- ऑटो में सवार चार बदमाशों ने बंधक बनाकर की थी लूटपाट

- चार में से एक आरोपी गिरफ्तार, लूट का बैग बरामद

- वारदात से पहले चारों आरोपी ने की थी शराब पार्टी

- आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दूसरे प्रदेशों में दबिश दे रही पुलिस

LUCKNOW : पॉलीटेक्निक छात्रा संस्कृति राय की हत्या का 21 दिन बाद खुलासे का दावा करते हुए पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से संस्कृति का बैग भी बरामद किया है। पूछताछ में आरोपी राजेश ने बताया कि उसने लूट का विरोध करने पर अपने तीन साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि सीतापुर के हिस्ट्रीशीटर राजेश के घर से संस्कृति का स्कूल बैग और उसमें रखे कागजात बरामद किए गये हैं। राजेश के तीन साथियों की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई हैं। एडीजी जोन ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर पुलिस के इस खुलासे की कई कडि़यां अधूरी हैं, जिनको जोड़ने में पुलिस जुटी है।

आरोपी ने हत्या की बात कबूली

एडीजी जोन राजीव कृष्णा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी राजेश रैदास सीतापुर के रामपुर कला का रहने वाला है। वह पेशेवर अपराधी है और उसके खिलाफ 11 लूटपाट के मामले सीतापुर में दर्ज हैं। राजेश मौजूदा समय में अलीगंज गल्ला मंडी के पास झोपड़ी में रहता है। बुधवार को गाजीपुर पुलिस ने राजेश रैदास को गिरफ्तार किया। उसके घर की तलाशी में पुलिस को संस्कृति का बैग मिला, जिसे लूटा गया था। बैग में रखी नोटबुक, घरवालों की फोटोग्राफ और अन्य दस्तावेज मिले हैं। राजेश ने पूछताछ में अपने तीन साथियों के साथ लूट के इरादे से संस्कृति को अगवा करने की बात कबूली है।

तीन अन्य की तलाश में जुटी पुलिस

एडीजी जोन ने बताया कि हत्या में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एक आरोपी यूपी से भागा हुआ है, उसकी तलाश में पुलिस टीम दूसरे प्रदेश में गई है। पुलिस ने अन्य फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की बात की है। हालांकि पुलिस को अभी कोई महत्वपूर्ण सबूत नहीं मिले हैं, जिससे पकड़े गए आरोपी को हत्यारे होने का दावा कर सके। संस्कृति का गायब मोबाइल भी अभी तक नहीं मिला है। पकड़े गए आरोपी से अभी और पूछताछ की जा रही है ताकि घटना से जुड़ी अन्य कडि़यों को जोड़ा जा सके। एडीजी जोन ने घटना का खुलासा करने वाली टीम को 20 हजार का नकद इनाम देने की घोषणा की है।

वारदात से पहले हुई थी शराब पार्टी

पूछताछ में आरोपी राजेश ने बताया कि घटना से पहले चारों साथियों ने गल्ला मंडी स्थित शराब की दुकान में शराब पी थी। इसके बाद वारदात को अंजाम देने के लिए वह ऑटो लेकर मुंशी पुलिया आये थे। उस समय गाड़ी में चारों आरोपी सवार थे। राजेश आगे की सीट पर बैठा था जबकि उसका साथी गाड़ी चला रहा था। दोनों अन्य साथी पीछे की सीट पर बैठे थे। वह शिकार की तलाश कर रहे थे।

जल्दबाजी में थी संस्कृति

आरोपी का कहना है कि मुंशी पुलिया से वह ऑटो लेकर पॉलीटेक्निक की तरफ बढ़े थे कि रास्ते में लड़की कंधे में बैग टांगे दिखी। वह लड़की संस्कृति थी। राजेश के अनुसार वह जल्दबाजी में थी और लगातार टैंपो, ऑटो को हाथ देकर रोक रही थी। जिसके बाद पीछे की सीट पर बैठे दो साथी उतर गये। संस्कृति खाली ऑटो देखकर उसमें सवार हो गई। उसने राजेश ने से बादशाह नगर रेलवे स्टेशन चलने की बात कही। चंद कदम आगे बढ़ने के बाद राजेश के बाकी दोनों साथी भी सवारी बनकर ऑटो में सवार हो गए।

