-बीच एशियन गेम के सेपक टाकरा खेल में नमिता को ब्रांज मेडल

-थाइलैंड में श्रीलंका को हरा कर इंडिया को दिया विनिंग टेस्ट

PATNA: क्7 से ख्फ् नवंबर तक थाइलैंड के फूकेट में खेले गए सेपक टाकरा खेल में बिहार की बेटी नमिता सिन्हा ने श्रीलंका को हराकर एक बार फिर से इंडिया का नाम रौशन किया। इससे पहले वे ख्0क्ब् में थाइलैंड में ऑर्गनाइज किंग्स व‌र्ल्ड कप में इंडिया के लिए सिल्वर मेडल जीत चुकी है। वे कंकड़बाग के अशोक नगर में रहती है। नमिता ने इस खेल में बिहार की महिला टीम और इंडिया सेपक टाकर टीम को कई बार रिप्रजेंट किया है। मंगलवार को थाईलैंड से लौटने के बाद नमिता को बधाई देन के लिए पटना स्टेशन पर उनकी टीम के कोच, बिहार सेपक टाकरा एसोसिएशन के सेक्रेटरी विजय कुमार शर्मा, बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी सहित कई लोग मौजूद थे।

क्म् टीमों में इंडिया को बनाया विनर

थाइलैंड में ऑर्गनाइज इस सेपक टाकरा कॉम्पटीशन में नमिता ने अपने प्रदर्शन को बरकार रखते हुए लास्ट राउंड में श्रीलंका को हराकर ब्रंाज मेजर सिक्योर करने में कामयाब रही। नमिता ने अपने स्वागत के बाद पे्रस को बताया कि अगर यहां भी इस खेल के पैक्टिस के लिए ग्राउंड मिल जाए तो हम और बेहतर रिजल्ट दे सकते हैं।

मेंस की टीम भी रही विनर

इस बार के इवेंट में एक बात कॉमन रही कि दोनों ही टीम मेंस और वीमेंस दोनों ही टीम विनर रही। मेंस टीम भी ब्रांज मेडल जीतकर आया। इसमें चायना को सीधे सेट में हराकर मेंस टीम ने मेडल सिक्योर किया, जबकि वीमेंस की टीम की तीन प्लेयर्स में नमिता ने लीड किया। उन्होंने बताया कि इसमें तीन प्लेयर्स की टीम होती है। इसमें आपस में अच्छा को-आर्डिनेशन रहा। इसके अलावा बीच सेपक टाकरा के लिए हाल ही में हैदराबाद में ऑर्गनाइज कैंप का भी लाभ मिला।

प्लेयर्स कई पर सुविधाएं नहीं

बिहार सेपक टाकरा एसोसिएशन के सेक्रेटरी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि यहां इस खेल को खेलने वालों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सुविधाओं का अभाव है। यहां इसके लिए कोई डेडिकेटेड ग्राउंड नहीं है। यह एक ऐसा खेल है, जिसमें खर्च भी एक पहलू है। इसकी गेंद एक खास प्रकार की प्लासिक की बनी होती है, जो इंडिया में इम्पोर्ट किया जाता है। साथ ही नेट और मैट की जरूरत भी होती है। इसके लिए साई में अगर एक सेंटर बने तो फिर इस खेल के लिए सुविधाओं को कोई कमी नहीं होगी।

Posted By: Inextlive