Kanpur: करीब एक साल पहले चीफ मिनिस्टर ने रेगिस्तान गंगा के मॉर्जिनल बांध पर में गंगा बैराज-शुक्लागंज रोड का सपना देखा था. सिर्फ सपना ही नहीं देखा बल्कि नवंबर में इस रोड का इनॉग्र्रेशन करने की घोषणा भी की थी.

 

 

करीब एक साल पहले चीफ मिनिस्टर ने रेगिस्तान (गंगा के मॉर्जिनल बांध पर) में गंगा बैराज-शुक्लागंज रोड का सपना देखा था। सिर्फ सपना ही नहीं देखा बल्कि नवंबर में इस रोड का इनॉग्र्रेशन करने की घोषणा भी की थी। लेकिन ऑफिसर उनके सपने को पूरा नहीं कर सके। खैर, इसके बाद भी ऑफिसर्स की लापरवाही खत्म नहीं हुई।  जिसके कारण चीफ मिनिस्टर की घोषणा के एक साल(जून) के अंदर भी ये रोड नहीं बन पाई है। इसी महीने की 19 तारीख को लखनऊ में हुई मीटिंग में चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने गंगा बैराज-शुक्लागंज रोड को बनाने के लिए तीन महीने की डेडलाइन दी है। इस मीटिंग में कमिश्नर, डीएम सरीखे सीनियर ऑफिसर्स मौजूद है। बावजूद शायद इसके पीडब्लूडी, इरीगेशन डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स की नींद नहीं टूटी है। अगर उन्हें चिंता होती तो गंगा के मार्जिनल बांध पर रोड बनाने में अब तो लापरवाही नहीं करते। कम से कम मार्जिनल बांध के रेतीले हिस्सों में भी अब तक ऊबड़-खाबड़ ही सही रोड का तो नामोनिशान नजर आने लगता है। मगर ऐसा नहीं हो सका है, मार्जिनल बांध के शुक्लागंज के हिस्से में अभी भी कई जगह दूर-दूर तक रेगिस्तान सा नजारा दिखाई पड़ता है। जबकि अगले महीने यानि जून के लास्ट वीक तक मानसून आ जाएगा और फिर सितंबर तक झमाझम बारिश का दौर जारी रहता है। अगर ऐसे ही लापरवाही जारी रही तो फिर अगस्त तक रोड बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगा?

कानपुर के हिस्से के अलावा शुक्लागंज तक मार्जिनल बांध पर रोड बनने का नामोनिशान नहीं

एक साल पहले चीफ मिनिस्टर ने गंगा बैराज- शुक्लागंज रोड बनाने को जो सपना देखा था, उसे अभी तक ऑफिसर साकार नहीं कर सके हैं। ये एक रोड, दो सिटी और तीन डिपार्टमेंट्स की खींचतान में फंसी हुई है। फिलहाल रोड बनने के जो मौजूदा हालात हैं, उन्हें देखकर नहीं लगता है कि ये सडक़ 19 मई को सीएम के द्वारा दी गई 3 महीने की डेड लाइन के भीतर बन पाएगी। क्योंकि करीब 10 किलोमीटर लंबे मार्जिनल बांध पर अभी तक लगभग 6.5 किलोमीटर तक रोड बनाने का नामोनिशान तक नहीं है। दूर-दूर तक रेतीले रेगिस्तान सा नजारा दिखाई पड़ता है। वैसे भी प्री मानसून शुरू हो जाएगा और मौसम वैज्ञानिक जून के लास्ट वीक तक मानसून रेनफॉल शुरू हो जाने के दावे कर रहे हैैं. 

सीएम ने की थी घोषणा

पिछले वर्ष जून में चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने गंगा बैराज से शुक्लागंज रोड को जोडऩे के लिए गंगा के मार्जिनल बांध पर सडक़ बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही नवंबर, 2012 में ही रोड के इनॉग्र्रेशन करने का ऐलान किया था। करीब 10.2 किलोमीटर लंबे इस मार्जिनल बांध पर रोड बन जाने से कानपुर से उन्नाव और लखनऊ आना-जाना काफी आसान हो जाएगा। गंगा बैराज साइड के मोहल्लों में रहने वालों को तो इससे काफी अधिक फायदा होने वाला है। इसी वजह से लोग काफी उत्साहित थे।

तीन डिपार्टमेंट्स जोर लगा रहे हैं

गंगा बैराज-शुक्लागंज रोड बनाने के काम में तीन डिपार्टमेंट्स लगाए गए। इनमें इरीगेशन डिपार्टमेंट के पास मार्जिनल बांध के क्षतिग्र्रस्त हिस्से को सही करने और लेवलिंग करने की जिम्मेदारी दी गई। वहीं गंगा बैराज से सन्नीसराय गांव के पास तक मार्जिनल बांध पर रोड बनाने की जिम्मेदारी पीडब्लूडी कानपुर को दी गई। जबकि इसके आगे से मार्जिनल बांध और शुक्लागंज रोड तक सडक़ बनाने का काम पीडब्लूडी उन्नाव डिवीजन को सौंपा गया है। इसके लिए तीनों डिपार्टमेंट्स को धनराशि भी जारी कर दी है। लेकिन एक साल में ये डिपार्टमेंट्स मिलकर चीफ मिनिस्टर की प्रॉयरिटी वाली गंगा-बैराज कानपुर रोड को नहीं बना सके हैैं. 

