- फेसबुक और व्हाट्स एप पर भी मौजूद हैं कैंडिडेट्स

- प्रत्याशी अपनी-अपनी एक्टिविटीज डालते रहते हैं एफबी पर

- सोशल मीडिया से आगराइट्स को लुभाने में लगे नेताजी

agra@inext.co.in

AGRA। कृपया मुझे वोट दें, मैं एरिया का विकास करूंगा, रोजगार के साधन मुहैया कराऊंगा। ये शब्द आजकल किसी भी चुनावी रैली से ज्यादा सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे हैं। हर पार्टी का प्रत्याशी फेसबुक और व्हाट्स एप के जरिए आम जनता और कार्यकर्ताओं से जुड़ा रहना चाहता है। नेता अपने कार्यक्रमों की फोटो एफबी पर पोस्ट कर रहे हैं। लोग उनको लाइक करते हैं, कमेंट करते हैं और समर्थक शेयर भी करते हैं जिनसे उनकी बात और उनका नाम पूरे एरिया में फैल जाए और जनता के वोट बटोरे जा सकें । व्हाट्स एप के जरिए नेताजी अपने कार्यक्रमों की जानकारी अपने कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं। जानिए कौन सी पार्टी कितनी एक्टिव रहती है सोशल मीडिया पर

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)

भाजपा ने सोशल मीडिया के थ्रू अपना प्रचार करने की पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी। फेसबुक पर बीजेपी ने अपना प्रचार करने के लिए कई पेज बना रखे हैं जिनमें बीजेपी जिला आगरा, बीजेपी महानगर आगरा, बीजेपी संवाद सेल, बीजेपी आईटी आगरा सहित बीजेपी फैन क्लब के नाम से भी पेज बना हुआ है। इनमें हजारों लोग जुड़े हुए हैं। बीजेपी आगरा में बीजेपी का चुनाव चिन्ह कमल के फूल की जगह मोदी का फोटो प्रोफाइल की जगह यूज किया गया है। सोशल साइट्स के जरिए मोदी को बतौर मजबूत पीएम पब्लिक के सामने प्रेजेंट किया जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने भी अपना पेज बना रखा है।

'अब तो सभी सोशल मीडिया का सपोर्ट ले रहे हैं। भाजपा इनमें बिलकुल भी पीछे नहीं है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी जिला ने फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाया हुआ है.'

अशोक राना, जिलाध्यक्ष बीजेपी

सोशल मीडिया पर लोकल पार्टी की प्रेजेंस

फेसबुक-जिला और महानगर बीजेपी का अपना-अपना एफबी अकाउंट है। दोनों पर ही सैकड़ों फ्रेंड्स भी जुड़े हुए हैं।

ट्विटर-कोई ऑफिशियल ट्विटर पेज नहीं है।

गूगल प्लस-कोई ऑफिशियल प्रोफाइल नहीं है।

समाजवादी पार्टी (एसपी) का नहीं एफबी पर पेज

सोशल मीडिया का सपोर्ट लेने में समाजवादी पार्टी भी पीछे नहीं है। हालांकि आगरा समाजवादी पार्टी का ऑफिशियल अकाउंट एफबी पर नहीं है। लेकिन, कैंडिडेट महाराज सिंह धनगर ने अपना पेज जरूर बना रखा है। कैंडिडेट धनगर के अलावा सपा के जिलाध्यक्ष वाजिद निसार सहित कई पार्टी के पदाधिकारियों के अपने फेसबुक अकाउंट्स हैं। सपा का चुनाव चिन्ह, मुलायम और सीएम अखिलेश की फोटो के साथ ही कइयों ने मुख्यमंत्री की पत्नी और कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव की रैली की फोटो यूज कर रखी हैं।

सोशल मीडिया पर लोकल पार्टी की प्रेजेंस

एफबी-आगरा का अपना कोई ऑफिशियल पेज नहीं। हां यूपी का अकाउंट जरूर है। जिससे लोग जुड़े हैं।

ट्विटर- ट्विटर पर भी ऑफिशियल प्रेजेंस नहीें।

गूगल प्लस-यहां भी पार्टी की ऑफिशियल प्रेजेंस नहीं दिखती है।

'सोशल मीडिया के जरिए हर पार्टी अपनी बात कह रही है। समाजवादी पार्टी के नेता लोग भी इस जगह एक्टिव हैं। कैंडिडेट का अपना फेसबुक अकाउंट भी है.'

