बरेली में #RaajniTEA पर हुर्इ शिक्षा की बात.

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Bareilly: रुहेलखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा कॉलेज। 16 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ते हैं यहा। नाम है बरेली कॉलेज बरेली। ब्रिटिश काल में बने इस कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए थर्सडे का दिन कुछ खास था। सुबह से ही कॉलेज में एक चर्चा आम थी। क्लासेस से लेकर कॉलेज के लश ग्रीन ग्राउंड तक। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के अभियान राजनीटी की। जो उनके लिए है। उनसे जुड़े मुद्दों को समझने, सुनने और उसे एक प्लेटफार्म देने के लिए है। उन्हें पता था कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट उन्हें ऐसा प्लेटफार्म दे रहा है, जहां वे ये बता सकेंगे कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनके मुद्दे क्या है? वे अपने नेताओं और सरकार से क्या चाहते हैं? विशाल और खूबसूरत कैंपस वाले इस कॉलेज की घड़ी में जैसे ही 12 बजे लाइब्रेरी हॉल में स्टूडेंट्स का आना शुरू हो गया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम वहां पहले से मौजूद थी। रेडियो सिटी की आरजे बुलबुल भी। टीम को भी स्टूडेंट्स के मन की बात जानने की उत्सुकता थी। बगैर कोई देर किए आरजे बुलबुल ने स्टूडेंट्स को प्रोग्राम के बारे में ब्रीफ किया और डिबेट ओपन कर दिया। हर कोई अपनी बात रखने को बेताब हो उठा। एक दूसरे के तर्को पर हामी भरते हुए वे जोर-जोर से कह रहे थे, 'हमें करप्शन फ्री सिस्टम चाहिए। क्वालिटी एजुकेशन हमारा अधिकार है। जातिगत आरक्षण व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को ही रिजर्वेशन मिले। हमें एंटरप्रेन्योर बनने के मौके मिलें ताकि दूसरों को भी जॉब दे सकें। भ्रष्टाचार पर लगाम लगे.' इनकी बातों को सुनकर ऐसा लगा कि सिस्टम की उपेक्षा ने इन्हें किस कदर अंदर तक झकझोर कर रख दिया है।

फिर एक-एक कर मुद्दों पर चर्चा शुरू हुई
सबसे पहले बात क्वालिटी एजुकेशन और एम्प्लॉयमेंट पर आई। बीलिव की स्टूडेंट किरण रावत ने कहा कि बेसिक से लेकर हायर लेवल तक एजुकेशन का स्टैंडर्ड दुरुस्त करने की जरूरत है। हमारी इस डिमांड को हमारे नेताओं को समझना होगा। किरण की बात को सपोर्ट करते हुए आकांक्षा मिश्रा ने कहा कि स्किल बेस्ड एजुकेशन को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे ज्यादा से ज्यादा एम्प्लॉयमेंट मिल सके। ज्यादातर स्टूडेंट्स ने दोनों की बातों का समर्थन करते हुए अपने पॉइंट रखे। एक अन्य स्टूडेंट विनोद रस्तोगी कहना था कि अगर बरेली को एजुकेशन हब बनाया है तो इसे बेहतर बनाने की जरूरत है न कि कमाई का जरिया। उनका कहना था कि एजुकेटेड होने के बाद भी अगर युवाओं को समय पर नौकरी नहीं मिलती है तो वे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।

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बात स्मार्ट सिटी पर आ गई
एजुकेशन पर चर्चा अभी चल ही रही थी कि बात स्मार्ट सिटी पर आ गई। आकांक्षा मिश्रा का कहना था कि सरकार ने बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा तो कर दी, लेकिन स्मार्टनेस नहीं दिखाई। गंदगी जहां-तहां पसरी रहती है। कूड़ा उठाने के लिए डोर-टू-डोर सर्विस फेल है। इसमें लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। पार्को का हाल बुरा है। इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर है। ऐसे में हम कैसे स्मार्ट सिटी कहलाएंगे। फखरउल्ला खान ने आकांक्षा के तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि फंड का सही उपयोग होने के साथ इसमें लोगों का भी सहयोग होना चाहिए। फखरउल्ला ने रजऊ स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने इसको बंद करने को गलत बताया।

