- बिना शासन के अनुमति के खरीद लिए वाहन

देहरादून,

नगर निगम के दो नगर स्वास्थ्य अधिकारियों ने लग्जरी सरकारी वाहन में घूमने के शौक में नियम कायदे ही ताक पर रख दिए. पुरानी एंबेसडर कार को कबाड़ में खड़ी कर सिर्फ प्रस्ताव पर ही 2 नई टीयूवी 300 कारें खरीद ली. अब ये स्वास्थ्य अधिकारी इन्हीं कारों में घूम रहे हैं. नई कार खरीदने का प्रस्ताव सिर्फ निगम की बोर्ड बैठक में रखा गया था,शासन से अभी भी इसकी मंजूरी नहीं मिली है और अफसर नई कारों में घूमने भी लगे हैं.

शासन की अनुमति भी नहीं ली.

फरवरी महीने के आखिरी हफ्ते में नगर निगम बोर्ड मीटिंग हुई थी. बोर्ड में दो लग्जरी कारों की खरीद का प्रस्ताव रखा गया. प्रस्ताव को शासन से स्वीकृति मिलती इससे पहले ही बिना शासन की स्वीकृति के ही 7-7 लाख रुपए की दो कार खरीद ली. ये कार नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी और डॉ. आरके सिंह के लिए खरीदी गईं.

वीआईपी हुए स्वास्थ्य अधिकारी

नगर निगम के कई उच्चाधिकारियों के लिए निगम द्वारा बाहरी एजेंसियों से साधारण वाहन हायर किए गए हैं. वहीं, निगम के दो स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए लग्जरी वाहनों की खरीद सवाल उठा रही है. निगम के ये अधिकारी इतने वीआईपी कैसे हो गये, ये भी सवाल उठ रहा है. पहले दोनों अधिकारियों के पास एंबेसडर कार थीं, जिन्हें किनारे कर दिया गया है और दोनों अधिकारी अब लग्जरी वाहनों में फर्राटा भर रहे हैं.

14 लाख में खरीदी दो कार

महिंद्रा कंपनी की लग्जरी कार टीयूवी स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए खरीदी गई हैं. दोनों की कीमत करीब 14 लाख रुपए बताई जा रही है. हालांकि, निगम के अधिकारियों का खुद का कहना है कि एक लिमिट तक ही नगर निगम अपने स्तर से खरीद कर सकता है, लेकिन महंगी वस्तुओं की खरीद के लिए शासन से अनुमति लेना जरूरी है.

पुरानी एंबेसडर कबाड़

नये वाहनों की खरीद के बाद अब पुरानी एंबेसडर कार कबाड़ मानी जा रही हैं. इन्हें निगम की पार्किग में खड़ा कर दिया गया है. हालांकि, इन्हीं कारों के जरिए अब तक स्वास्थ्य अधिकारी ऑफीशियल काम निपटा रहे थे.

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दो कार खरीदी गई हैं. खरीद से पहले निगम के बोर्ड में प्रस्ताव रखा गया और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके ही वाहनों की खरीद की गई है. खरीद का लेखा जोखा शासन को भेजा जाएगा.

सुनील उनियाल गामा, मेयर