- अवैध खनन में जुटे डंपर ने 6 को कुचला, 3 बच्चों की मौके पर ही मौत

- गुडंबा के रजौली गांव स्थित ईट भट्ठे के किनारे सो रहा था पूरा परिवार

- डंपर ड्राइवर और मालिक गिरफ्तार, एक्सीडेंट और अवैध खनन की एफआईआर दर्ज

LUCKNOW : अवैध खनन में जुटे डंफर ने ईट भट्ठे के किनारे सो रहे एक ही परिवार के छह सदस्यों को कुचल दिया। जिसमें तीन मासूमों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। जिसमें एक बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। पुलिस ने डंफर मालिक और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने एक्सीडेंट और अवैध खनन का केस दर्ज किया है।

सुबह हुआ हादसा

गुरुवार तड़के गुडंबा के रजौली गांव में अवैध खनन में जुटे डंपर तेज रफ्तार ने ईट भट्ठे के किनारे सो रहे एक ही परिवार के छह लोगों को कुचल दिया। हादसे में रानी (8), गौरी (4), दीपक (3) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी मां उर्मिला (50), बहन संतोषी (6), भाई आकाश (12) गंभीर रूप से घायल हो गए। उर्मिला मूल रूप से रांची के गुमला के पिलखी गांव की रहने वाली है। आनन-फानन में सभी घायलों को ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया गया। जहां संतोषी का हालत नाजुक बनी हुई है।

चीख-पुकार सुनकर दौड़े लोग

इंस्पेक्टर गुडंबा डीके शाही के मुताबिक उर्मिला करीब आठ साल से इंदिरानगर निवासी राकेश के रजौली स्थित गुरु ईट भट्ठे पर नौकरी कर रही है। बुधवार रात वह और उसके बच्चे आकाश, संतोषी, रानी, दीपक, गौरी दो चारपाई अगल-बगल डालकर सो रहे थे। गुरुवार तड़के भट्ठे के पीछे स्थित एक खेत से खनन करके मिट्टी से भरा डंपर जा रहा था। डंपर ने चारपाई पर ठोकर मार कर उन्हें कुचल दिया। चीख-पुकार सुनकर भट्ठे का मुंशी राजकुमार और अन्य लोग दौड़े तो चालक बंथरा निवासी राजकिशोर डंपर छोड़कर भाग निकला।

ट्रॉमा सेंटर पहुंचे अधिकारी

मुंशी राजकुमार की सूचना पर पहुंची पुलिस और ग्रामीण सभी को ट्रॉमा लेकर पहुंचे। जहां, डॉक्टरों ने रानी, गौरी और दीपक को मृत घोषित कर दिया, जबकि उर्मिला, संतोषी और आकाश की हालात नाजुक देख उन्हें भर्ती कर लिया। हादसे की सूचना पर एसएसपी कलानिधि नैथानी, एएसपी ग्रामीण गौरव ग्रोवर व अन्य अधिकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और उन्होंने घायलों का हाल लिया। घटना की जानकारी पर पहुंचे बाराबंकी निवासी उर्मिला के पति संतराम ने बताया कि वह गुरु भट्ठे पर मुंशी थे। संतराम ने बताया कि करीब एक साल पहले उनकी आंखें खराब हो गई थी। इस कारण वह अपने घर पर रह रहे थे।

खौफनाक था पूरा मंजर

घटनास्थल की तस्वीर इस दर्दनाक हादसे की कहानी बयां कर रही थी। लोहे की दोनों चारपाइयां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थीं। उनके पावें टूट कर अलग हो गए। बच्चों की चप्पलें व खून से सने कपड़े रात के हादसे को बयां कर रहे थे।

जिनके लिए छोड़ा घर वो ही चले गये

भट्ठे के मजदूरों ने बताया कि झारखंड की उर्मिला अपने पति संतराम से अलग रहती है। कुछ माह पूर्व वह भट्ठे से काम छोड़कर झारखंड चली गई थी। बच्चों की देखभाल व रोजी रोटी के लिए वह फिर वापस लखनऊ आ गई। तीन दिन पहले ही उसने भट्ठे पर दोबारा काम करना शुरू किया था। उर्मिला को नहीं पता था कि जिन बच्चों के लिए वह वापस आई है, वही उससे हमेशा के लिए बिछड़ जाएंगे।

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बाराबंकी से खनन कर लाई जा रही थी मिट्टी

घटना की सूचना पर एएसपी ट्रांसगोमती हरेन्द्र कुमार गुरुवार सुबह रजौली गांव पहुंचे और जांच पड़ताल की। ग्रामीणों व मजदूरों ने बताया कि क्षेत्र में बड़े स्तर पर मिट्टी का खनन हो रहा है। शाम ढलते ही दर्जनों डम्पर खनन में लग जाते हैं। यह सिलसिला सुबह तक चलता है। इस पर एएसपी खनन स्थल को देखने पहुंचे। जिस स्थान से खनन कर मिट्टी लाई जा रही थी। वह स्थान बाराबंकी में आता है। गुडम्बा पुलिस ने बाराबंकी प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजी है।

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एसडीएम बीकेटी ने भी की जांच

अवैध खनन की सूचना पर एसडीएम बीकेटी सूर्यकांत त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। ग्रामीणों ने बताया कि कपासी निवासी राधे रावत की जमीन में खनन हो रहा था। एसडीएम ने बताया कि पीडि़त परिवार को सरकारी मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

कोट-

हादसे में दो एफआईआर दर्ज की गई है। पहली एक्सीडेंट में बच्चों की मौत के मामले में जबकि दूसरी अवैध खनन की। अवैध खनन रोकने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से एक टीम बनाई गई है।

- कलानिधि नैथानी, एसएसपी