Ranchi police mein ‘umar ki fikar’
What’s the rule?
पुलिस मैनुअल के मुताबिक, किसी भी सब-इंस्पेक्टर की ज्वॉइनिंग के बाद उसे पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (पीटीसी), हजारीबाग में एक साल की ट्रेनिंग दी जाती है। पीटीसी में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सब-इंस्पेक्टर्स को फील्ड में एक साल की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। फील्ड में ट्रेनिंग पूरी होने के तीन सालों के बाद सब-इंस्पेक्टर्स को अप्रूवल लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है। अप्रूवल लिस्ट में शामिल होने के बाद सब-इंस्पेक्टर्स को थाना का चार्ज देकर उन्हें थाना प्रभारी बनाया जाता है।
फिलहाल 300 एसआई पीटीसी, हजारीबाग में ट्रेनिंग ले रहे हैं। ये सभी सब-इंस्पेक्टर्स यंग हैं, जिनकी उम्र 25 साल से 30 साल तक है। जब तक ये सब-इंस्पेक्टर्स ट्रेनिंग लेकर लौटेंगे, तब तक उनके ख्वाब पर पानी फिर चुका होगा। क्योंकि, स्टेट गवर्नमेंट द्वारा थानों को अपग्रेड कर इंस्पेक्टर को प्रभारी बनाया जाएगा।
कहां से आएंगे यंग SI
आखिर कहां से आएंगे यंग दारोगा? यह सबसे बड़ा सवाल है। रांची के थानों में फिलहाल जो भी थानेदार पोस्टेड हैं, वे 1994 बैच अथवा उसके पहले के हैं. साल 1994 से 2012 तक, यानी 16 सालों तक एसआई के पदों पर कोई बहाली नहीं हुई. उम्र के लिहाज से देखा जाए तो उस दौरान दारोगा बनने के लिए एज लिमिट 21 से 35 (जेनरल कैटेगरी) वर्ष थी. ऐसे में 1994 बैच में जो भी एसआई के लिए फाइनली रिक्रूट किए गए थे, आज के डेट में उनकी उम्र कम से कम 37 साल जरूर होगी। दरअसल, एसआई रिक्रूटमेंट रेगुलरली नहीं होने की वजह से ही झारखंड पुलिस में यंग दारोगाओं की कमी हो गई है। अलग स्टेट बनने के बाद पहली बार मार्च 2008 में एसआई रिक्रूटमेंट के लिए एडवर्टिजमेंट निकला. बहाली को लेकर कई विवाद हुए। पाच सालों के बाद तीन सौ एसआई सेलेक्ट किए गए। फिलहाल ये पीटीसी में ट्रेनिंग ले रहे हैं। अगर इनकी उम्र पर भी गौर फरमाया जाए तो उनकी मिनिमम एज आज के दिन में 26 साल होगी, क्योंकि जिस समय एडवर्टिजमेंट(2008) पब्लिश हुआ था, उसी डेट से कैंडिडेट्स की उम्र 21 साल होनी थी। इस बीच बहाली प्रक्रिया पूरी होने में पांच साल लग गए। ट्रेनिंग के बाद थानेदार बनने के लिए कम से कम 5-6 साल इंतजार करना होगा। ऐसे में यंग थानेदारों की बात करना बेमानी है।