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PATNA : देश के सबसे पुराने यूनिवर्सिटी में से एक पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टल जर्जर स्थिति में है. पूरे साल में मात्र एक बार हॉस्टल की मरम्मत के लिए छात्रों से करीब दो माह हॉस्टल खाली कराया जाता है. लेकिन जब दो माह बीत जाता है तब भी स्थिति संतोषजनक नहीं रहती है. छात्र इस बात की शिकायत हर साल करते हैं और जंग लग चुकी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है.

इसके भुक्तभोगी छात्र ही हो रहे हैंउनके समक्ष समस्या यह है कि आखिर वे किस प्रकार से इस समस्या का हल पाएं. क्योंकि मेनटेनेंस सीधे उनकी सुरक्षा से जुड़ा मामला है. हॉस्टल में छात्रों के पढ़ने के टेबल पर उपर से प्लास्टर गिरता है. दीवारों पर सीलन लगने से दुर्गध आती है. साथ ही कभी दुर्घटना होने की भी संभावना रहती है. दैनिक जागरण ने इस बाबत पीयू के हॉस्टलों की पड़ताल की.

किस काम का जीरो सेशन

पीयू छात्र संघ के महासचिव मणिकांत मणि का कहना है कि जीरो सेशन के नाम पर खानापूर्ति होती है. इसके नाम पर छात्रों से हॉस्टल खाली कराया जाता है. मरम्मत होना चाहिए लेकिन इसके नाम पर खानापूर्ति की जाती है. मेरा कहना है कि छात्र हॉस्टल खाली न करें. उनके हॉस्टल में रहते हुए ही व्यवस्था को सुदृढ़ कराया जाए. क्योंकि जब खाली कराया जाता है तो काम नहीं किया जाता है. मेनटेनेंस नहीं होने से छात्र परेशान रहते हैं. बीएन कॉलेज के छात्र हिमांशु कुमार ने बताया कि यहां -बार तार टूटने की समस्या होती है. रात में यहां रहना मुश्किल हो जाता है. कई जगहों पर अंधेरा रहता है. इसलिए बल्ब लगाना, तार जोड़ना आदि करना पड़ता है.

गर्मी से हालत खराब अपना ही जुगाड़

यह हकीकत नूतन हॉस्टल की है. पटना कॉलेज के इस हॉस्टल में छात्र गर्मी से जब परेशान हो जाते हैं और पंखा खराब रहता है तो उसकी मरम्मत करने के लिए खुद ही जुट जाते हैं. क्योंकि यूनिवर्सिटी में ऑन कॉल शिकायतों का निपटारा नहीं होता है. गर्मी में इंतजार करना भी मुश्किल है. इसी प्रकार, जैक्शन हॉस्टल में गर्मी से सभी छात्रों की हालत खराब है. यहां तो पानी की टंकी में पानी ही नहीं चढ़ता है. छात्र परेशान हैं.

मेनटेनेंस किया फिर भी कमरों की स्थिति खराब

पटना साइंस कॉलेज के हॉस्टल कैवेंडिस हॉस्टल में मेनटेनेंस के नाम पर खानापका काम बेहद असंतोषजनक है. यहां दो साल पहले लाखों रुपये की लात से छत पर सीलन लगने क समस्या का समाधान देना था. लेकिन आज भी छात्र इस समस्या से परेशान है. ग्राउंड फ्लोर ठीक है लेकिन छत का हिस्सा और उपर के कमरों की स्थिति खराब है.

Posted By: Manish Kumar