छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: मंगलवार को आयोजित जिला परिषद की सामान्य बैठक में काफी हंगामा हुआ। 27 में से 12 सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए परिषद के गेट को बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे जिला परिषद सदस्य सामान्य परिषद की बैठक में सरकारी विभागों के पदाधिकारियों की अनुपस्थिति और विभागों के प्रतिनिधियों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने से नाराज थे। पार्षदों का कहना था कि सामान्य परिषद की बैठक में विभाग के पदाधिकारी उपस्थित नहीं हो रहे हैं। वे अपने प्रतिनिधि भेजकर मात्र कोरम पूरा कर रहे हैं। यह सदस्यों का अपमान है। इस कारण बाध्य होकर बैठक का बहिष्कार करना पड़ा।

सुबह 11:30 बजे परिषद की चेयरमैन बुलुरानी सिंह की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। सबसे पहले विद्युत विभाग की बारी आई। विद्युत विभाग के एसडीओ पिछली बैठक में उठाए गए सदस्यों के सवालों का जवाब दे रहे थे। मिनी सदन में बिजली विभाग की ओर से दिए गए सवालों के जवाब से सदस्य असंतुष्ट हो भड़क गए और बैठक का बहिष्कार करते हुए निकल गए। इसके बाद जिला परिषद सदस्य अर्जुन पूर्ति, मुसाबनी के बाघराय मार्डी, जमशेदपुर के पिंटू दत्ता, पोटका के संजीव सरदार, हीरामणि मुर्मू, चंद्रवती महतो, बहरागोड़ा के सत्यवान नायक, एलिश मार्डी, गुड़ाबांधा की बेलावती मुर्मू, घाटशिला की पूर्णिमा कुमार आदि ने पहले जिला परिषद के मुख्य द्वार को बंद कर दिया और धरने पर बैठ गए। प्रदर्शन कर रहे पार्षदों का कहना था कि एक साल से पेयजल, शौचालय व स्ट्रीट लाइट का आवंटन आने के बावजूद प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो रहे हैं। सदस्यों ने सारा प्रस्ताव बनाकर दे दिया है, उसके बाद भी इस मामले में लापरवाही बरती जा रही है। कुल 5.5 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त है। हो-हंगामे के दो घंटे बाद प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि भेजकर सदस्यों को मनाने की कोशिश की गई। शाम लगभग चार बजे के करीब जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह और चेयरमैन बुलुरानी सिंह ने सदस्यों को समझाया कि हमने भी पार्षदों द्वारा उठाए कदम से सहमति जताई है। उप विकास आयुक्त और जिला परिषद के सीईओ बिश्वनाथ माहेश्वरी ने आश्वासन दिया है कि आगामी बैठक में सभी पदाधिकारी सही जवाब के साथ उपस्थित रहेंगे। अंतत: उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह की सकारात्मक पहल पर पार्षदों का धरना-प्रदर्शन समाप्त हुआ।

बात सुनने का आग्रह करते रहे डीडीसी

हंगामा करते हुए बैठक का बहिष्कार कर रहे सदस्यों से डीडीसी बात सुनने का बार-बार आग्रह करते रहे। हंगामे के दौरान ही उन्होंने सदस्यों को बताया कि 3.5 करोड़ रुपये शौचालय और डीप बो¨रग के लिए पीएचईडी को भेज दिए गए हैं। बहुत जल्द इसका टेंडर हो जाएगा। विरोध के बीच जिला परिषद की बैठक की कार्यवाही 17 सदस्यों और सात पंचायत प्रमुखों की उपस्थिति में चलती रही।

दो अक्टूबर को मौन आंदोलन

बैठक में यह भी तय हुआ कि सरकार यदि जल्द से जल्द जिला परिषद को फंड नहीं उपलब्ध कराती है तो दो अक्टूबर को तमाम सदस्य मानगो स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष शांतिपूर्वक मौन धारण कर धरना देंगे।

लंबित कार्यो को पूरा कराने का हो प्रयास

जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि जो भी हुआ दुर्भाग्यपूर्ण था। छह महीने के बाद परिषद की बैठक हो रही थी। अपनी बातों को मजबूती से रखकर लंबित कार्यो को पूरा कराने का प्रयास होना चाहिए था। बातों को गंभीरता पूर्वक सुनना चाहिए था। परिषद के पास फंड शून्य है। हम सदस्यों की भावनाओं की कद्र करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द फंड उपलब्ध कराए। ताकि सदस्य अपने क्षेत्र का विकास कर सकें और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें।

पार्षदों को गंभीरता से बात सुननी चाहिए। हो-हल्ला से कोई काम नहीं होता। एक-दूसरे की बातों को गंभीरता से सुनने से ही कार्य होते हैं और काम का रास्ता निकलता है। हल्ला करके बैठक से निकल जाना उचित नहीं है।

-विश्वनाथ माहेश्वरी, डीडीसी व सीईओ, जिला परिषद

इन मुद्दों पर बनी सहमति

-गोविंदपुर और परसुडीह में पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क के कारण रोज हादसे हो रहे हैं। इसको जल्द से जल्द ठीक कर दिया जाएगा।

-टीका लगाने से हुई पोटका की बच्ची की मौत के मामले में जांच चल रही है और दो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी।

-डीडीटी व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव पर स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को जरूरत के हिसाब से डीडीटी व ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराया जा रहा है और जल्द ही अभियान के रूप में यह कार्य किया जाएगा।

-बैठक में बिजली से जुड़ा मुद्दा सबसे बड़ा था। विभाग के एसडीओ तमाम सवालों पर हाथ खड़े कर दे रहे थे। इस पर निर्णय लिया गया कि अगली बैठक में एजेंसी के प्रतिनिधि और बिजली विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर भी मौजूद रहेंगे।

-यह भी निर्णय हुआ कि अगली बैठक में जिस विभाग का अधिकारी नहीं आएगा, उस विभाग के सचिव से लिखित शिकायत की जाएगी कि अधिकारी मनमानी और सदस्यों का अपमान कर रहा है।

-तय हुआ कि अगली बैठक के पहले तक हुए कार्यो की सूची सदस्यों को उपलब्ध करा दी जाएगी। ताकि सदस्य योजनाओं की प्रगति और फंड की अद्यतन स्थिति से अवगत रहें और हंगामे की स्थिति न बने।

-इन निर्णयों के बावजूद भी अधिकारी यदि बात नहीं मानते हैं तो अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी सदस्यों के आंदोलन में साथ देंगे।

Posted By: Inextlive