आरक्षण की बात छेड़ दी
स्मार्ट सिटी का मुद्दा खत्म हुआ तो वंदिता ने आरक्षण की बात छेड़ दी। उनका कहना था कि आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए होना चाहिए न कि जातिगत आधार पर। उनका मानना था कि कई काबिल युवा जी तोड़ मेहनत करके कॉम्पटीशन की तैयारी करते हैं, लेकिन आरक्षण की वजह से वे पीछे छूट जाते हैं। अब इस व्यवस्था को खत्म होना चाहिए। हालांकि कई स्टूडेंट इससे सहमत नहीं दिखे।

वुमेन एम्पावरमेंट और सिक्योरिटी पर चर्चा
आरक्षण पर होते-होते बात वुमेन एम्पावरमेंट और सिक्योरिटी पर आ गई। आकांक्षा का कहना था कि आज की महिला सशक्त है। किसी भी मायने में वह पुरुषों से कमतर नहीं है। लेकिन फिर कुछ दूषित मानसिकता के लोग आज के माडर्न युग में भी महिलाओं को कमतर आंकते है। यह भेदभाव घर से ही शुरू होता है। पेरेंट लड़कों को तो पढ़ने बाहर भेज देते हैं, लेकिन लड़कियों को नहीं। आकांक्षा को बीच में टोकते हुए वंदिता ने कहा कि लड़कों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है तभी लड़कियां घर के बाहर सेफ होंगी। शासन और प्रशासन को भी सिर्फ बातें न करके महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

करप्शन का मुद्दा
वंदिता की बात अभी पूरी भरी नहीं हो पाई थी कि कनिका ने करप्शन का मुद्दा छेड़ दिया। उनका कहना था कि युवाओं के लिए तमाम योजनाओं की घोषणाएं तो हो जाती हैं, लेकिन ये सिर्फ कागजों में ही पूरी हो पाती हैं। हर काम के लिए घूस मांगी जाती है। ऐसे सिस्टम को जड़ से उखाड़ फेंकने का जरूरत है। सभी इस बात पर सहमत दिखे कि वे करप्शन फ्री सिस्टम देने वालों का ही सपोर्ट करेंगे।

बरेली में आधे से ज्यादा वोटर युवा
आने वाले लोकसभा चुनाव में बरेली में अगर किसी सेगमेंट की सबसे अधिक पूछ होगी तो वो हैं युवा वोटर्स। इस बार ये ही विनिंग फैक्टर बनने जा रहे हैं। यानी युवा वोटर जिस ओर रुख करेंगे, उसकी किस्मत खुलनी तय है। डिस्ट्रिक्ट में कुल 31 लाख 11 हजार 780 वोटर्स में 15 लाख 93 हजार 689 युवा वोटर हैं। ये कुल वोटर्स से आधे से भी अधिक हैं। इनमें से 28 हजार पहली बार वोट करेंगे। वोट के रूप में ये जितनी बड़ी ताकत हैं, उतनी ही मजबूत इनकी सोच है।

1. गो रक्षा के मुद्दे पर अगर बात होती है तो लोगों को दो पक्षों में बांट दिया जाता है। गो रक्षा के नाम पर लोगों को अवेयर होने की जरूरत है।

मो। इमरान।

2. भाषणबाजी वाली सरकारें नहीं चाहिए। युवाओं की सोच को समझकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने वाली सरकार चाहिए।

प्रियांशी अग्रवाल

3. कानून व्यवस्था पर आए दिन सवाल खड़ हो रहे हैं। बड़ी से बडी परीक्षाओं के पेपर लीक होने से हमारा मनोबल टूटता है।

कनिका।

4. नेता झूठे वादों पर फंसाकर युवाओं का वोट ले लेते हैं चुनाव जीतने के बाद इन युवाओं को कोई घास नहीं डालता।

विनोद रस्तोगी।

5. हम पर आरक्षण की मार पूरी तरह से खत्म होनी चाहिए। इससे कॉम्पटीशन की तैयारी में कोई दबाव आड़े नहीं आएगा।

लव शर्मा।

6. भ्रष्टाचार के लिए कुछ हद तक हम खुद जिम्मेदार हैं। किसी भी काम को करवाने के लिए सुविधा शुल्क देने से हमें इनकार करना होगा।

फखरुल्ला खान

7. आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए लागू हो। इससे कहीं न कहीं हर वर्ग प्रभावित हो रहा है। तभी सबका भला होगा।

आकांक्षा मिश्रा।

8. सिर्फ अच्छी परसेंटेज लाने के बजाए हमें स्किल बेस्ड एजुकेशन मिलनी चाहिए ताकि अपना काम शुरू करने में आसानी हो।

किरन रावत।

Posted By: Inextlive