-लोहिया अस्पताल में जारी है बच्चों के साथ संवेदनहीनता का आरोप

-बीमार बच्चों के कमरे में चला दिया पंखा

LUCKNOW: गोमतीनगर स्थित लोहिया अस्पताल में बच्चों के इलाज में लापरवाही की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। गुस्साए लोगों ने दरवाजे का कांच भी तोड़ दिया। हंगामे और बवाल के बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को घटना की जानकारी दी जिसके बाद मामला शांत हुआ। मालूम हो कि शनिवार दोपहर इलाज के दौरान एक बच्चे ने दम तोड़ दिया था। उसके बाद देर रात और संडे सुबह दो बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई।

हालत बिगड़ने पर भी भर्ती करने में लापरवाही

डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में महमूदाबाद निवासी राधेश्याम की पत्‍‌नी सोनाली को प्रसव पीड़ा के बाद लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राधेश्याम ने आरोप लगाया कि डिलीवरी के बाद बच्चा ठीक था, लेकिन डॉक्टर्स ने ध्यान दिया और उनकी लापरवाही के कारण बच्चे की हालत बिगड़ गई। शनिवार रात उसे एनआईसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन यहां से डॉक्टरों ने वेंटीलेटर की जरुरत बताकर ट्रॉमा रेफर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना बेड की जानकारी किए भेज दिया गया जिसके कारण वहां बेड नहीं मिला बच्चे को वापस लाना पड़ा। लोहिया में बच्चे को लाने के बाद डॉक्टर्स ने भर्ती करने से मना कर दिया, जिसमें काफी समय बीत गया। हालत काफी बिगड़ने पर उसे भर्ती किया गया। कुछ घंटे बाद शनिवार रात बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया।

एनआईसीयू में चला दिया पंखा

लोहिया अस्पताल में भर्ती कल्याणपुर निवासी प्रिया कनौजिया के बच्चे की शनिवार को तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद शनिवार को ही रात करीब 9 बजे एनआईसीयू में बेड नंबर 11 पर भर्ती किया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि सांस लेने में तकलीफ के कारण उसे केजीएमयू रेफर किया गया, लेकिन परिजन ले जाने को तैयार नहीं थे। इलाज के दौरान रविवार सुबह बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने एनआईसीयू के डॉक्टर व कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। नाराज परिजनों ने कहा कि एनआईसीयू में ठंड बहुत अधिक थी। फिर भी एनआईसीयू में पंखा चलाया जा रहा है। इसके कारण ही बच्चे की परेशानी बढ़ गई और मौत हो गई। शिकायत के बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया।

हंगामा, तोड़ा दरवाजे का कांच

हंगामा कर रहे परिजनों को जब सुरक्षा गार्डो ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने दरवाजे का कांच तोड़ दिया। मामला बढ़ता देख सुरक्षा कर्मियों ने अस्पताल प्रशासन को जानकारी दी जिसके बाद पुलिस बुलाई गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया।

कोट

परिवार वाले नाराज थे, लेकिन किसी ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है। बच्चों की हालत गंभीर थी जिसके कारण उनकी मौत हुई है।

डॉ। एमएल भार्गव, एमएस, लोहिया अस्पताल