- हेयर डिजाइनर कंपनी का कर्मचारी निकला आटो लिफ्टर गैंग का मास्टर माइंड

- अब तक हाफ सेंच्युरी का बना चुका है गैंग रिकार्ड

- खास लोग और खास जगहों पर करते थे टारगेट

LUCKNOW : वैलेंटाइन डे पर महंगा गिफ्ट देने के लिए यूथ का एक ग्रुप शातिर वाहन चोर बन गया। इस ग्रुप का सरगना एक फेमस हेयर डिजाइनर कंपनी का कर्मचारी है जिसने अलग-अलग फील्ड से पांच लोगों को जोड़ा और फिर सिटी करीब पचास दो पहिया व्हीकल चुराये। हर किसी का काम फिक्स था और चोरी की गाड़ी बेंचने के लिए बाद उनका कमीशन भी उन्हें बराबर से दिया जाता था। इस बार वह पुलिस के जाल में फंस गये और पुलिस ने पूरे ग्रुप को धर दबोचा। उनके पास से चुराई गई 20 दो पहिया वाहन और एक गाड़ी के अलग-अलग पा‌र्ट्स बरामद ि1कये हैं।

खंडहर में छिपा कर रखते थे बाइक

सीओ गाजीपुर दिनेश पुरी ने बताया कि इंदिरा नगर पुलिस ने खुर्रमनगर चौराहे के पास से शातिर मास्टर माइंड शोएब, रईश और चांद को गिरफ्तार किया। पुलिस को इनपुट मिला था कि तीनों चोरी की गाडि़यों की डील करने जा रहे है। पुलिस ने जिस पल्सर गाड़ी से उन्हें पकड़ा था वह भी चोरी की और उसका रंग और नंबर प्लेट बदल दी गई थी। तीनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने पिकनिक स्पाट गेट व पिकनिक स्पाट जंगल स्थित पुराने ट्यूबेल की बाउंड्री के पास खंडहर से चोरी की गई गाडि़यां बरामद की। पकड़े गये मास्टर माइंड शोएब ने बताया कि गाडि़यों को चुराने के बाद वह खंडहर के पास झाडि़यों में गाडि़यों को छिपाकर रखते थे। वारदात के एक से दो सप्ताह के भीतर गाडि़यों को बेच देते थे। अर कोई गाड़ी नहीं बुक पाती थी तो गैंग के मेम्बर और सर्वोदय नगर एरिया में कबाड़ का काम के वाले सदाकत अली के जरिए उसे कटवाकर उसके अलग-अलग पार्ट्स बेचते थे।

हर मेंबर का काम बंटा था

इंदिरा नगर एसओ नोवेन्द्र सिंह सिरोही ने बताया कि गैंग का मास्टर माइंड मो। शोएब तकरोही का रहने वाला है। उसी ने पूरा ग्रुप तैयार किया था। ग्रुप में तकरोही में रहने वाला रईश, आरिफ, डूडा कॉलोनी मटियारी निवासी इश्तियाक, गुडंबा आदिल नगर निवसी सदाकत अली, खुर्रमनगर गांव में किराये के कमरे में रहने वाला मो। चांद को जोड़ा था। शोएब एक फेमस डेयर डिजाइनर कंपनी में काम करता है। इसके चलते उसकी संपर्क में कई महंगी बाइक के मालिक संपर्क में थे। फेमस कंपनी में काम के चलते लग आसानी से उस पर विश्वास भी कर लेते थे। चांद ड्राइवर है और किसी भी गाड़ी क ठिकाने लगाने के लिए उसका यूज किया जाता था। वहीं सदाकत अली पेशे से कबाड़ी है और जिन गाडि़यों का सौदा नहीं हो पाता था उसे सदाकत कटवाकर उनके पा‌र्ट्स बेचता था।

महंगा गिफ्ट देने के चक्कर में फंसे

शोएब की शादी 8 महीने पहले ही हुई है। उसने लव मैरिज की थी। शोएब को कंपनी से 15 हजार रुपये सैलरी मिलती है लेकिन प्रेमिका बनी पत्नी को पहले वैलेंटाइन डे पर महंगा गिफ्ट देना चाहता था। इसी के चलते पिछले दिनों उसने एक साथ कई गाडि़यों पर हाथ साफ किया था। उन्हें एक साथ बेच कर मोटा पैसा कमाना चाहता था। ताकि वह महंगा गिफ्ट दे सके। एक साथ कई गाडि़यों का सौदा की कोशिश में ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

कुछ खास जगहों पर बनाते थे टारगेट

पुलिस हिरासत में आटो लिफ्टर के गैंग के मेम्बर्स ने बताया कि किसी गाड़ी को कैसे उठाना है इसका पूरा प्लान शोएब तैयार करता था। फेमस कंपनी में काम करने के चलते वह अक्सर वहां आने वाले लोगों के किसी ने किसी बहाने गाड़ी कुछ देर के लिए उधार मांग लेता था। फिर उस गाड़ी की डुप्लीकेट चाबी बनवा लेता था। शोएब गाड़ी नहीं चुराता था बल्कि गैंग के अन्य मेम्बर उस डुप्लीकेट चाबी से गाड़ी की लोकेशन लेकर उसे चुरा लेते थे। इसके अलावा उन गाडि़यों को भी टारगेट किया जाता था जिनके लॉक खराब होते थे। अक्सर पुरानी गाडि़यों को वह कटवाकर बेचते थे। ताकि किसी को शक न हो सके।

कैमरे से बचने के लिए पहनते थे हेलमेट

आटो लिफ्टर गैंग के मेम्बरों के अनुसार सिटी में हर जगह सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए वह हेलमेट पहनते थे। गाडि़यों को चुराने के लिए सबसे ज्यादा टारगेट उन्होंने मॉडल शॉप (वाइन शॉप) और मॉल पर किया था। जहां से हेलमेट लगाकर गाडि़यों को चुरा लेते थे। अक्सर लोग ऐसी जगह गाडि़यों के गायब होने पर तत्काल पुलिस को सूचना नहीं देते है। इसी का फायदा उठाकर वह चुराई गई गाडि़यों को ठिकाने लगा देते थे।

Posted By: Inextlive