खींचतान मची हुई

पीडब्लूडी कानपुर ने गंगा बैराज से 3.5 किलोमीटर दूरी तक रोड बनाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन इरीगेशन डिपार्टमेंट्स अभी तक मार्जिनल बांध की लेवलिंग नहीं कर सका है। पीडब्लूडी उन्नाव के ऑफिसर उनके हिस्से की मार्जिनल बांध पर रोड न बनने के लिए इरीगेशन डिपार्टमेंट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैैं। सवाल ये है कि चीफ मिनिस्टर के ड्रीम प्रोजेक्ट होने के बावजूद भी ऑफिसर्स की लापरवाही जारी है। शायद इन्हीं वजहों से चीफ मिनिस्टर के द्वारा 19 मई को 3 महीने की दी गई डेडलाइन में भी ये रोड बनने के आसार नजर नहीं आ रहे  हैैं. 

ड्रीम प्रोजेक्ट पर फिर जाएगा पानी

 प्री मानसून बारिश फ्राइडे को शुरू हो गई है और मौसम वैज्ञानिक जून लास्ट वीक में झमाझम मानसून रेनफॉल होने के दावे कर रहे हैं। अगर बारिश हुई तो अगस्त तक दी गई सीएम की डेडलाइन के बाद भी सडक़ नहीं बन पाएगी। क्योंकि झमाझम बरसात से मार्जिनल बांध पर लेवलिंग का जो कार्य हुआ है वो बेकार हो जाएगा। बरसात के साथ मिïट्टी बांध के दोनों तरफ नीचे बह जाएगी। क्योंकि बांध के दोनो ओर साइड वॉल या पत्थर भी नहीं लगे हुए हैैं जो बारिश में होने वाली कटान को रोक सके. 

प्रोजेक्ट- गंगा बैराज से शुक्लागंज मॉर्जिनल बांध रोड

 लंबाई- 10.2 किलोमीटर

पीडब्लूडी कानपुर के पास- 3.5 किलोमीटर (गंगा बैराज से)

प्रोजेक्ट कास्ट - 7.80 करोड़ रुपए

प्रोग्र्रेस रिपोर्ट- 60 परसेंट

पीडब्लूडी उन्नाव के पास 6.89 किलोमीटर

प्रोजेक्ट कास्ट - 13.73 करोड़

प्रोग्र्रेस रिपोर्ट- 8 परसेंट 

इरीगेशन के पास मार्जिनल बांध की मरम्मत

प्रोजेक्ट कास्ट- 13 करोड़  

 प्रोग्र्रेस रिपोर्ट- 80 परसेंट

(प्रोग्र्रेस रिपोर्ट संबंधित डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के मुताबिक है)

 इस तरह बननी है रोड

ग्र्रेनुअल सरफेस बेस - 20 सेंटीमीटर

वेट मिक्स मैटेरियल- 10-10 सेंटीमीटर की तीन लेयर

डेंस विटुमिन- 7.5 सेंटीमीटर

कंक्रीट विटुमिन- 4 सेंटीमीटर

रोड बनने से जाम नहीं झेलना पड़ेगा

अभी तक शुक्लागंज, उन्नाव, लखनऊ साइड से सिटी आने वाले को जाजमऊ व शुक्लागंज गंगा पुल से होकर आना पड़ता है। ट्रैफिक रश के कारण शुक्लागंज ब्रिज पर अक्सर जाम लगा रहता है। खासतौर पर सुबह और शाम से लेकर रात तक। कई बार ब्रिज पार करने में एक-एक घंटे तक लग जाते है। वहींं दूसरी ओर फोरलेन हाइवे बनने के कारण जाजमऊ ब्रिज से रामादेवी के बीच जाम लगा रहता है। गंगा बैराज शुक्लागंज रोड बन जाने से खासतौर गंगा बैराज के आसपास मोहल्लों में रहने वाले को फायदा होगा। उन्हें शुक्लागंज या जाजमऊ ब्रिज होकर जाने की बजाए गंगा-बैराज शुक्लागंज रोड से होकर उन्नाव, लखनऊ आदि को जा सकेंगे. 

इन मोहल्लों को अधिक फायदा

विकास नगर, इन्द्रा नगर, मैनावती मार्ग, आजाद नगर, ज्योरा, ख्यौरा विष्णुपुरी, स्वरूप नगर, कंपनी बाग, पॉर्वती बांग्ला रोड, कल्याणपुर, लखनपुर, गीता नगर, शारदा नगर, काकादेव, आवास विकास कल्याणपुर

 

 

Posted By: Inextlive