RANCHI: झारखंड सरकार के पर्यटन, कला, संस्कृति, खेल-कूद और युवा विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि पहले हम भारतीय हैं। इसके बाद हमारी अन्य पहचान है। उन्होंने कहा कि गांव में बसते भारत को पहचानने की जरूरत है। वह मंगलवार को आरयू के भूगर्भ शास्त्र विभाग में लोकमंथन कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीयता को लेकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर जो ऊहापोह कि परिस्थिति है वो विचारों के इस महाकुंभ में शामिल होने पर धारदार हो जाएगी। उन्होंने युवाओं से अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहने के साथ ही चार दिवसीय लोकमंथन के कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की। कहा कि लोकमंथन कार्यक्रम शुद्ध भारतीयता की पहचान कराता है। समारोह के मुख्य वक्ता प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने कहा कि लोकमंथन का उद्देश्य भारत बोध को समर्पित है। उन्होंने कहा कि हम अलग भाषा, अलग वेश, रहन-सहन में विविधता के बावजूद भारत ही एक ऐसा देश है, जो दुनिया के लिए मार्गदर्शन करनेवाला है। उन्होंने कहा कि भारत का अतीत गौरवशाली प्रत्येक क्षेत्र में रहा है। चाहे वो शिक्षा का हो या संस्कृति का हो या अर्थ का हो या तकनीक का।

7 यूनिवर्सिटी के 84 प्रतिभागी शामिल

लोकमंथन कार्यक्रम में सात यूनिवर्सिटीज के 84 कंटेस्टेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। इनमें रांची यूनिवर्सिटी। विनोबाभावे यूनिवर्सिटी, केएम यूनिवर्सिटी, कोल्हान यूनिवर्सिटी, डीएसपीएम यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी शामिल हैं। कार्यक्रम में चार प्रकार की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं हुई। समारोह में डॉ आशा लता, डॉ उदय कुमार, डॉ सीमा प्रसाद, डॉ किरण तिवारी, डॉ सुरभि साहू, डॉ स्मिता, डॉ पुष्पा, डॉ विनोद रंजन सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।