परमार्थ निकेतन में हजारों साधकों ने बहाई योग गंगा
RISHIKESH(JNN): परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में संडे को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया। गंगातट पर हजारों साधकों ने योग किया। साध्वी आभा सरस्वती एवं योगाचार्य इंदु शर्मा ने साधकों को योग के विभिन्न आसन कराए।
देश-विदेश से आए थे साधकयोग दिवस के रोज रविवार को परमार्थ निकेतन में गंगा तट पर योग की गंगा बही। देश विदेश से आए साधकों सहित ऋषि कुमारों ने योग में हिस्सा लिया। साधकों को संबोधित करते हुए परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रूप से सराहना करते हुए कहा कि देवात्मा हिमालय के चरणतल में स्थित तीर्थनगरी ऋषिकेश महर्षि पतंजलि की धरती है। नीलकंठ भगवान ने यहीं पर तप किया। योग विज्ञान की राजधानी कहे जाने वाले ऋषिकेश नगर से योग फैल कर आज देश व दुनिया के हर कोने में पहुंच गया है। इस मौके पर साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि योग को विश्व योग बनाने में तीर्थनगरी ऋषिकेश की विशेष भूमिका है। साध्वी आभा सरस्वती ने उपस्थित साधकों को योग को अपने दैनिक आचार व्यवहार में उतारने का आह्वान किया।
मोरारी बापू ने सराहा योग कोप्रसिद्ध संत मोरारी बापू ने परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में श्रीराम कथा के समापन पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए इंटरनेशनल योग दिवस के संदर्भ में कहा कि अब सम्भवामि युगे-युगे की तरह अब सम्भवामि योगे-योगे प्रकटा है।
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