जितेंद्र वर्मा, जिलाध्यक्ष सपा

कांग्रेस कर रही भरपूर उपयोग

केंद्र में रूल कर रही कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाने में बिल्कुल भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। शहर अध्यक्ष शब्बीर अब्बास ने एफबी पर अपना अकाउंट बना रखा है। यहां कांग्रेस के बारे में काफी मटैरियल है। यहां काफी प्रचार किया जा रहा है। चुनाव में खड़े प्रत्याशी को सोशल मीडिया के थ्रू सपोर्ट किया जा रहा है। साथ ही साथ कांग्रेस के कैंडिडेट और जिलाध्यक्ष उपेंद्र सिंह की भी सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं। उपेंद्र अपनी एक्टिविटीज को रेग्युलर फेसबुक पर अपडेट करते हैं।

'मैंने काफी पहले फेसबुक अकाउंट बना लिया था। अब मैं खुद कैंडिडेट हूं तो अपनी एक्टिविटीज फेसबुक के जरिए लोगों तक पहुंचा रहा हूं.'

उपेंद्र सिंह, कैंडिडेट और जिलाध्यक्ष कांग्रेस

फेसबुक-जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष का फेसबुक पर ऑफिशियल अकाउंट है।

ट्विटर-यहां पार्टी की ऑफिशियल प्रेजेंस नहीं है।

गूगल प्लस- इस जगह पर पार्टी की ऑफिशियल प्रेजेंस देखने को नहीं मिलती।

आम आदमी पार्टी (आप)

सोशल मीडिया के इस दौर में आम आदमी पार्टी कतई पीछे नहीं है। अपने हाइटेक तौर-तरीकों से आप पब्लिक में पैठ बना रही है। आप कैंडिडेट रविन्द्र सिंह फेसबुक पर मौजूद हैं। यहां रविन्द्र सिंह अपनी एक्टिविटीज रेग्युलर डालते हैं। रविंद्र सिंह का कहना है कि उनका अपना ट्विटर भी अकाउंट बना हुआ है।

'पार्टी हाइटेक तरीके से अपना प्रचार कर रही है। हम लोगों को फेसबुक के थ्रू जोड़ रहे हैं। उन तक अपनी बात भी पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.'

दीपक सरीन, संयोजक आप

बीएसपी नहीं सोशल मीडिया पर सक्रिय

बसपा लोकल लेवल पर फेसबुक पर एक्टिव नहीं दिखाई देती है। पार्टी की ओर से डिक्लेयर कैंडिडेट पहले कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं। लेकिन, अभी तक नीला खेमा खुद को हाइटेक सिस्टम से थोड़ दूर ही रखे हुए है। पार्टी का मानना है कि उनकी पकड़ उस तबके के ऊपर है जिसके हाथ में स्मार्ट फोन की सुविधा बहुत ही कम है।

फेसबुक-बीएसपी यहां दिखाई नहीं देती है।

ट्विटर-यहां आगरा पार्टी की ऑफिशियल प्रेजेंस नहीं दिखती।

गूगल प्लस-पार्टी की ऑफिशियल प्रेजेंस यहां भी नहीं है।

'हमारी पार्टी तो दलितों-गरीबों की पार्टी है। उनके पास कहां से स्मार्टफोन की सुविधा आई.'

आजाद सिंह, जिलाध्यक्ष बीएसपी

सबको भा रहा सोशल मीडिया

लोकसभा के इस चुनाव में डिफरेंट पार्टीज के कैंडिडेट्स को सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रहे हैं। यूपी की रूलिंग पार्टी सपा हो या फिर दिल्ली दरबार हिला चुकी आम आदमी पार्टी हो, सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स को फेसबुक (एफबी) पर एक्टिव रहना पसंद आ रहा है।

व्हाट्सअप भी कर रहे यूज

इन दिनों पॉलिटिकल पार्टीज के लीडर्स अपने कार्यकर्ताओं और लोगों से कनेक्ट रहने के लिए व्हाट्सअप का भी जमकर यूज कर रहे हैं। डिफरेंट एरियाज में प्रोग्राम की जानकारी भी व्हाट्स एप पर दी जा रही है।