LUCKNOW: देश के कुछ राज्यों में स्कूलों में 'वंदे मातरम’ गाने को लेकर उठा विवाद अभी शांत नहीं हुआ था कि यूपी में भी इस बाबत आदेश जारी होने के बाद विरोध के सुर उठने लगे हैं। दरअसल, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी मदरसों में झंडारोहण के बाद छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रगान गाने और पूरे कार्यक्रम की पहली बार फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराए जाने के निर्देश दिए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि आदेश का पूरी तरह पालन कराया जाए।

 

तीन अगस्त को आदेश
दरअसल, मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से यह आदेश विगत तीन अगस्त को जारी किया गया था। इसमें साफ कहा गया कि प्रदेश के सभी मदरसों में स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए। परिषद ने स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में होने वाले आयोजन का मिनट टू मिनट कार्यक्रम भी जारी किया है। सुबह आठ बजे झंडारोहण के बाद राष्ट्रगान गाने को कहा गया है तो इसके दस मिनट बाद स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जानी है। इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालने, मदरसे के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीतों का प्रस्तुतीकरण, स्वतंत्रता दिवस की पृष्ठभूमि तथा स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व शहीदों के बारे में जानकारी देना, राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन और अंत में मिष्ठान्न वितरण शामिल है।

दोहराए जाएंगे अच्छे कार्यक्रम
पत्र में स्वतंत्रता दिवस समारोह की वीडियोग्राफी कराए जाने की वजह भी बताई गयी है। सूबे के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से कहा गया है कि मदरसों में कार्यक्रम के आयोजन का पालन कराने की आख्या भेजने के साथ पूरे कार्यक्रम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी हासिल की जाए ताकि जिन मदरसों में अच्छी तरह से यह आयोजित हो उसे भविष्य में दोहराया और प्रोत्साहित किया जा सके। निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को आदेश का अनुपालन कराने के निर्देश भेजे गये हैं। 

 

हर साल होता है कार्यक्रम
इस बाबत मुस्लिम संगठनों का कहना है कि मदरसों में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण व राष्ट्रगान की पुरानी परंपरा है। हालांकि पहली बार कार्यक्रम की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने को लेकर आशंका जताई जा रही है।

 

बच्चों के सम्मान को ठेस: शाइस्ता
ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुद किसी मदरसे में जाकर झंडारोहण करना चाहिए। इससे उन्हें पता चल जाएगा कि मदरसों में इसकी पुरानी परंपरा रही है। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने का आदेश मदरसों में पढऩे वाले बच्चों के सम्मान और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है।

 

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