हॉस्टल फीस के मद में शामिल है गेम्स के 1000 और कल्चरल एक्टिविटी के 500 रुपए

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ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में न्यू एकेडमिक सेशन 2018-19 की शुरुआत जुलाई में ही हो गई। मौजूदा हालात ये हैं कि अभी भी छात्र हॉस्टल में कमरा लेने के लिए ही संघर्ष कर रहे हैं। हॉस्टल में कोई एक्टिविटी भी देखने को नहीं मिल रही। जबकि प्रत्येक अन्त:वासी से हॉस्टल फीस के मद में गेम और कल्चरल एक्टिविटी के नाम पर पैसा वसूला जाता है।

न्यू सेशन से थीं उम्मीदें

गौरतलब है कि इविवि के हॉस्टल्स में एक्स्ट्रा एक्टिविटी पिछले कई साल से ठप है। इस बार कुछ उम्मीद बंधी थी कि नए सेशन में विवि प्रशासन की फाइनेंशियल हेल्प से हॉस्टल में डिफरेंट एक्टिविटीज ऑर्गनाइज होंगी। लेकिन दिसम्बर माह का पहला सप्ताह शुरू हो चुका है और कहीं कोई खास एक्टिविटी शुरू नहीं हो सकी है। छात्र यह अलग आरोप लगा रहे हैं कि लास्ट इयर कोर्स वाइज हॉस्टल अलॉट होने से यहां का कल्चर खराब हुआ है।

रसीद पर मदों का जिक्र नहीं

सिंगल सीट कमरों के लिए अन्त:वासियों से अधिकतम 15,000 रुपए फीस ली गई है। इनमें कल्चरल एक्टिविटी की फीस करीब 500 रुपए और गेम्स फीस 1000 रुपए शामिल है। हालांकि, बहुत छात्र ऐसे भी हैं। जिनकी फीस रसीद पर अब यह नहीं दर्शाया जाता कि उनसे जो फीस ली जा रही है। वह किन-किन मदों में ली जाती है। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी ऐसा जानबूझकर कर रही है। ताकि छात्रों को इसके बारे में कुछ भी जानकारी न हो सके। पुराने अन्त:वासियों का कहना है कि ज्यादातर हास्टल्स में पिछले साल तक जो भी एक्टिविटी होती रही है। उसमें विवि प्रशासन की ओर से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलती। अन्त:वासी जैसे तैसे चंदा जुटाकर खुद ही आयोजन कर लेते थे।

अब कबूतरों का बसेरा

कुछ ऐसा ही हाल गेम्स का भी है। इसके लिए फीस तो बराबर वसूली जा रही है। लेकिन गेम्स एक्टिविटी के लिए फैसिलिटी कुछ है ही नहीं। पीसीबी हास्टल में 20 लाख रुपए से बना बैडमिंटन कोर्ट बदहाल है। जीएन झा और डायमंड जुबिली हॉस्टल में टेबिल टेनिस रूम बंद पड़ा है। इनमें आज कबूतरों का बसेरा है। हॉलैंड हॉल हास्टल की बात करें तो यहां टेनिस की प्रैक्टिस के लिए एक बड़ा भवन मौजूद है। लेकिन वह जर्जर हालत में पहुंच चुका है। कुछ ऐसा ही हाल बाकी हास्टल्स में भी है।

हॉस्टल फैसेलिटी को इंक्रीज करना चाहिये। जब इतनी फीस ली गई है तो गेम्स होने चाहिए। इससे अन्त:वासियों का विकास होगा। वे फ्रेश रहेंगे स्वस्थ रहेंगे।

नीशू, बीए तृतीय वर्ष

पहले तो छात्र चंदा जुटाकर कुछ करवा भी लेते थे। लेकिन अब तो वह भी होता नजर नहीं आ रहा। प्रत्येक हॉस्टल का अपना कल्चर होता है। उसे बरकरार रखा जाना चाहिए।

अनुरूप बलबीर, बीए द्वितीय वर्ष

अभी तो कमरा ही आवंटित हो रहा है। पहले छात्र तो पूरे आ जाएं, तब कहीं जाकर कुछ एक्टिविटी शुरू करने के बारे में सोचा जाएगा। वैसे इसके लिये विवि प्रशासन को इनिशिएटिव लेना चाहिए।

विकास, एमए फाइनल ईयर

खेल के नाम पर विवि प्रशासन अपना खेल खेल रहा है। हॉस्टल का सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है। हॉस्टल का सच यही है कि यहां कोई कल्चरल एक्टिविटी नहीं हो पा रही है जबकि हर अन्त:वासी से वसूली जाती है फीस।

विभा, एमए प्रथम वर्ष

Posted By: Inextlive