झांसा दे गलत रूट पर ले गए

ऑटो में सवार बदमाश संस्कृति को पॉलीटेक्निक में जाम की झूठी बात कहकर गलत रूट पर ले गए। उन्होंने ऑटो पॉलीटेक्निक चौराहे से पहले ही कलेवा चौराहे से सी ब्लॉक की तरफ मोड़ दी। वहां से आम्रपाली चौराहा होते हुए सेक्टर 25 से खुर्रमनगर पहुंच गए। खुर्रमनगर पहुंचने पर संस्कृति को शक हुआ, लेकिन तब तक बदमाशों ने उसे कवर कर लिया। टेढ़ी पुलिया के पास ऑटो रोकने की बात कहने पर बदमाशों ने उसे तमंचा दिखाकर चुप करा दिया और मडि़यांव की तरफ गाड़ी दौड़ा दी। वहां से वह भिटौली चौराहा पहुंचे और फिर घैला पुल की तरफ गाड़ी बढ़ा दी।

रेलिंग पर दे मारा था सिर

सूनसान इलाके में पहुंचने पर बदमाशों ने उसका बैग लूट लिया। कई बार विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की और जोर जबरदस्ती का भी प्रयास किया। ऑटो जब आईआईएम रोड के किनारे पहुंची तब बदमाशों ने तीन फीट की रेलिंग पर संस्कृति का सिर दे मारा, जिससे वह लहूलुहान हो गई। इसके बाद बदमाशों ने घैला पुल के आगे चलती ऑटो से उसे फेंक दिया। गंभीर रूप से घायल संस्कृति की मौत समय पर इलाज न मिलने और ज्यादा खून बहने से हो गई।

7 सौ रुपये मिले थे लूट के हिस्से में

पकड़े गए राजेश ने बताया कि वारदात के बाद चारों बैग लेकर अलीगंज स्थित उसकी झोपड़ी में पहुंचे थे। बैग में 22 सौ रुपये, संस्कृति के कपड़े, किताब व अन्य सामान मिला था। राजेश का दूसरा साथी राकेश दो अन्य साथियों के साथ संस्कृति का मोबाइल बेचने की बात कहकर चला गया। 22 सौ रुपये नगद बंटवारे में राजेश को 7 सौ रुपये मिले थे।

कब क्या हुआ

- 21 जून को संस्कृति घर से बादशाह नगर स्टेशन के लिए निकली

- 22 को लापता होने पर रिश्तेदार ने गाजीपुर में दर्ज कराई थी रिपोर्ट

- 22 की सुबह 11.30 बजे घैला पुल के पास हाईवे से पांच सौ मीटर किनारे गंभीर हालत में मिली

- 22 को ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान मौत

- 22 को पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की

- कई लोगों से पूछताछ की गई और तीन साथी छात्रों का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट की कोर्ट से परमिशन ली गई

- 278 ऑटो ड्राइवर्स से पुलिस ने पूछताछ की

- 372 ओला और उबर के ड्राइवर से पूछताछ की

- 15.5 किमी तक के रूट पर पुलिस ने करीब 9 टॉवर के अलग-अलग सर्विस प्रोवाइडर की डिटेल खंगाली

- 8 लाख फोन नंबर खंगाले गये

- 20 हजार नंबर को शॉर्ट लिस्ट किया गया

- तीन बार पुलिस टीम ने मुंशी पुलिया से घटना स्थल तक पैदल और गाडि़यों से मार्च कर मौका मुआयना किया

- 5 हजार लोगों से पूछताछ की गई और 100 से ज्यादा मुखबिर तंत्र का जाल बिछाया गया

- 24 बड़े चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे और 'दृष्टि' कैमरे की फुटेज खंगाली गई

बाक्स

इन सवालों का नहीं मिला जवाब

सवाल 1 : मुंशी पुलिया से घैला पुल (करीब 15 किमी तक) बदमाश ऑटो में संस्कृति को लेकर घूमते रहे। संस्कृति ने बचाव का भी प्रयास किया। करीब 24 से ज्यादा चौराहे से गुजरने वाली ऑटो पर क्या किसी की नजर नहीं पड़ी?

सवाल 2 : संस्कृति का मोबाइल अब तक नहीं मिला। फोन टेढ़ी पुलिया पर स्विच ऑफ हो गया था। करीब 6 किमी तक वह ऑटो में रही। इस दौरान उसके फोन की लोकेशन के साथ बदमाशों के फोन की लोकेशन क्यों नहीं मिली?

सवाल 3 : पुलिस अब तक उस ऑटो को क्यों नहीं बरामद कर सकी, जिसमें संस्कृति के साथ घटना हुई थी? वह ऑटो किसके नाम पर थी? बदमाशों को ऑटो कैसे मिला?

सवाल 4 : संस्कृति को आखिरी बार मुंशी पुलिया चौराहे पर वह 8.31 बजे देखा गया, लेकिन 15 किमी तक ऑटो में सफर करने वाली संस्कृति क्यों नहीं किसी कैमरे की फुटेज में दिखी।

सवाल 5: गैंग का एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया जबकि तीन अन्य को पुलिस अब तक क्यों नहीं गिरफ्तार कर सकी?