एक बाल्टी पानी का प्रयोग करके परिवार दे रहे जल संरक्षण का संदेश

एक बाल्टी में नहाना, एक बाल्टी में कपड़े धुलने का प्रयास सराहनीय

Meerut. भूजल रसातल की ओर जा रहा है तो नदियों का हलक सूखा पड़ा है. जल की कमी एक वैश्रि्वक समस्या बन चुका है तो कई शहर ऐसे भी हैं जो 'डे जीरो' की समस्या से जूझ रहे हैं. भारत में भी अति दोहन एक बड़ी समस्या है जिसके चलते भूजल का स्तर दिनोंदिन गिरा है. जल संचयन और संरक्षण की प्रवृत्ति न होने के कारण जल राशि शनै: शनै: हाथों से छूट रही है. नदियां जल प्रदूषण से दम तोड़ रही हैं. बात करे मेरठ की तो यहां भी गत वर्षो में भूजल स्तर में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई है तो वहीं मेरठ से गुजर रही कृष्णा और हिंडन नदी प्रदूषित हो चुकी हैं. ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मेरठ के कुछ ऐसे परिवारों को चुना जो जल संरक्षण के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. एक साथ 3 पीढि़यां जल संरक्षण के लिए रोजाना प्रयास करती हैं. आलम यह है कि इन परिवारों के सभी सदस्य एक-एक बाल्टी पानी को आम दिनचर्या में प्रयोग में ला रहे हैं वहीं एक-एक बाल्टी कर पानी को बचा भी रहे हैं..

शिक्षा से करें संरक्षण

मयूर विहार फेस 1 के रहने वाले अंकुर मलहोत्रा मेरठ में कोचिंग संचालक हैं. छात्रों को विषय की जानकारी देने के साथ-साथ अंकुर जल संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि अंकुर जल संरक्षण की बात क्लास रूम में करते हैं, वे अपने परिवार के साथ जल संरक्षण का प्रयास फलीभूत भी कर रहे हैं. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम को अंकुर ने बताया कि परिवार की 3 पीढि़यां रोजमर्रा की जरूरतों में एक बाल्टी पानी बचा रहे हैं. अंकुर की 70 वर्षीय मां प्रमिला रोजाना 1 बाल्टी पानी से स्नान कर लेती हैं तो एक बाल्टी पानी से कपड़े भी धो लेती हैं. पत्‍‌नी शिम्पी किचन के सिंक से निकलने वाले एक बाल्टी पानी को ड्रेनेज में वेस्ट नहीं होने देती बल्कि वे उससे गार्डन को सींचती हैं. मासूम दिशा को 'एबीसीडी' के साथ-साथ वाटर सेविंग का पाठ पढ़ रही है. एक बाल्टी पानी में दिनचर्या को पूर्ण कर दिशा परिवार को पानी बचाने के लिए हर समय प्रेरित करती है. अंकुर अपनी कार को एक बाल्टी पानी से धो देते हैं वहीं दिनचर्या के लिए भी एक बाल्टी पानी की आवश्यकता होती है. परिवार एक-एक बाल्टी पानी को नहाने के लिए प्रयोग में ला रहा है तो छिटपुट कारणों के बीच रोजाना एक-एक बाल्टी पानी की बचत भी कर रहा है.

खतरे से रहे सावधान

एक निजी अस्पताल में एकाउंटेंट की पोस्ट पर तैनात दीपचंद आमजन के लिए जल संरक्षण की मिसाल पेश कर रहे हैं. कंकरखेड़ा के रहने वाले दीपचंद के परिवार में पत्‍‌नी इंदूरानी के अलावा 8 साल का बेटा दक्ष है. दीपचंद आवागमन के दौरान बीच में कहीं भी पानी की टोंटी को खुला पाते हैं तो उसे बंद कर देते हैं. बाथरूम और सिंक के पानी को नाली में नहीं बहने देते हैं. इनके घर की नालियां सूखी रहती हैं तो वहीं 'जीरो ड्रेनेज' की बचत वे पौधों को हर-भरा करने में लगा देते हैं. मासूम दक्ष के साथ-साथ पूरा परिवार एक-एक बाल्टी पानी में नहा लेता है तो किसी न किसी बहाने से दिन में कम से कम एक-एक बाल्टी पानी बचा रहा है.

Posted By: Lekhchand Singh