Kanpur: यूपी के इस शहर में आए तो हो सकता है आप गायब ही हो जाएं. यहां के पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले छह महीने में 20 से ज्‍यादा लोग गायब हो चुके हैं. पढि़ए एक रिपोर्ट कि यहां कैसे और क्‍यों गायब हो रहे हैं लोग...

अनजान से बनाएं दूरी
गिली-गिली छू और आदमी गायबजादू दिखाते वक्त जादूगर को तो ऐसा करते हुए आपने कई बार देखा होगा। पर कानपुर में एक ऐसी जगह है, जहां बिना जादू के ही इंसान गायब हो जाता है। सबसे खास बात ये है कि जादूगर तो गायब किए इंसान को वापस ले आता है पर इस जगह पर गायब व्यक्ति या बच्चा वापस नहीं आता। चौंकिए नहीं ये बिल्कुल सच है। ये सनसनीखेज खुलासा खुद पुलिस ने किया है। जब पुलिस ने किया तो इसमें शक की कोई गुंजाइश ही नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले छह महीनों में सेंट्रल से 20 लोग गायब हो चुके हैं। जिनके बारे में कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है। ऐसे में आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पड़ताल की तो मालूम चला कि पुलिस रिकॉर्ड से कई गुना ज्यादा लोग सेंट्रल से गायब हो जाते हैं। पुलिस अपनी जान बचाने के लिए ऐसे सैकड़ों मामले दर्ज ही नहीं करती है। पिछले तीन दिनों में ही एक 22 साल की लडक़ी गायब हो गई जबकि एक और पांच साल की मासूम बच्ची को पब्लिक ने बचा लिया। वरना वो भी उन्हीं में शामिल हो जाती। तो फिर चलिए आपको बताते हैं वो कौन सा ‘जादू’ से जिससे यहां इंसान गायब हो जाते हैं और फिर वो कहां चले जाते हैं। कुछ पता नहीं चलता। इस खबर के पीछे आई नेक्स्ट का मकसद ये है कि आप डरें नहीं बल्कि अलर्ट हो जाएं। जिससे आप या आपका कोई अपना ‘सेंट्रल के जादू’ के चक्कर में न फंसे।
जगह- कानपुर सेंट्रल
टाइम- दोपहर के करीब ढाई बजे
प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर नई दिल्ली से पुरी जा रही नीलांचल एक्सप्रेस आकर खड़ी हुई। हर तरफ जबरदस्त भीड़ थी, चायचायगर्म समोसेकी आवाज आ रही थी। तभी ट्रेन की एक बोगी से एक आदमी को मारते हुए कुछ लोग नीचे उतार रहे थे। ये दृश्य देखते ही वहां भीड़ जमा हो गई। पैसेंजर्स की भीड़ देखते हुए रिपोर्टर भी वहां पहुंच गया। तब तक गोद में एक पांच साल की मासूम बच्ची को पुचकारते हुए एक व्यक्ति उतरा। उसने रिपोर्टर को बताया कि एक 35 साल का व्यक्ति उनकी मासूम बच्ची को लेकर भाग रहा था। भला हो बगल की बर्थ में बैठे एक भाई साहब का जिन्होंने बच्ची को ले जाते देख लिया और मुझे सूचित कर दिया, तब तक कोच के दूसरे पैसेंजर्स ने घेर कर उसको पीटना शुरू कर दिया।
पर वो नहीं बच पाई
ये बच्ची तो बच गई पर वो नहीं बच पाई। कुछ दिन पहले सेंट्रल से एक 22 साल की युवती गायब हो गई। वो अपने फैमिली मेंबर्स के साथ आई थी। फैमिली मेंबर्स को सिटी से बाहर जाना था। वो ट्रेन का इंतजार कर रहे थे कि अचानक वो गायब हो गई। फैमिली मेंबर्स ने बहुत ढूंढा पर वो नहीं मिली। अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
अब तक सैकड़ों
कानपुर सेंट्रल से पिछले कुछ सालों में सैकड़ों लोग गायब हो चुके हैं। ये हम नहीं एक एनजीओ के आंकड़े बता रहे हैं। ऐसे लोग जो गायब हो जाते हैं और कभी सेंट्रल पर मिल जाते हैं तो इस संस्था के लोग उनको उनके घर तक पहुंचा देती है। इस संस्था के मुताबिक सैकड़ों लोग सेंट्रल से गायब हो जाते हैं। जिनका कुछ पता नहीं लगता है। इनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल होते हैं।
पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं
अपनी पड़ताल में आई नेक्स्ट रिपोर्टर को मालूम चला कि सेंट्रल ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गढ़ बनता जा रहा है। बड़े पैमाने पर यहां से बच्चों और जवान लड़कियों को दूसरे शहरों तक पहुंचाया जा रहा है। ये सेंट्रल पर चारों तरफ गुमशुदगी की सूचना देने वाले पोस्टर कह रहे हैं। पिछले दो महीने के दौरान ही 20 से ज्यादा लोग यहां से गायब हो चुके हैं। लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में इसके आधे भी दर्ज नहीं किए गए हैं।
कहां जा रहे हैं मासूम?
नाम न छापने की रिक्वेस्ट पर पुलिस के सीनियर ऑफिसर ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के गोरखधंधे से जुड़े हुए लोगों की सेटिंग दिल्ली, मुंबई, राजस्थान, हरियाणा से लेकर साउथ इंडिया के कई सिटीज में है। उनके मुताबिक दिल्ली और मुंबई में सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को बेचा जाता है। यहां पर बच्चों को बड़े लोगों के घरों में काम कराया जाता है। जबकि हरियाणा और राजस्थान में सबसे ज्यादा लड़कियों की सप्लाई होती है। यहां पर कई ऐसे कस्बे और गांव हैं, जहां पर लड़कियों को शादी करने के लिए बेचा जाता है। बेचने वाले को इसके एवज में मोटी रकम मिलती है।
भीख मंगवाने वाले गैंग्स एक्टिव
खुफिया की रिपोर्ट के मुताबिक सेंट्रल पर बड़े पैमाने पर भीख मंगवाने वाले गैंग्स एक्टिव हैं। इनमें से सिर्फ कानपुर सेंट्रल पर ही एक दर्जन से ज्यादा गैंग्स अपना जाल बिछाए हुए हैं। यहां पर एक्टिव गैंग के मेंबर्स बच्चों को चोरी करने के बाद दूसरे शहरों में सक्रिय गैंग को ट्रांसफर कर देते हैं। इसी तरह दूसरे शहरों से चोरी किए गए बच्चों को कानपुर सेंट्रल ट्रांसफर कर दिया जाता है।
मानव अंगों की तस्करी भी
हैरान कर देने वाला ये खुलासा पुलिस सूत्र ने किया। उसने बताया कि सेंट्रल से बच्चों को गायब करने वाला गैंग इनके अंगों की तस्करी में भी शामिल रहता है। ये लोग बच्चों को दिल्ली और मुंबई ले जाते हैं। जहां ऑपरेशन कर इनके अंगों को निकाल लिया जाता है। इसमें कई बड़े-बड़े लोग शामिल रहते हैं। इनके अंगों को मनमाने दामों में बेचा जाता है। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में भी मानव अंगों की तस्करी की बात का खुलासा हो चुका है।
और बेच दिया जाता है
ह्यूमन ट्रैफिकिंग का सबसे खतरनाक पहलू मासूम लड़कियों को प्रॉस्टीट्यूशन की दुनिया में धकेल देना है। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक कानपुर सेंट्रल से ले जाकर दिल्ली और मुंबई में लड़कियों को बेचा जाता है। दिल्ली के नेशनल कैपिटल रीजन में सबसे ज्यादा लड़कियों की सप्लाई की जाती है।


