- हेपेटाइटिस सी पेशेंट को गलत इंजेक्शन देने से हुआ था लीवर कैंसर

-नवंबर 2013 में लेडी ने इलाज के दौरान दम तोड़ा

-गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के एचओडी व रेजीडेंट डॉक्टर पर आरोप

LUCKNOW: एसजीपीजीआई में गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। विवेक आनंद सारस्वत और डॉ। एसजी वेणुगोपाल पर इलाज में लापरवाही का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि इन दोनों डॉक्टर्स ने हेपेटाइटिस सी की पेशेंट ममता शुक्ला (भ्भ्) को गलत इंजेक्शन दे दिया, जो कि रिएक्शन कर गया और उन्हें लीवर कैंसर हो गया। तकलीफ बढ़ने पर घर वालों ने ममता को गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। वहां हुई जांच में कैंसर का पता चला। पर, डॉक्टर्स जब तक इलाज शुरू करते बहुत देर हो चुकी थी। कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था और ममता की तड़प कर मौत हो गई। पुलिस ने इंक्वायरी शुरू कर दी है।

इलाज के बाद सुधर गई थी तबीयत

अलीगंज में सेक्टर-ओ निवासी सुरेश चन्द्र शुक्ला कस्टम एण्ड सेंट्रल एक्साइज में सुपरीटेन्डेंट के पद से रिटायर हैं। मार्च ख्0क्क् में सुरेश की वाइफ ममता की तबीयत अचानक खराब हो गई। सुरेश के मुताबिक, शुरुआत में उन्होंने ममता का चेकअप केजीएमयू में कराया। जहां डॉक्टर्स ने उन्हें पीजीआई में दिखाने की सलाह दी। ब् मार्च को वह ममता को लेकर पीजीआई के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट पहुंचे। जहां के एचओडी डॉ। विवेक आनंद सारस्वत व रेजीडेंट डॉ। एसजी वेणुगोपाल ने ममता का चेकअप किया। डॉक्टर्स ने बताया कि ममता को हेपेटाइटिस सी हो गया। जिसके बाद उनका इलाज शुरू हो गया। सुरेश के मुताबिक, सितंबर ख्0क्क् तक ममता की तबीयत में भारी सुधार हो गया। दिसंबर में डॉक्टर्स ने ममता की जांच कराई। रिपोर्ट में वह बिल्कुल स्वस्थ थीं। पर, डॉक्टर्स ने दवाएं जारी रखने की सलाह दी।

इंजेक्शन से बिगड़ गई तबीयत

सुरेश चन्द्र ने बताया कि ख् फरवरी ख्0क्ख् को वह एहतियातन ममता का चेकअप कराने पीजीआई पहुंचे। जहां डॉ। विवेक आनंद ने ममता को थाइमोसीन अल्फा क् इंजेक्शन देने की बात कही और उनसे ब्ख् हजार रुपये वसूल कर इंजेक्शन मंगा लिये। इंजेक्शन के पैक पर लिखा था कि यह केवल हेपेटाइटिस बी के पेशेंट को देने के लिए है। अन्यथा इसके इस्तेमाल से लीवर कैंसर हो सकता है। सुरेश ने यह बात डॉ। विवेक आनंद को बताई। आरोप है कि डॉ। विवेक ने उन्हें डपट दिया। ख् मार्च ख्0क्ख् को डॉ। विवेक आनंद व डॉ। एसजी वेणुगोपाल ने ममता को इंजेक्शन की पहली डोज दी। कुछ ही घण्टों में ममता को असहनीय हाथ-पैर में दर्द होने लगा और उसके शरीर में सूजन आ गई। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। 9 मार्च को सुरेश ने ममता को पीजीआई की ओपीडी में दिखाया। तीन जांचों के बाद पता चला कि उनका लीवर फेल हो गया।

कहा, एक्सपेरीमेंट कर रहे थे

9 अप्रैल ख्0क्ख् को सुरेश चन्द्र ने ममता को गुडगांव के मेदांता अस्पताल में एडमिट कराया। जहां जांच में पता चला कि उनके लीवर में कैंसर हो गया। डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि अगर लीवर ट्रांसप्लांट नहीं किया गया तो कैंसर पूरे शरीर में फैल जाएगा। वह रुपये का इंतजाम करने के लिये लखनऊ पहुंचे और उन दोनों डॉक्टर्स से गलत इंजेक्शन देने की बात कही। सुरेश के मुताबिक, इस पर डॉक्टर्स ने उन्हें कहा कि वह तो एक्सपेरिमेंट कर रहे थे। भ् मई को सुरेश ने ममता को फिर से मेदांता अस्पताल में एडमिट कराया। पर, तब तक इंफेक्शन पूरी बॉडी में फैल चुका था। फ्0 अगस्त को वहां ममता का लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। पर, कैंसर बॉडी के कई हिस्सों में फैल चुका था और 9 नवंबर ख्0क्फ् को ममता की इलाज के दौरान मौत हो गई। सुरेश चन्द्र की तहरीर पर पीजीआई थाने की पुलिस ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इंक्वायरी शुरू कर दी है।

Posted By: Inextlive