- पीजी कोर्सेस में लिए जा रहे हैं प्रोविजनल एडमिशन

- एलयू ने प्रोविजनल एडमिशन पर रोक का किया था दावा

- पिछले साल एडमीशन में खेल का हुआ था खुलासा

LUCKNOW: एलयू में पीजी कोर्सेस में बैकडोर एडमिशन का खेल नहीं रुक रहा है। एक ओर जहां यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस बार प्रोविजनल एडमिशन पर रोक का दावा किया था वहीं पीजी में जमकर बैकडोर प्रोविजनल एडमिशन इस बार भी लिए जा रहे हैं। यह सारा खेल यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने चहेतों को एडमिशन देने के लिए कर रहा है। जबकि पिछले साल ही एलयू में प्रोविजनल के नाम पर फर्जी एडमिशन के मामले सामने आए थे। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी जरा-जरा सी शिकायतों को आधार बनाकर छात्रों पर कार्रवाई कर रही है।

अधूरे डाक्यूमेंट पर एडमिशन

मंडे को एलयू में पीजी एडमिशन की काउंसिलिंग पूरी हुई है। इसमें कई ऐसे स्टूडेंट्स को भी एडमिशन दिया गया है जिनके अभी तक लास्ट इयर के रिजल्ट भी नहीं आए हैं। काउंसिलिंग में शामिल कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि गोरखपुर और सिद्धार्थनगर यूनिवर्सिटी के लास्ट इयर का रिजल्ट नहीं आया है। ऐसे में वहां के स्टूडेंट्स को एलयू ने डॉक्यूमेंट पूरे न होने के बाद भी काउंसिलिंग में शामिल कर एडमिशन दे दिया। जबकि, एडमिशन कमेटी की बैठक में प्रोविजनल एडमीशन न देने का निर्णय लिया गया था।

बाक्स

फेल को भी दिया था एडमिशन

यह पहली बार नहीं है कि एलयू में प्रोविजनल एडमीशन के नाम पर बैकडोर एंट्री कराई जा रही है। पिछले साल भी इस तरह के मामले सामने आए थे। जिसमें, एक फेल स्टूडेंट को एडमिशन दे दिया गया था। एग्जाम के समय इसका खुलासा हुआ था। इसी तरह फिजिकल एजुकेशन में भी बिना वेरीफिकेशन के एडमिशन दिया गया था। यूजी एंट्रेंस एग्जाम के शुरू होने से पहले ही प्रोविजनल एडमीशन न देने की घोषणा की गई थी।

कोट

यह स्टूडेंट्स अपनी-अपनी यूनिवर्सिटी के टॉपर हैं। अभी इनके रिजल्ट नहीं आए हैं। इनका नुकसान न हो इसलिए वीसी ने अनुमति लेकर इन्हें एडमिशन दिया जा रहा है।

प्रो। अनिल मिश्रा,

एडमिशन कोऑर्डिनेटर