कानपुर सेंट्रल पर सक्रिय हैं ह्यूमन ट्रैफिकिंग के 'एजेंट'

छुड़ाई गईं थीं कानपुर की युवतियां
नेशनल कैपिटल रीजन की हाईटेक सिटी नोएडा और दिल्ली में पुलिस की छापेमारी के दौरान प्रॉस्टीट्यूशन के धंधे से जुड़ी कई लड़कियों को छुड़ाया गया था। इन लड़कियों को जबरन डरा-धमका कर इस गोरखधंधे में धकेला गया था। इसी साल जनवरी में नोएडा और मार्च में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में छुड़ाई गई लड़कियों में कानपुर से गायब हुई लड़कियां भी शामिल थीं।
कैसे होते हैं गायब
पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि सेंट्रल पर आने वाले लोगों को एक योजना बनाकर गायब किया जाता है। अपने फैमिली मेंबर्स के साथ बैठी युवतियों को गैंग के मेंबर अपनी ओर अट्रैक्ट करते हैं। जैसे ही वो उनके पास कोई आता है। फिर या तो बेहोश होने की कोई चीज सुंघा देते हैं या फिर मुंह में कपड़ा बांधकर कई लोगों के साथ मिलकर स्टेशन के किसी सूनसान इलाके में ले जाते हैं। और फिर वहां बेहोश करके गाड़ी से दूसरी जगह ले जाते हैं।
फॉर योर हेल्प
-स्टेशन पर अपने बच्चें को अकेला न छोड़ें
-अगर आपको अपने आसपास कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो फौरन जीआरपी या आरपीएफ को इंफॉर्म करें
-ट्रेन में किसी अंजान व्यक्ति का दिया हुआ खाना न खाएं
-स्टेशन पर अगर कोई व्यक्ति खाने की चीज दे तो न लें
-अगर कोई व्यक्ति किसी चाय वाले से आपको चाय दिलवाए तो भी न लें, क्योंकि कई चाय वाले भी गैंग के मेंबर होते हैं, जो आपकी चाय में नशीला पदार्थ मिला सकते हैं।
हेल्पलाइन करेगी मदद
जीआरपी और आरपीएफ ने कानपुर सेंट्रल पर इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए कम्बाइंड इनीशिएटिव लिया है। जीआरपी और आरपीएफ इंस्पेक्टर ने अपने सीयूजी नंबर्स को हेल्पलाइन नंबर के तौर पर सर्कुलेट कराना शुरू कर दिया है।
Report by: dheeraj.sharma@inext.co.in

Posted By: Inextlive