- दिनभर विकास भवन में लगा रहा तांता, छह काउंटर करने पड़े शुरू

- भीड़ नियंत्रित करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को पहुंचना पड़ा

BAREILLY : कृषक ऋण मोचन योजना से वंचित किसानों के आवेदन जमा करने के आखिरी दिन विकास भवन में मंडे को जमकर किसानों की भीड़ उमड़ी। जिसे नियंत्रित करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को पहुंचना पड़ा। देर शाम तक किसानों का तांता लगा रहा। 6200 से अधिक किसानों ने आवेदन जमा ि1कए हैं।

बढ़ाने पड़े दो काउंटर

योजना का लाभ पाने के लिए सुबह से ही किसान विकास भवन पहुंचने लगे। प्रांगण में अंदर तथा बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। चार काउंटर भीड़ का दवाब झेल नहीं पाए। जिस पर कृषि अधिकारी ने चार काउंटरों को बढ़ाकर प्रत्येक तहसील के लिए अलग-अलग काउंटर यानी छह शुरू किए। भीड़ बढ़ने से अव्यवस्था फैलती देख कृषि अधिकारी ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। जिस पर सिट्री मजिस्ट्रेट पुलिस फोर्स लेकर पहुंचे। उन्होंने भीड़ को नियंत्रित किया। अंतिम दिन तक आए आवेदनों को विभागीय वेबसाइट पर कर्मचारी ऑनलाइन फीड करेंगे। खामियां मिलने या संशोधन आदि के लिए संबंधित किसान के मोबाइल नंबर पर सूचित करेंगे। पात्र होने या नहीं होने की जानकारी भ्ाी देंगे।

अब आई किसानों की सुध

दरअसल जिले के एक लाख 63 हजार किसानों ने बैंकों से ऋण प्राप्त किया, जिनमें से 93,500 किसानों को कृषक ऋण मोचन योजना का लाभ मिला। फिर भी काफी किसान ऋण माफी के लिए परेशान थे। अब सरकार ने चुनावी वर्ष में ऐसे किसानों की सुध ली है। योजना का लाभ पाने से वंचित किसानों को राहत देने का निर्णय लिया। ऑनलाइन की बजाय 21 जनवरी तक मैनुअली आवेदन कृषि विभाग के काउंटर पर जमा करने का मौका दिया।

निर्धारित प्रारूप भरने के लिए हुए परेशान

निर्धारित प्रारूप में आधार कार्ड, खतौनी तथा बैंक पास बुक की पहले व अंतिम पृष्ठ की प्रति के साथ शिकायत दर्ज करानी थी, लेकिन किसानों को प्रारूप भरने में परेशानी आई। जिसे भरने के लिए भटकना पड़ा। ऐसे में विकास भवन प्रांगण में चारों ओर किसान प्रारूप भरते दिखे।

दस रुपये में बिका प्रारूप

निर्धारित प्रारूप प्राप्त करने के लिए भी किसानों को मशक्कत करनी पड़ी। उनकी मजबूरी का दुकानदारों ने भी फायदा उठाया। पांच से दस रुपये तक प्रारूप देने की एवज में वसूले। जबकि विभाग से वेबसाइट से प्राप्त करने की दलील देकर पल्ला झाड़ लिया।

बैंक स्टेटमेंट देने के नाम पर वसूली

बैंक पास बुक के पहले व आखिरी पन्ने की छाया प्रति प्रारूप के साथ जमा होनी थी। जागरूकता के अभाव में किसान स्टेटमेंट निकलवाने के लिए बैंकों में पहुंचे। अंतिम समय पर स्टेटमेंट देने के लिए बैंक कर्मियों ने वसूली की। विकास भवन पहुंचे कई किसान ने यह आरोप लगाए।

वर्जन--

अंतिम दिन सभी तहसील क्षेत्र के किसानों के लिए अलग-अलग काउंटर शुरू करके व्यवस्था बनाई। देर शाम तक 6200 से अधिक किसानों ने आवेदन जमा किए हैं।

--धीरेंद्र सिंह चौधरी, जिला कृषि अधिकारी।