Allahabad : वाव! साइक्लिंग का नाम लेकर आपने मुझे बचपन की यादों में पहुंचा दिया है. बचपन में मैंने खूब साइक्लिंग की है. यहां तक कि टीन एज तक मेरे पास एक शानदार साइकिल रहा करती थी. आज भी मैं किसी को साइक्लिंग करते देखती हूं तो एक पल के लिए मन करता है कि उसकी साइकिल मांगकर हाथ अजमा लूं. लेकिन सेलेब्रिटी बनने के बाद यह सब पॉसिबल नहीं है. कई बार मन मारकर रहना पड़ता है. क्योंकि मुझे पता है कि अपने मन के मुताबिक मुंबई में मलाड से साइकिल से निकल जाऊं तो हंगामा हो जाएगा. मैं साइक्लिंग को बहुत मिस करती हूं...

 

स्कूलिंग के दौरान मेरी बेस्ट फ्रेंड साइकिल ही हुआ करती थी। कालोनी में इधर से उधर जाने के लिए हमारे पास एकमात्र सहारा साइकिल ही थी। हमारे दोस्तों का एक गु्रप था जो साइक्लिंग करते हुए खूब फन किया करता था। साइक्लिंंग की बहुत सारी यादें मेरे बचपन और टीनेज उम्र से जुड़ी हुई है। बतौर एक्ट्रेस मूवीज से जुडऩे के बाद बाद वैसे तो साइक्लिंग नहीं हो पाती है, लेकिन मूवी सीन के लिए जब भी मुझे साइक्लिंग का सीन मिला, मैने इसे खूब एंज्वॉय किया। साइकिल से हाथ छूटे लम्बा समय बीत चुका है फिर भी मैं बेहतरीन अंदाज में साइक्लिंग कर सकती हूं. 

फिटनेस के लिए जरूरी है 

मेरे ख्याल से फिटनेस की सबसे अच्छी दोस्त साइक्लिंग ही है। मैं दावा करती हूं कि पर डे आधे घंटे साइक्लिंग कर लीजिए तो पूरी बॉडी हिट एंड फिट हो जाएगीं। मैं आज भी जिम जाती हूं तो मेरा बेस्ट वर्कआउट साइक्लिंग ही होता है। खास बात यह है कि साइक्लिंग से पूरी बॉडी के मस्लस की एक्ससाइज हो जाती है। जबकि अन्य वर्कआउट में बॉडी के अन्य पार्ट को नुकसान के चांस भी बने होते हैं. 

-एक्ट्रेस जुही चावला 


 

Posted By: Inextlive