एसटीएफ ने किया था एमबीबीएस कॉपी घोटाले का भंडाफोड़

आठ महीने से पुलिस के पास पेंडिग पड़ी थी जांच

Meerut। आठ महीन पहले मेरठ में हुई एमबीबीएस कॉपी घोटाले की जांच आखिरकार लखनऊ एसआईटी को ट्रांसफर हो गई। एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि शासन के आदेश पर जांच से संबंधित दस्तावेज लखनऊ ट्रांसफर कर दिए गए हैं। अब इस केस में लखनऊ एसआईटी जांच करेगी और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी। जबकि एसटीएफ ने इस केस में सीसीएसयू के कर्मचारी समेत नौ लोगों को मुल्जिम बनाया हुआ है। सभी लोग जमानत पर रिहा है।

हो रहा था खेल

कई लोगों ने पुलिस पर जांच के नाम पर मोटी वसूली करने का आरोप भी लगाया था। इसकी भनक शासन तक पहुंच गई थी। शासन ने मामला का संज्ञान लेते हुए कॉपी घोटाले की जांच मेरठ पुलिस से हटाते हुए लखनऊ एसआईटी को ट्रांसफर कर दी।

ये थे मामला

गत 19 मार्च, 2018 को एसटीएफ सीओ ब्रिजेश कुमार ने एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिका बदलने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए सीसीएसयू के छात्र नेता कविराज पुत्र हरपाल सिंह, संविदा सफाई कर्मचारी कपिल कुमार पुत्र उदयराम सिंह, कर्मचारी पवन कुमार पुत्र सुलतान सिंह, संविदा सफाई कर्मचारी संदीप पुत्र गुलचंद को गिरफ्तार कर लिया था। इनके पास से एमबीबीएस की लिखी हुई उत्तर पुस्तिका भी बरामद हुई थी। गिरफ्तार हुए आरोपियों ने कुबूल किया था कि वह एक से डेढ़ लाख रुपये लेकर एमबीबीएस की उत्तर पुस्तिका बदल देते थे। एसटीएफ ने अपने मुकदमें में सीसीएसयू के दो कर्मचारी व एमबीबीएस कॉलेज के दो छात्रों को नामजद भी कर दिया था। एसटीएफ ने इस मुकदमें में कुल 9 लोगों को अभियुक्त बनाया था।

पेंडिंग में जांच

तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने इस केस की जांच सीओ ट्रैफिक संजीव देशवाल को सौंपी थी। हालांकि एसटीएफ सीओ संजीव देशवाल ने इस जांच में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई और इस जांच को पेंडिंग में डाल दिया।

9 लोगों को बनाया मुल्जिम

1. कविराज पुत्र हरपाल सिंह

2. सीसीएसयू के संविदा सफाई कर्मचारी कपिल कुमार पुत्र उदयराम सिंह

3. सीसीएसयू के कर्मचारी पवन कुमार पुत्र सुलतान सिंह

4. सीसीएसयू के संविदा सफाई कर्मचारी संदीप पुत्र गुलचंद

5. सीसीएसयू के कर्मचारी सलेक चंद

6. रिटायर्ड कर्मचारी सीपी सिंह

7. मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के दो छात्र

8. हरियाणा निवासी संदीप