-नवाबगंज में पुलिस की गाड़ी की टक्कर से बिजनेसमैन की मौत, नौबस्ता में नगर निगम की गाड़ी ने बाइक सवार छात्र की ली जान

-कानपुर में बढ़ रहा है दुर्घटनाओं का ग्राफ, प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट्स हुए कानपुर में, इनमें 17 प्रतिशत सरकारी गाडि़यों से

KANPUR :

सिटी की रोड्स पर 'सरकारी यमराज' घूम रहे हैं। रोड पर निकलते वक्त आप अलर्ट रहिए। क्योंकि पिछले 24 घंटे में सरकारी गाडि़यों ने दो लोगों की जान ले ली है। सरकारी गाडि़यों के ड्राइवरों की बेतरतीब ड्राइविंग कानपुराइट्स के लिए काल बनती जा रही है। एक छात्र बाइक से नौबस्ता जा रहा था कि नगर निगम की गाड़ी की टक्कर से वो गंभीर रूप से घायल हो गया। वो रोड पर पड़ा तड़पता रहा, लेकिन ड्राइवर उसको हॉस्पिटल नहीं ले गया। उसकी इस संवेदनहीनता से छात्र की मौत हो गई। दूसरा वाक्या तब हुआ जब लेदर कारोबारी पत्नी के साथ जा रहे थे कि सीएसए चौराहे के पास पुलिस की गाड़ी ने बाइक में सीधी टक्कर मार दी। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई, जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।

बुक खरीदने निकला था छात्र

जरौली में रहने वाले अरविन्द मिश्री के बेटे वैभव को ये नहीं मालूम था कि अब वो किताब खरीदकर कभी पड़ नहीं पाएगा। प्राइवेट जॉब करने वाले अरविंद के परिवार में पत्नी क्षमा, दो बेटे गौरव, वैभव (25) और बेटी शुभांगी है। वैभव कॉम्प्टीशन की तैयारी कर रहा था। वो रविवार की शाम को बाइक से बुक खरीदने के लिए घर से निकला था। वो नौबस्ता में पाल चौराहे के पास पहुंचा था कि तेज रफ्तार नगरनिगम की गाड़ी ने बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। वो उछलकर रोड पर गिरकर खून से सन गया। जिसकी ये हालत देखने के बाद भी ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी बल्कि वो वहां से भाग निकला। राहगीरों ने परिजनों को जानकारी देकर उसको हास्पिटल में एडमिट कराया। जहां से उसको रीजेंसी रिफर कर दिया गया। जहां देर रात को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अधिक खून बहने से उसकी मौत हुई है। इससे साफ है कि अगर ड्राइवर उसको टाइम से हॉस्पिटल पहुंचा देता तो उसकी मौत न होती।

डॉक्टर के पास जा रहे थे वो

जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले फारुख इकबाल (58) लेदर कारोबारी थे। उनके परिवार में पत्नी उजमा, चार बेटे और एक बेटी है। सोमवार को फारुख पत्नी उजमा के साथ बाइक से कार्डियोलाजी जा रहे थे। वे कम्पनी बाग के पास अंधे मोड़ के पास पहुंचे थे कि सामने से पुलिस की महिला हेल्प की गाड़ी ने बाइक में टक्कर मार दी। पुलिस की गाड़ी की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि उसकी टक्कर से कारोबारी पत्नी समेत बाइक से उछलकर रोड पर गिर गए। हादसे में कारोबारी की मौके पर मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे देख गाड़ी में मौजूद पुलिस कर्मी कारोबारी और उनकी पत्नी को हैलट ले गए। जहां कारोबारी को मृत घोषित किए जाते ही वे वहां से भाग गए। सूचना पर थाने की पुलिस मौके पर तो पहुंची, लेकिन वे ड्राइवर पर कार्रवाई करने के बजाय उसका बचाव करने में जुट गए।

'सरकारी यमराज' के कारनामे

-परमट में डॉयल 100 की गाड़ी ने अधेड़ को रौंद दिया था। इसमें एसओ ने पीडि़त परिवार पर दबाव बनाकर सिपाहियों को बचा लिया था।

-घाटमपुर में सीओ की गाड़ी से हुआ हादसा। इसमें सीओ घायल बाइक सवारों को हॉस्पिटल पहुंचाने के बजाय खुद निकल गए। इसके साथ ही उन्होंने अगले दिन अपने ड्राइवर से तहरीर दिलाकर बाइक सवारों पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया था।

-बड़ा चौराहा से सरसैया घाट रोड पर नगरनिगम गाड़ी ने साइकिल सवार को कुचला। इसमें ड्राइवर के मौके से भाग जाने पर पब्लिक ने गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी थी।

-मेडिकल कालेज चौराहे के पास नगरनिगम गाड़ी ने अधेड़ को कुचला। इसमें ड्राइवर गाड़ी लेकर मौके से फरार हो गया था।

Posted By: Inextlive