

प्रमोद कुमारी सक्सेना

कुतुबखाना मार्केट में हजारों की संख्या में प्रतिदिन महिलाएं खरीदारी करने आती हैं। यहां पिंक टॉयलेट न होने से बहुत परेशानी होती है। इस एरिया में कम से कम दो पिंक टॉयलेट बनने चाहिए।

शिवानी सक्सेना

कुतुबखाना पर पिंक टॉयलेट बनना बहुत जरूरी है। टॉयलेट न होने के कारण यहां पर महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। फ्लाईओवर की तरह पिंक टॉयलेट भी यहां के लिए जरूरी है।

शिल्पी गुप्ता

इस बाजार में दूरदराज से महिलाएं आती हैं। क्षेत्रीय महिलाओं को तो मालूम है सुलभ कॉम्पलेक्स कहां पर है, लेकिन बाहरी महिलाओं को यह जानकारी नहीं हो पाती। इस एरिया में तीन पिंक टॉयलेट बनने चाहिए।

गीता गुप्ता

Posted By: Inextlive