Bareilly: गर्मियों ने आग को भड़का दिया है. जिले में आग की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन जिले में आग से लडऩे के पर्याप्त साधन नहीं हैं. आने वाले समय में हालात और भी बदतर होने वाले हैं क्योंकि पूरे जिले में आग की घटनाओं से निपटने के लिए सिर्फ आठ फायर टेंडर और 67 कर्मचारी ही हैं. आधी से ज्यादा पोस्ट यहां पर खाली पड़ी हैं. इसके अलावा फायर की हेल्पलाइन पर कॉल करने पर नंबर बिजी होने के कारण लोग आसानी से इस पर आग की सूचना भी नहीं दे सकते हैं.


आग पर काबू पाना आसान नहींफायर डिपार्टमेंट के अनुसार गर्मी के मौसम में आग की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं। इसके अलावा गर्मी में आग की घटनाओं पर आसानी से काबू पाना भी मुश्किल होता है क्योंकि गर्मी में एक तो आग वैसे ही जल्दी से फैलती है। इसके अलावा आग में वैक्यूम से गर्म हवा बनती है और आग अपने आप भड़क जाती है। स्टाफ और फायर टेंडर की कमी की वजह से आग पर काबू पाने में काफी प्रॉब्लम होती है। दूर पहुंचने में देरी


शहर से अधिक दूरी पर लगी आग पर काबू पाने में काफी मुसीबत होती है क्योंकि सबसे पहले तो आग की सूचना जल्दी नहीं मिल पाती है फिर घटना स्थल तक पहुंचने में भी काफी प्रॉब्लम होती है। तंग गलियों में लगी आग पर भी काबू पाने में प्रॉब्लम होती है क्योंकि तंग गलियों में फायर टेंडर आसानी से पहुंच नहीं पाती हैं। अगर फायर टेंडर पहुंच भी जाए तो पानी की उचित व्यवस्था नहीं हो पाती है। पानी के लिए टेंडर को वापस फायर स्टेशन पर आना पड़ता है.  स्टाफ की है कमी

डिपार्टमेंट में स्टाफ की कमी से काफी प्रॉब्लम होती है। डिस्ट्रिक्ट में फायर कर्मियों की 136 पोस्ट हैं लेकिन मौजूदा समय में आधी की संख्या में सिर्फ 67 कर्मचारी ही मौजूद हैं। इन कर्मचारियों में कुछ छुट्टी पर होते हैं तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले में आग लगने पर लोगों के जान-माल की सुरक्षा भगवान के भरोसे ही है।  बेवजह करते हैं फोन फायर की घटना की सूचना के लिए डिपार्टमेंट द्वारा 101 नंबर की हेल्पलाइन जारी की गई है लेकिन यह नंबर हमेशा ही बिजी रहता है। फायर अधिकारियों का कहना है कि नंबर बिजी होने की वजह एक लाइन होना और लोगों को इस नंबर पर बेवजह फोन कर बात करना है। 150 से ज्यादा घटनाएंवर्ष 2012 में अभी तक आग की कुल डेढ़ सौ से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें से जनवरी माह में 15 आग की घटनाएं थीं जिनमें धीरे-धीरे गर्मी बढऩे के साथ बढ़ोतरी होती जा रही है। फायर डिपार्टमेंट से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च में आग की 44 घटनाएं हुईं। सूत्रों के अनुसार अप्रैल और मई में आग की घटनाएं अन्य माह की अपेक्षा कुछ अधिक ही हुई हैं। कुछ बड़े इंसिडेंस-16 मई को अशोका फोम के गोदाम में आग लगने से लाखों का माल जला।-3 मई को सुरेश शर्मा नगर में ट्रासपोर्टर के दफ्तर में लगी आग।

-2 मई को बारादरी में स्क्रैप गोदाम में लगी आग।-4 अप्रैल बारादरी में दुकान में आग लगने से लाखों का सामान जला।-4 अप्रैल रोडवेज बस स्टैंड के पास कृष्णा पैलेस में दुकान में लगी आग।RU में आग से जला ऑफिसरुहेलखंड यूनिवर्सिटी के एमबीए डिपार्टमेंट में थर्सडे को लेट नाइट आग लग गई। शॉट सर्किट से लगी आग ने इतना विभत्स रूप ले लिया कि डिपार्टमेंट में रखे सभी कम्प्यूटर और फर्नीचर जल कर खाक हो गए। आरयू के कर्मचारियों ने अपने जुगत से आग पर काबू पाने की कोशिश की। जब तक वे इसे बुझा पाते तब तक डिपार्टमेंट में रखा सारा सामान जल चुका था। फायर कंट्रोल रूम के ऑफिसर्स का कहना है कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई। हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कंट्रोल रूम में कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की, लेकिन नम्बर नहीं लगा।करीब डेढ़ लाख का नुकसान
आग डिपार्टमेंट के फस्र्ट स्टोरी के डॉ। पीबी सिंह के ऑफिस में लगी। ऑफिस में रखे, कम्प्यूटर, फैक्स, प्रिंटर, फर्नीचर समेत सभी सामान व इंस्ट्रूमेंट्स जलकर राख हो गया। रात में लगी आग की कई देर किसी को खबर नहीं थी। अचानक धुंआ और तेज लपटें उठता देख कर्मचारियों ने शोर-मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने आग बुझाने की भरसक कोशिश की और इसकी सूचना टीचर्स समेत ऑफिसर्स को दी।

Posted By: Inextlive